बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 8 दिसंबर। गौठानों में पर्याप्त चारा-पानी की उपलब्धता नहीं होने की शिकायतों को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए 24 नवंबर को सभी जनपद पंचायत सीईओ को गौठानों में प्राप्त चारा पानी की व्यवस्था करने को कहा है, लेकिन वर्तमान स्थिति में गोठान व्यवस्था को लेकर कलेक्टर के निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। जिसके चलते क्षेत्र में गौवंशों की मृत्यु हो रही है। जनपद पंचायत कसडोल के अंतर्गत ग्राम मडकड़ा के गौठान में बुधवार को चारा-पानी की अभाव में गायों की मौत होगई।
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु वर्मा से संपर्क करने पर कहा कि मालदा का सचिव को इस समय निलंबित कर दिया गया था और अभी भी निलंबित है तथा मडकड़ा सचिव सरपंच को नोटिस दिया है।
ज्ञात हो कि कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया है कि गोठान में समुचित व्यवस्था को लेकर किसी भी प्रकार का बहानेबाजी नहीं चलेगी, साथ ही गोठानों के व्यवस्था संबंधित मूलभूत कार्यों को करना अनिवार्य है। इसके लिए सभी पंचायत सचिवों की रूटीन में ड्यूटी लगवाई गई है। किसी भी स्थिति में गोठान के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही उन्हें पशु चिकित्सालय विभाग को सभी को गोठानों में जाकर पशुओं का नियमित स्वास्थ्य चेकअप करने कहा गया है। आवश्यकता पडऩे पर सभी गोठानों में शिविर लगाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
जनपद पंचायत कसडोल के अंतर्गत ग्राम मडकड़ा के गौठान में बुधवार 6 दिसंबर को चारा-पानी की अभाव में गायों की हुई मौत ने प्रशासन की आदेश को ठेंगा दिखा दिया। जहां जनपद प्रतिनिधियों की निष्क्रियता के चलते चारा पानी देखरेख़ की अभाव में गायों की हुई मौत ने जमीनी हकीकत को जग जाहिर करते हुए गोठानों विकास की पोल खोल दी।
मडकड़ा पंचायत की गोठान नदी किनारे बनाया गया है, जहां कुछ जगह को लकड़ी का खंबा में तार की घेराबंदी कर खुले आसमान के नीचे गायों को रखा गया है। जहां पर देखरेख चार नहीं होने के कारण गायों की मौत हो गई है, वहीं गोठानों में ही घायल व्यवस्था में एक गाय जमीन में पड़ा मिला।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व ग्राम पंचायत मडकड़ा के पास ही ग्राम पंचायत मलदा सहित कई गांव के गठानों में भी बड़ी संख्या में गायों की मौत चार पानी का अभाव में हो गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।