दुर्ग
ओलावृष्टि से नुकसान की भारपाई नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 9 अप्रैल। पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से गेहूं एवं चने की फसल में लगे दाना तो हाथ नहींं आया अब फिर बेमौसम बारिश से मवेशियों के लिए रखा भूसा भी खराब हो गया है। वहीं किसानों ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भारपाई भी नहीं हुई है।
इस बेमौसम बारिश से अब बची खुची फसल भी खराब होने की संभावना बढ़ गई। धमधा विकास खंड अंतर्गत ग्राम परसबोड़ निवासी कृषक दानेश्वर साहू ने बताया कि पिछले माह 18 मार्च को हुई ओलावृष्टि से उनके खेतों में लगी गेहूं एवं चने की फसल चौपट गई। इसके दाने खराब हो गए जैसे वैसे घर में रखे आधा दर्जन मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था करने गेहूं एवं चने के भूसे को इकट्टा कर रखा था, जो भी पिछले दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से खराब हो गया। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में अब किसानों के समक्ष घर में रखे मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था को लेकर समस्या खड़ी हो गई है।
कृषक जालम पटेल एवं जीवन वर्मा का कहना है कि पिछले दिनों हुई ओला वृष्टि एवं बेमौसम बारिश के बाद जो थोड़ी बहुत फसल बची थी। इसमें भी अब कीट ब्याधि की संभावना बढ़ गई। वहीं अभी भी बारिश की संभावना बनी हुई है यदि आगे भी बारिश जारी रही फसल ही खराब हो जाएगी, जहां पिछले दिनो ओलावृष्टि नहीं हुई थी वहां बहुत से किसान खेतो में गेहूं एवं चने की फसल को काटकर रखे जिसे भी इस बारिश से नुकसान पहुंचेगा। जिले के पाटन विकास खंड में सर्वाधिक 15 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई। वहीं अहिवारा एवं धमधा में 3.5-3.5 मिमी वर्षा हुई।
इसी प्रकार भिलाई 3 में 2 एवं दुर्ग तथा बोरी में 3-3 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जिले में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट आई है। तापमान में इस गिरावट के चलते लोगों को बढ़ती गर्मी से राहत मिली है। जिले में अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस रहा जोकि सामान्य से 7 एवं कल की तुलना में 5 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि रविवार को यह 25 डिग्री सेल्सियस था मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 2 दिनों तक बारिश की संभावना है।