कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 7 फरवरी। दक्षिण वन मंडल कोण्डागांव अंतर्गत वन परिक्षेत्र दहीकोंगा में शामिल कमेला गांव के जंगल में कुछ ग्रामीणों के द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किया गया है। इस कब्जा को विभागीय आदेश के चलते वन अमला हटाने पहुंचा था। वन अमला की करवाई को रोकने के लिए अतिक्रमणकारियों ने पहले तो बुलडोजर के सामने लेटकर प्रदर्शन किया। इसके बाद भी जब वन अमला नहीं रुक तो अतिक्रमणकारियों ने छेड़छाड़ और बदसलूकी की झूठा शिकायत लेकर कोण्डागांव के सिटी कोतवाली पुलिस के पास पहुंचे।
वन विभाग ने कार्रवाई का वीडियो सामने रखते हुए दावा किया है कि शांतिपूर्ण तरीके से अतिक्रमण हटाने की कोशिश की गई है। इस शांतिपूर्ण कार्रवाई का वीडियो स्वयं अतिक्रमण करने वालों ने भी बनाया है।
विकासखंड कोण्डागांव अंतर्गत ग्राम पंचायत कमेला के नमेराम, लक्षण बघेल और राम पांडे समेत अन्य ग्रामीणों का दल सिटी कोतवाली पुलिस के पास शिकायत दर्ज करने के लिए पहुंचा। ग्रामीणों का शिकायत है कि, वन विभाग के माध्यम से उन्हें उनके काबिज भूमि से बेदखल कराया जा रहा है। इस बेदखली के दौरान महिलाएं, बुजुर्गों समेत सभी के साथ बदसलूकी व मारपीट की गई है।
इस पूरे मामले पर वन परिक्षेत्र अधिकारी बिजेंद शर्मा ने कार्रवाई का फुटेज दिखाते हुए जानकारी दी कि, मामला 6 - 7 साल पुराना हैं। दरअसल दक्षिण वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र दहीकोंगा के कमेला गांव निवासी नमेराम, लक्षण बघेल और राम पांडे ने जंगल में कब्जा किया है। कब्जा हटाने के लिए वन मंडल अधिकारी के माध्यम से नोटिस जारी किया गया था, जिस नोटिस को उप सचिव मंत्रालय रायपुर में अतिक्रमणकारियों ने चैलेंज दिया किया। लेकिन अतिक्रमणकारियों ने 13 दिसंबर 2005 के पूर्व का कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जिसके चलते प्रकरण खारिज कर दिया गया।
आज वन अमला, पुलिस बल, महिला पुलिस बल और महिला कर्मचारियों के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचा था। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि, अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पहुंचे कर्मचारियों को रोकने की ग्रामीणों के द्वारा हर संभव कोशिश किया है। यहां तक ग्रामीण जेसीबी के सामने लेटने से भी नहीं चूक रहे थे।