बलौदा बाजार
18 मार्च तक कोर्ट में पेश होने के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार,16 मार्च। एसपी के खिलाफ शिकायत क्या की पुलिस वालों ने कारोबारी को घर से ही उठा लिया। जबरिया थाने ले गए, जुआ खिलाने का आरोप लगाते हुए बेदम पिटाई कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने खाकी की गर्मी उतार दी है। बिना वारंट घर घुसने और बिना केस पूछताछ और मारपीट करने के मामले में हाईकोर्ट ने एक टीआई समेत दो पुलिस जवानों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों पुलिस जवान तो हाजिरी लगाने पहुंचे, लेकिन टीआई नहीं आए। अब हाईकोर्ट ने भी टीआई के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। आगामी 18 मार्च तक उसे कोर्ट में पेश होना होने कहा गया है।
पूरा मामला बीते सितंबर का है, पांहदा रोड पर रहने वाले लोहा व छड़ कारोबारी राजनारायण साहू ने तत्कालीन एसपी के खिलाफ विभाग के आला अफसर से शिकायत की थी।
19 सितंबर को साइबर सेल प्रभारी प्रवेश तिवारी दो आरक्षकों मुकेश रात्रि और जितेंद्र निषाद के साथ राजनारायण के घर घुस गए। पुलिस बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी में राजनारायण के घर पहुंची थी। बिना वारंट कारोबारी को घर से उठाकर साइबर ले गए। कहने लगे तुम सट्टा खिलाने हो, इसी बात पर कई झापड़ जड़ दिए। मोबाइल भी छीन लिया।
यहां से पुलिस उसे बलौदाबाजार के सिटी कोतवाली थाने ले गई, बिना केस बनाए ही यहां से छोड़ दिया। राजनारायण लगातार पूछते रहे कि मेरी गलती क्या है। घर से थाने लाने के लिए कोर्ट का कोई वारंट भी है। अगर मैंने कोई गलती की है तो मेरे खिलाफ केस दर्ज क्यों नहीं करते। लेकिन पुलिस वालों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। राजनारायण कहते हैं कि एसपी के खिलाफ की गई कंप्लेंट वापस लेने के लिए भी मारपीट कर मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश की गई है।
सबसे पहले खुद की जांच करवाई, फुटेज भी निकलवाए
पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने के बाद लोहा कारोबारी सबसे पहले सरकारी अस्पताल गए, डॉक्टरी मुलाहिजा कराया, इससे उनके साथ की गई मारपीट की पुष्टि हो गई। यही नहीं उन्होंने अपने घर और थाने में लगे सीसीटीवी के फुटेज भी निकलवाए। इसमें भी यह बात साबित हो गई कि पुलिस उन्हें थाने ले गई थी मारपीट की। जबकि इस दिन उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया था। हाईकोर्ट ने इसे भी अहम सबूत मानते हुए कारोबारी से मारपीट करने वाले तीनों पुलिस वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज के निर्देश जारी किए हैं।
हाईकोर्ट का निर्देश -हर थाने में लगवाए जाएं सीसीटीवी
पुलिस के काम में पारदर्शिता लाने और लोगों के साथ होने वाली पुलिसिया दुव्र्यवहार को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने इसी साल एक आदेश जारी किया है। इसके तहत हाईकोर्ट ने बीजेपी को नोटिस जारी करते हुए सभी थानों में सीसीटीवी लगवाने के निर्देश दिए हैं। रायगढ़ की कोटरा पुलिस पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर एक लाख की अवैध वसूली करने का मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया था। फुटेज की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिलों के एसपी को सौंप गई है।
निक्कू सलूजा मौत में पहले ही किरकिरी
बलौदाबाजार पुलिस की इससे पहले निक्कू सलूजा मौत कांड में किरकिरी हुई थी। बात 2017 की है। निक्कू सलूजा की पुलिस कस्टडी में हार्ट अटैक से मौत हो गई। काफी दबाव के बाद फिर दर्ज हुई कोर्ट ने ट्रैफिक टीआई धीरज मरकाम समेत अन्य दोषी पुलिस वालों को जेल भेजा।
मामले में इन धाराओं के तहत दर्ज की गई है फिर गंभीरता समझे
धारा 294 इसके तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कृतियों या शब्दों का इस्तेमाल करने पर दंड का प्रावधान है। धारा 323 जानबूझकर किसी को चोट पहुंचने पर यह धारा लगती है। 1000 जुर्म एक साल की सजा का प्रावधान। धारा 306 आत्महत्या के लिए उकसाने पर यह धारा लगती है। साबित होने पर 10 साल तक की कैद और जुर्माना का प्रावधान है। धारा 452 बिना अनुमति घर घुसने करने और अनर्गल किसी बात के लिए दबाव बनाने पर यह धारा लगती है। ये गैर जमानती धारा है।
हिरासत में मारपीट - अधिवक्ता
पीडि़त के अधिवक्ता योगेश नामदेव का कहना है कि बलौदाबाजार में पुलिस नया बस स्टैंड के पास सट्टा पर कार्रवाई करने गई थी। यहां राज नारायण साहू का नाम लिए जाने पर बिना जांच और उच्च अधिकारियों को सूचना दिए साइबर सेल प्रभारी प्रवेश तिवारी सीधे राजनारायण के घर गए, हिरासत में लेकर पुलिस मारपीट की।
पीडि़त राजनारायण साहू ने आरोप लगाते कहा कि पुलिस मुझे घर से जबरदस्ती उठा कर ले गई। एसपी के खिलाफ लगाई गई अवमानना याचिका को वापस लेने का मुझ पर दबाव बनाया। इसी वजह से मेरे साथ मारपीट की गई। उच्च अफसर से शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी, कोर्ट ने आदेश दिया, तब जाकर फिर लिखी।