महासमुन्द
शाम होते ही शराबियों का हुजूम अस्पताल परिसर के भीतर आ पहुंचता है, देर रात तक लगी रहती है महफिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 मार्च। शहर के नयापारा स्थित शहरी प्राथमिक चिकित्सालय में बाउंड्रीवाल नहीं होने की वजह से अब यह चिकित्सालय प्रांगण असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। अस्पताल निर्माण के बाद से अस्पताल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन द्वारा बाउंड्रीवाल निर्माण को लेकर पत्र व्यवहार किया जाता रहा। लेकिन आज तक बाउंड्रीवाल का निर्माण नहीं किया जा सका।
मालूम हो कि दानदाता मनोज जॉन ने यहां बाउंड्रीवाल तथा पहुंच मार्ग बनाने के लिए 100.20 मीटर भूमि अस्पताल को दान में दी थी, लेकिन कुछ तत्व यहां बाउंड्रीवाल बनने का ही विरोध कर रहे हैं। फलस्वरूप अब अस्पताल के उन्नयन पर ब्रेक लग गया है।
मिली जानकारी के अनुसार 30 बिस्तर के इस अस्पताल में 24 घंटे सामान्य प्रसव की सुविधा होने की वजह से यहां स्टाफ नर्स को 24 घंटे ड्यूटी देनी होती है। यहां बड़ी संख्या में प्रसूताएं भर्ती रहती हंै। ऐसे में अस्पताल प्रांगण में ही असामाजिक तत्व हुजूम लगाकर शराब पीते हैं। शाम होते ही यहां शराबियों की भीड़ जमा रहती है। फलस्वरूप यहां आने वाली महिलाएं तथा नर्सेस स्वयं को असुरक्षित मानती हैं। पूर्व में अनेक बार अज्ञात तत्वों ने अस्पताल की खिड़कियां, दरवाजों को तोड़ डाला था। इसकी शिकायत भी पुलिस में की गई थी।
सिटी क्लीनिक सूत्रों ने बताया कि पूर्व में भी यहां बाउंड्रीवाल बनाने का प्रयास किया गया था। लेकिनए कुछ लोगों के विरोध की वजह से ठेकेदारों को काम बंद कर बैरंग लौटना पड़ा था।
पल्स पोलियो को लेकर शहरी प्राथमिक चिकित्सालय पहुंचे कलेक्टर ने भी इस अस्पताल की व्यवस्था देखी। इस दौरान अस्पताल कर्मियों ने कलेक्टर प्रभात मलिक को बाउंड्रीवाल तथा असामाजिक तत्वों के विषय में खुलकर चर्चा की। कर्मियों ने कहा कि यदि सक्षम अधिकारी यहां उपस्थित हो जाएं तो एक ही दिन में बाउंड्रीवाल तैयार हो जाएगी।
कर्मियों ने कहा कि कुछेक व्यक्ति तो अस्पताल निर्माण के बाद से अस्पताल की ओर ही अपने घर का दरवाजा खोल रखा है। ताकि बाउंड्रीवाल न बन सके। इस संबंध में एसडीएम उमेश साहू से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।