बीजापुर

आदिवासी नेता को अनपढ़ बताकर भाजपा माँग रही आदिवासियों से वोट - बसंत ताटी
03-Apr-2024 10:12 PM
आदिवासी नेता को अनपढ़ बताकर भाजपा माँग रही आदिवासियों से वोट - बसंत ताटी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भोपालपटनम, 3 अप्रैल। लोकसभा उम्मीदवार कवासी लखमा को अनपढ़ कॉमेडी नेता  के बयान पर राजनीति गरमा गई है। जिला पंचायत सदस्य बसन्त राव ताटी ने प्रेस नोट जारी कर भाजपा नेताओं को माफी मांगनी चाहिए कहा है।

बसंत राव ताटी ने कहा है कि यह बयान न केवल अपनी जमीन से जुड़े और पारंपरिक संस्कृति के  रंग में रँगे, समुदाय के सुख-दुख में साथ रहने वाले एक आदिवासी नेता का अपमान है, बल्कि अपने सच्चे प्रतिनिधि के रूप में लखमा दादी को 6 बार विधानसभा भेजने वाले कोंटा क्षेत्र के आदिवासी मतदाताओं का भी सीधा अपमान है।

ताटी ने आगे कहा कि इस बयान से यह भी सिद्ध होता है कि भाजपा दलितों और आदिवासियों की हितचिंतक  नहीं बल्कि तथाकथित अभिजात्य वर्ग की पार्टी है। भाजपा नेताओं का यह बयान उनकी पार्टी के असली चरित्र और दूषित मानसिकता को उजागर करता है। कॉमेडी तो भाजपा नेता कर रहे हैं। वे जिस समुदाय के प्रतिनिधि को ‘अनपढ़’ बताकर अपमानित कर रहे हैं, उसी समुदाय से वोट भी माँग रहे हैं।

बसंत ताटी ने इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि भाजपा नेता शायद यह भूल गये हैं कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र से सबसे पहले लोकसभा पहुँचने वाले आदिवासी सांसद मुचाकी कोसा जी और विधानसभा में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले रामा कोंदा जी भी अनपढ़ ही थे। उनके प्रतिनिधित्व से आदिवासी समाज का सम्मान कम नहीं हुआ था, बल्कि उन्होंने अपने समुदाय को गौरवान्वित किया था।

जिला पंचायत सदस्य बसंत ताटी ने बताया कि संविधान ने भारत के पढ़े-लिखे और अनपढ़ - सभी नागरिकों को जनप्रतिनिधित्व का समान अधिकार दिया है। वरना,अनपढ़ लोगों को चुनाव लडऩे का अवसर ही नहीं मिलता। ऐसे में भाजपा नेताओं का यह बयान भारत के संविधान का भी अपमान करता है।

ताटी ने कहा कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा जी अपने समुदाय से जीवंत संपर्क, आत्मीय व्यवहार और जायज मदद के लिये तत्पर रहने वाले स्वभाव के कारण ही क्षेत्र में दादी जैसे सम्मानजनक संबोधन से लोकप्रिय हैं। इस आत्मीय संबोधन से नवाजने वाले आदिवासी समुदाय का सम्मान लखमा जी ने किस प्रकार कम किया होगा? यह सोचने वाली बात है।

लखमा दादी का ठेठ आदिवासी लहजा ही उन्हें समुदाय के लोगों से जोडक़र रखता है। यह सूत्र जिस दिन बाकी नेताओं की समझ में आ जायेगा,जनता से उनकी दूरी समाप्त हो जायेगी। इस खासियत के लिये हमें लखमा दादी की तारीफ करनी चाहिये।

बसंत ताटी ने कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा की लोकप्रियता और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के उद्देश्य से आपत्तिजनक बयान देने वाले भाजपा नेताओं से कहा कि बीजापुर में आयोजित प्रेसवार्ता में अपने पढ़े-लिखे होने के अहंकार को प्रदर्शित करते हुए लखमा जी के बहाने आदिवासी समुदाय को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने वाले अपने आदिवासी विरोधी बयान के लिये भाजपा के संबंधित नेताओं को समस्त आदिवासी समाज और उसके सच्चे प्रतिनिधि कवासी लखमा जी से माफी माँगनी चाहिए।

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