रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 दिसंबर। आरटीआई के तहत जानकारी न देने को लेकर पीएससी ने एक बयान जारी किया है।व्यवहार न्यायाधीश परीक्षा-2022 के विज्ञापन के साथ प्रकाशित परीक्षा योजना की कंडिका 6(ड्ड) में, प्रारंभिक परीक्षा की अंकसूची जारी न किए जाने संबंधी स्पष्ट उल्लेख है। साथ ही विज्ञापन की कंडिका 17 में भी स्पष्ट रुप से उल्लेखित किया गया है कि च्च्किसी भी लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार से संबंधित प्राप्तांकों की सूची तभी जारी की जाएगी जब संबधित विज्ञापन के माध्यम से विज्ञापित पदों हेतु अंतिम चयन सूची जारी कर दी जाए। विज्ञापन की कंडिका 19 में उल्लेखित है कि च्च्दावा आपत्ति निराकरण के बाद अंतिम चयन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात संशोधित मॉडल उत्तर आयोग के वेबसाईड में जारी किया जाएगा।ज्ज्
उक्त कंडिकाओं के तहत अंतिम चयन सूची जारी होने के पूर्व आवेदकों को सामान्य अथवा सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत आवेदन के आधार पर प्राप्ताकों, कट ऑफ अंकों अथवा मॉडल उत्तर संबंधी जानकारी एवं उत्तर पुस्तिका की प्रति आदि प्रदान नहीं की जाती है। कुछ खबरों में राज्य सूचना आयोग के आदेश पर भी छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा व्यवहार न्यायाधीश परीक्षा-2022 के कट ऑफ मार्क्स, संशोधित मॉडल उत्तर, आवेदक के प्राप्तांक और ओएमआर शीट की प्रति प्रदान नहीं की गई है। उक्त के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन की कंडिकाओं के तहत जानकारी प्रदान नहीं की गई थी तथा राज्य सूचना आयोग के जानकारी प्रदान करने के आदेश पर संदर्भित प्रकरण में आदेश के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 08 दिसंबर को याचिका दायर की है। लोक सेवा आयोग ने 25 दिसम्बर तक उच्च न्यायालय में कोई रिट दायर नहीं की है साथ ही कतिपय समाचार पत्रों द्वारा राज्य सूचना आयोग में पी.एस.सी. की तरफ से उपस्थित अधिकारी तथा उनके द्वारा राज्य सूचना आयोग के समक्ष किए गए कथन के संबंध में गलत जानकारी प्रकाशित की गई है जो कि असत्य है।