कोण्डागांव
कोंडागांव, 8 अप्रैल। भारत के महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चटर्जी की पुण्यतिथि 8 अप्रैल को प्राथमिक शाला जोंदरापदर में उनके राष्ट्रभक्ति में अतुलनीय योगदान को याद किया गया।
विद्यालय की प्रधान अध्यापिका मधु तिवारी ने बच्चों को बताया कि सन 1874 में प्रसिद्ध देशभक्ति गीत वन्दे मातरम की रचना की गई। जिसे बाद में आनंद मठ उपन्यास में शामिल किया गया। वन्दे मातरम गीत सबसे पहले 1896 में कोलकाता अधिवेशन में गया गया था । 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया गया।
वन्दे मातरम गीत बच्चों में देशभक्ति की भावना भरने के साथ गीत का गायन उनके रोम-रोम को पुलकित कर देता है। पूरे भारत वर्ष में उनका नाम वंदे मातरम गीत के कारण बहुत ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। उनमें राष्ट्रीयता व स्वभाषा प्रेम कूट-कूट कर भरा हुआ था। उन्होंने अपने एक मित्र का अंग्रेजी में लिखा हुआ पत्र यह कहते हुए लौटा दिया था कि अंग्रेजी न तो मेरी मातृभाषा है न हीं तुम्हारी । आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर सभी बच्चों ने वन्दे मातरम गीत का सस्वर गायन करउन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।