दुर्ग
दुर्ग, 8 अप्रैल। विद्युत नगर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा यज्ञ के छठवें दिन रूखमणी विवाह की कथा सुनाई। उसके पहले कथा व्यास से पं. युगल कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान ने गोपियों के वस्त्र हरण किए, तब उनकी आयु महज सात साल थी। उस समय मन में कोई विकार नहीं होता। चीर हरण वास्तव में माया का हरण है। जीव और ईश्वर के मिलन में माया बाधा है। भगवान की माया के कारण ही असत्य संसार प्राणी को सत्य प्रतीत होता है। पंडित युगल कृष्ण ने आगे बताया कि जीव इस माया से पार हरि आश्रय से पा सकता है। राम ने जो किया वह करना है, और कृष्ण ने जो कहा है वह करनी है। जो अपने प्रत्येक इंद्रीय से भगवत का रसपान करे, वह गोपी है। मालूम हो, विद्युत नगर दुर्ग में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आज छटवां दिन था। विद्युत नगर स्थित शिव मंदिर में हो रहे कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तजन जुट रहे हैं। विद्युत नगर विकास एवं सेवा समिति के सौजन्य से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा पंडित युगल कृष्ण महाराज के श्रीमुख से चल रहा हैं।