दुर्ग
भोपाल के अंतर्राज्यीय तीन आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने धरदबोचा, कार की बोनट में छिपा रखा था गहनों और कैश की पोटली
भिलाई नगर, 9 अप्रैल। जिले के उच्च पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में एवं एण्टी क्राईम सायबर यूनिट प्रभारी निरीक्षक कपिल देव पाण्डेय एवं थाना प्रभारी पुलगांव पुष्पेन्द्र भट्ट के नेतृत्व में एसीसीयू एवं थानों की एक संयुक्त टीम गठित कर टीम को कार्यवाही हेतु लगाया गया था। टीम द्वारा संदेहियों पर निगाह रखी जा रही थी, आदतन अपराधियों व जेल से रिहा हुये अपराधियों से पूछताछ एवं जिले में नाकाबंदी कर पतासाजी के प्रयास किये जा रहे थे। घटना स्थल के आस-पास एवं आने-जाने वाले मार्गों में लगे सीसीटीव्ही का फूटेज संकलित कर सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया। जिसमें घटनास्थलो के आस-पास अलग-अलग समय पर संदिग्ध सिल्वर रंग की कार में 3 व्यक्ति की उपस्थिति परिलक्षित हुई। जिसके आधार पर उक्त सिल्वर रंग की कार की पतासाजी हेतु तत्काल नाकेबंदी का पॉईंट लगाया गया था पतासाजी के दौरान दिनांक 7 अप्रैल को नाकाबंदी पॉईंट पुलगांव नाला के पास एक सिल्वर रंग की कार को आते देख नाका पॉईंट पर रोका गया जिसमें से एक संदिग्ध व्यक्ति गाड़ी से बाहर निकलकर डियूटी पर लगे आरक्षक पर लोहे की राड से जानलेवा हमला किया जिसे देखकर डियूटी स्थल पर लगे अन्य कर्मचारी कार की ओर दौड़े जबतक वह व्यक्ति कार में बैठकर अपने अन्य साथियों के साथ जाने लगा जिसे देखकर आरक्षक के द्वारा अपने मोटर सायकल से पीछा करने के लिये जैसे ही प्रयास किया उस सिल्वर रंग की कार में सवार व्यक्तियों के द्वारा आरक्षक पर फिर से वाहन को तेज गति से पीछे कर मोटर सायकल पर चढ़ा दिया, जिससे आरक्षक गिर गया वाहन चालक के द्वारा हत्या करने की नियत से कार को पीछे करके दोबारा मोटर सायकल पर चढ़ाया और फरार हो गया, उक्त वाहन चालक एवं उसमें सवार व्यक्तियों के विरूद्ध थाना पुलगांव में अपराध पंजीबद्ध कर वाहन की पतासाजी हेतु नाकाबंदी का पॉईंट लगाया गया था कि 8 अप्रैल को सिल्वर रंग की कार को पुलगांव चौक में एमसीपी के दौरान एसीसीयू के कर्मचारियों के साथ घेराबंदी कर पकड़ा गया, प्रारंभिक पूछताछ पर गुमराह करते रहे किंतु सतत् तथ्यात्मक पूछताछ करने पर नकबजनी की घटना को अंजाम देना और फरार होने के दौरान नाकाबंदी में पुलिस के द्वारा रोके जाने पर हत्या करने की नियत से लोहे के राड से वार करना एवं कार से ठोकर मारकर जानलेवा हमला करने की बात को स्वीकार किये। आरोपियों से पूछताछ एवं कथन लेने पर बताये कि 4 अप्रैल को भोपाल म.प्र. से 3 लोग सिल्वर रंग की मारूति कार से रायपुर एवं दुर्ग चोरी करने के लिये निकले थे। 5 अप्रैल को शाम करीबन 6 बजे रायपुर पहुंच कर रायपुर क्षेत्र का भ्रमण कर शाम करीब 7 से 8 के मध्य सूने मकान में ताला तोड़कर चोरी कर नगद रकम एवं सोने-चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गये। आरोपियों के द्वारा रायपुर हाईवे किनारे गाड़ी रोकर कर विश्राम किये एवं सुबह होते ही मुख्य मार्ग से होते हुये दुर्ग आकर सुपेला थाना क्षेत्र अंतर्गत 4 सूने मकान एवं भिलाई नगर थाना अंतर्गत 2 सूने मकान में 12 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक 6 चोरी की घटना एवं कैश एवं सोने-चांदी के जेवरात चोरी करना स्वीकार किये। आरोपियों की निशानदेही पर चोरी गई मशरूका जुमला कीमती तकरीबन 10 लाख रूपये बरामद कर जब्त किया गया। आरोपी अनूप सिंह (36 वर्ष) निवासी एलआईसी 4/सी सेक्टर शहपुरा थाना शहपुरा, अमित सिंह (35 वर्ष) निवासी 106 कोलार रोड भोपाल और राकेश कुशवाहा (34 वर्ष) निवासी मकान नंबर 10 चुना भट्टी कोलार रोड भोपाल को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि दुर्ग जिले में 7 अप्रैल के दोपहर बारह बजे से लेकर शाम को छः बजे तक करीब चार पाँच घरों में ताले टूटे थे। जिसमें से एक पीड़ित के द्वारा तत्काल एक घंटे के दौरान चोरी की रिपोर्ट की। उसके घर का ताला टूटा था। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर में नाकाबंदी करके चोर को पकड़ा गया। पूछताछ करने पर आरोपी के द्वारा बताया कि उसके द्वारा यहां की चार चोरियां ही नहीं बल्कि दो और चोरियों भी की गई है। ज भिलाई क्षेत्र के अलावा रायपुर में 6 तारीख को उनके द्वारा की चोरी की जानकारी भी दी। पुलिस द्वारा आरोपी से विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के पश्चात चोरी गए मशरूका भी जप्त किया गया। साथ ही साथ चोरी में प्रयोग करने वाले औजार बड़ा कटर, वॉकी टॉकी जो तीनों आपस में बातचीत करने के लिए यूज कर लेते थे और एक टेलिस्कोप जैसा स्टैंड भी जप्त किया गया है। दुर्गा एसपी श्री शुक्ल ने बताया कि चोर गृह अत्यधिक शातिर है घटना को अंजाम देने के दौरान सुरक्षात्मक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए घटनास्थल से चारों ओर निगरानी रखता था। ताकि कतर खतरे की स्थिति में फरार हो सके। श्री शुक्ल ने बताया कि चोरों का तरीका अत्यधिक है फिल्मी स्टाइल रखने वाले छोटे और काफी शातिर चोर हैं। आरोपियों के द्वारा महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश में मिलाकर 35 चोरी की वारदात की गई हैं। जिसमें से अभी भी उन्नीस केस पेंडिंग चल रहे हैं। इनके ऊपर और इस चोरी के पहले ही करीब सात आठ दिन पहले ये भीलवाड़ा में चोरी के अपराध में जेल में थे और वहां से अभी जमानत पर छूटे हुए है। आरोपियों ने चौंतीस पैंतीस लाख रुपए की चोरी की थी। काफी शातिर और एडवांस चोर हैं। राजस्थान में पहचाने जाने के कारण इनके द्वारा नया ठिकाना छत्तीसगढ़ को बना लिया गया था। परंतु पहले प्रयास में ये पकड़े गए हैं और हम कोशिश करेंगे कि उनके खिलाफ केस इतना मजबूत रहे कि यह दुबारा चोरी नहीं कर सकें। तीनों चोर भोपाल के रहवासी हैं।