राजनांदगांव
महान संत की अस्थियों को भक्त ले गए घर, कल मुनिश्री समय सागर आचार्य पद करेंगे ग्रहण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 फरवरी। डोंगरगढ़ स्थित चंदगिरि में समाधि लेने वाले महान संतश्री 108 विद्यासागर महाराज की अस्थि फूल को चुनने के दौरान उनके अनुयायी जहां भाव-विभोर हो गए। अस्थि संकलन की प्रक्रिया के लिए बड़ी संख्या में अनुयायी और भक्त मौजूद थे। मंगलवार को चंद्रगिरी तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों के अलावा जैन समाज के प्रबुद्ध लोगों की मौजूदगी में अस्थियों का संकलन किया गया।
25 फरवरी को देशभर में सामूहिक गुरू विनयांजलि का आह्वान भी किया गया है। इस दिन दोपहर एक बजे शहरों में आचार्य को याद करने के लिए प्रार्थना सभा होंगी। इस बीच डोंगरगढ़ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु समूचे राष्ट्र से पहुंच रहे हैं। संत को आखिरी विदाई देने के पल से दूर रहने वाले श्रद्धालुओं में उनकी अस्थियों का दर्शन करने की होड़ मची हुई है। भक्त उनकी समाधि स्थल में पहुंचकर अस्थियों के अंश को घर ले जा रहे हैं। अस्थियों को पवित्र मानकर उसकी पूजा-अर्चना भी की जा रही है। कई भक्त अस्थियों राख को माथे में भी लगा रहे हैं। जैन समाज के अलावा गैर जैन समाज के लोग भी आचार्य विद्यासागर के दुनिया से गुजर जाने की घटना को लेकर गमगीन है। जैन समाज की ओर से देशभर से आने वाले भक्तों की ठहरने और रूकने की व्यवस्था भी की जा रही है। समाज के कई व्यक्ति दिन-रात तीर्थस्थल में मौजूद रहकर संत से जुड़े भक्तों की सेवा-सत्कार भी कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि 22 फरवरी को एक और अवसर सामने आएगा, जिसमें बालाघाट से पैदल डोंगरगढ़ के लिए विहार कर रहे संत मुनिश्री समय सागर आचार्य का पद ग्रहण करेंगे। उनके पहुंचने पर समाधि स्थल में अस्थि कलश को स्थापित किया जाएगा। डोंगरगढ़ में भक्तों की लगातार भीड़ उमड़ रही है। बताया जा रहा है कि संत विद्यासागर महाराज के पूरे देश में लाखों लोग अनुयायी के तौर पर जुड़े हुए थे। उनकी समाधि की घटना से भक्तों में शोक का माहौल है। विनयांजलि कार्यक्रम के बाद विधिवत रूप से नए आचार्य मुनिश्री समय सागर धर्म-कर्म के रिवाज को आगे बढ़ाएंगे।