महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,11मार्च। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद के सचिव दामोदर प्रसाद चन्द्रा सेमिली जानकारी अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश अनिता डहरिया के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में जिला न्यायालय तथा तालुका स्थित न्यायालयों में लोक अदालत के खंडपीठ के माध्यम से श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकों के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री.लिटिगेशन मामले एवं राजस्व से संबंधित प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया।
इसी तारतम्य में प्रकरणों में समझौते हुए। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पिता का पुत्र व नाती के मध्य लंबे अरसे सेे चल रहे दाण्डिक प्रकरण का भी निराकरण कराया गया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सरायपाली के न्यायालय में दांडिक प्रकरण में पिता पुत्र व नाती के मध्य आपसी घरेलू विवाद का मामला न्यायालय में तीन वर्ष से लंबित था। जिसे प्रार्थी के द्वारा अपने पुत्र एवं नाती के साथ रहने के लिए हंसी खुशी से राजी हुए।
एक मामले में पक्षकारों के मध्य आपसी लेन देन की बात को लेकर विवाद था। जो न्यायालय में तीन वर्ष से लंबित था। सिे बी नेशनल लोक अदालत के माध्यम से समझाइश के बाद सुलह समझौता कर लिया गया। एक मामले में पति पत्नी के बीच विवाद था। उनका एक नवजात बच्चा भी था। यह मामूली विवाद न्यायालय के समक्ष आ गया। दोनों पक्षों को विविध सेवा प्राधिकरण से नि:शूल्क विधिक सहायता योजना के तहत अधिवक्ता उपलब्ध कराया गया था। जिसे लोक अदालत में दोनों पक्षों को आपस में बिठाकर उसकी काउसलिंग की और उन्हें दाम्पत्य जीवन के महत्व को समझाया गया। आपसी बातचीत और समझाइश के आधार पर पक्षकारों ने राजीनामा कर मामला समाप्त कर लिया।