महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 मार्च। महासमुंद के मिनी स्टेडियम में चल रहे भागवत कथा के छठवें दिन देश के ख्याति नाम कथावाचक पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने नंदोत्सव कृष्ण के दर्शन लीला, बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन लीला का प्रसंग सुनाई।
कथा के छठवें दिन मुख्य यजमान सुशील शर्मा, डॉ. मंजू शर्मा, आचार्य जवाहर त्रिवेदी, अर्पित त्रिपाठी, नवल किशोर दुबे, प्रिया योगेश्वर राजू सिन्हा ने मंगल आरती करते हुये व्यासपीठ को नमन किया।
कथावाचक पं.हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि हमारा धर्म हमारी संस्कृति सबसे प्राचीन है। हमारे साधु संत भूत और भविष्य बताने के साथ भूत और भविष्य बदल सकते हैं। हमारा धर्म और वेद बहुत श्रेष्ठ हैं। हमारे वेदों के मंत्रों में वो शक्ति है जो आकाश में बैठे देवी.देवताओं को धरती में लाने का सामथ्र्य रखते हैं। उन्होंने हमारे देश के ख्यातिनाम साधु संतों का उल्लेख करते हुये कहा कि हमारे साधु संत और विद्वान ं प्रत्येक मानव को जीवन की वास्तविकता से ज्ञात कराता है। हमारे साधु संत और विद्वान खुली किताब की तरह होते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जब हम सुबह सोठकर उठते हैं धरती मां को प्रणाम करें। अच्छे साहित्य व कथा का श्रवण करें या पढ़ें। आज भी यह संस्कार हम सब में होना चाहिये क्योंकि यह हमारे संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक कथा के प्रसंग के माध्यम से उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को धन, सुन्दरता और ज्ञान का अहंकार होता है समय आने पर सभी का नाश होता है। हमें सभी का सम्मान करना चाहिये एवं आशीर्वाद लेना चाहिये। कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण रुखमणी विवाह के प्रसंग पर व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर, घनश्याम सोनी, नंदूराम सिन्हा, चुम्पेश्वरी सिन्हा, विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, आनंद साहू, अमित हिशिकर, ज्ञानसिंह चंदेल, आनंद गिरि गोस्वामी, अग्रज शर्मा, देवीचंद ज्योति राठी, गोविन्द साहू, किरण ढीढी, अनिता सिन्हा, नत्थू साहू, संतोष राठी, श्याम साकरकर,हेमलाल चंद्राकर सोरमसिंघी, कर्मा जागृति मंच, लाल विजय सिंह देव, सह यजमान उमेश श्रद्घा चंद्राकर, सागर नम्रता कश्यप, रितु कल्पना, योगेश पूनम चंदेल, आकाश आकांक्षा पांडेय, जगदीश शकुन्तला साहू, केके उषा शर्मा, गोपीचंद रोशनी साहू, भाऊराम साहू सपरिवार, एमआर विश्वनाथन, पप्पू ठाकुर सहित बड़ी संख्या में भक्त जन उपस्थित थे। उक्त जानकारी टेकराम सेन, राज श्री ठाकुर ने दी है।