रायपुर

पेड़ों की कटाई पांचवी अनुसूची, पेसा-वनाधिकार कानून का खुला उल्लंघन
28-Dec-2023 7:08 PM
पेड़ों की कटाई पांचवी अनुसूची, पेसा-वनाधिकार कानून का खुला उल्लंघन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 28 दिसंबर। हसदेव आरण्य क्षेत्र में कोल खनन के लिए जंगलों की कटाई पर रोक लगाने क्षेत्र के आदिवासी समुदाय ने राज्यपाल के नाम पत्र के माध्यम से सवैधानिक अधिकारों की रक्षा और हसदेव अरण्य के संरक्षण की मांग उठाई है। राजधानी में रैली निकाल जन संगठनों ने एक बयान जारी कर कहा कि हसदेव अरण्य मध्य भारत का समृद्ध वन क्षेत्र है जो जैव विविधता से परिपूर्ण कई विलुप्तप्राय वनस्पति और जीव-जन्तुओं का रहवास है। यह जंगल हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध का केचमेंट है जिससे जाजगीर, रायगढ़, कोरबा और बिलासपुर जिले की 4 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है।

भारतीय वन्य जीव संस्थान  ने हाल ही हसदेव अरण्य क्षेत्र पर  अध्ययन किया है। जिसकी रिपोर्ट छत्तीसगढ़ शासन को सौंपी गई है। रिपोर्ट में सम्पूर्ण हसदेव अरण्य क्षेत्र को खनन गतिविधियों से मुक्त रखने की सिफारिश की गई है। डब्लूआईआई ने चेतवानी में कहा कि  यदि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन की अनुमति दी गई तो न सिर्फ हसदेव नदी और पर्यावरण का विनाश होगा।

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