दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 मार्च। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विगत दिनों स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय नेवई में सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अंकुश देवांगन द्वारा निर्मित आर्यभट्ट की भव्य प्रतिमा का उद्घाटन किया।
उन्होंने मंच पर कलाकार का शाल और हार से सम्मान करते हुए उनके कलाकार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। इस दौरान उप मुख्यमंत्रीद्वय विजय शर्मा, अरूण साव तथा सांसद विजय बघेल के साथ ही विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, ईश्वर साहू, विश्वविद्यालय के कुलपति तथा सैकड़ो की तादात मे दर्शकगण मौजूद थे।
उद्धाटन समारोह में मंच पर सांसद विजय बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अंकुश देवांगन का विस्तृत परिचय करवाया। उन्होंने बताया कि अंकुश ने दल्ली राजहरा मे छ: मंजिली इमारत जितना विशाल कृष्ण-अर्जुन भीष्म पितामह लोहे का रथ बनाया है। जिसे विश्व का सबसे बड़ा लौहरथ माना जाता है। रायपुर के पुरखौती मुक्तागन में दुनिया के सबसे लंबे भित्तिचित्र कला के अलावा उन्होंने दुनिया की सबसे छोटी मूर्तिया भी बनाई है जिसे देखने के लिए माइक्रो पावर लैंस की आवश्यकता पड़ती है। मुख्यमंत्री तथा दोनों उपमुख्यमंत्रियो ने सांसद के मुख से कलाकार की तारीफ से अल्हादित होते हुए कलाकार के सुखद भविष्य की कामना की है।
ज्ञात हो कि स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय नेवई में भारत के महान ऋषि-मुनियों के नाम अनुरूप अलग-अलग भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें अंकुश देवांगन द्वारा बनाई गई मूर्तियों की स्थापना की गई है। भिलाई में अंकुश ने अनेक नयनाभिराम कलाकृतियों का निर्माण किया है, जिसमें सिविक सेंटर का भव्य कृष्ण अर्जुन रथ, रूआबाधा का पंथी चौक, बोरिया गेट का प्रधानमंत्री ट्राफी चौक, सेक्टर 1 का श्रमवीर चौक शामिल है। इसके अलावा देश के अनेक शहरो में उन्होंने भव्य से भव्यतम कलाकृतियों का निर्माण किया है। वे छत्तीसगढ़ के प्रथम कलाकार हैं जिन्हें भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ललित कला अकादमी, नई दिल्ली में एक्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर का दायित्व मिला है। अंकुश देवांगन ने सांसद द्वारा भरे मंच में उनके कार्य की प्रशंसा किए जाने पर उनका आभार व्यक्त किया है।