महासमुन्द
महासमुंद,17 मार्च। स्थानीय मिनी स्टेडियम में शनिवार से कथावाचक पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज द्वारा भागवत कथा का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि भागवत जीवन जीने की कला है। अत: भागवत की कथा को जीवन में उतारें। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत भगवान के सभी 24 अवतारों का विग्रह है। भागवत संपूर्ण ग्रंथों का सार है एवं संतों की प्रसादी है। कहा कि संसार में सब कुछ वापस आ सकता है। समय को छोडक़र। इसलिये हमें समय की कीमत को पहचानना होगा। हम सबके लिए समय अमूल्य हीरा है। जिसने भी सच्चे मन से भागवत कथा का श्रवण किया है, उनका जीवन धन्य हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमें मनुष्य जीवन मिला, हम अत्यंत सौभाग्यशाली हंै। हमारा जीवन प्रभु के चरणों में समर्पण होना चाहिये। पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने भागवत कथा का अमृत श्रवण कराते हुये भक्त जनों से कहा कि आध्यात्मिक जीवन आत्मिक सुख का निश्चित हेतु है। जिन पर मनुष्य की आंतरिक तथा बाह्य दोनों प्रकार की उन्नति एवं समृद्धियां अवलंबित है। सांसारिक उपलब्धियां प्राप्त करने के लिये भी जिन परिश्रम, पुरुषार्थ, सहयोग, सहकारिता आदि गुणों की आवश्यकता होती है, वे सब आध्यात्मिक जीवन के ही अंग है। मनुष्य का आंतरिक विकास तो आध्यात्मक के बिना हो ही नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत कथा मनुष्य के जीवन दर्शन का सार है। जिससे आध्यात्मिक उन्नति संभव है। कथा के प्रथम दिवस मुख्य यजमान सुशील शर्मा सहित सह यजमान धर्मेन्द्र महोबिया, रमेश साहू, मुन्ना साहू, येतराम साहू, संदीप दीवान,एम आर विश्वनाथन,अनुज पांडेय, दिग्विजय साहू, पप्पू ठाकुर, मनीष शर्मा सपरिवार उपस्थित हुए।
इस अवसर पर पंडित जवाहर त्रिवेदी, अर्पित त्रिपाठी, नवलकिशोर दुबे सहित समस्त आचार्यों ने मंत्रोच्चार के साथ व्यास, श्रीमद भागवत एवं गोपाल पूजन कराया। प्रथम दिवस कथा के अवसर पर टेकराम सेन, ललिता अग्रवाल, सुधा साहू, मीना वर्मा, प्रिया योगेश्वर राजू सिन्हा, आनंद गिरि गोस्वामी, अग्रज शर्मा, राजश्री ठाकुर,घनाराम साहू, शुभ्रा शर्मा, मुन्ना देवार,ललिता प्रकाश चंद्राकर, राजेश्वरी सिन्हा, चुनेश्वरी साहू, लता चंद्राकर,लक्ष्मी साहू, श्रुति शर्मा, गुलाब ठाकुर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे।