महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 10 अप्रैल। स्थानीय वन परिक्षेत्र के ग्राम कोटादादर के पास एक नर चीतल मृत अवस्था में मिला है। ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय वन अफसरों ने चीतल का पोस्टमार्टम करवा कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया है। चीतल की मौत का कारण दो नर चीतलों में आपसी संघर्ष को माना जा रहा है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की दोपहर करीब 3 बजे ग्रामीणों ने एक चीतल के ग्राम के समीप ही मृत पड़े होने की खबर वन विभाग को दी। खबर मिलते ही विभागीय अधिकारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। मौका मुआयना कर पंचनामा के बाद शव को स्थानीय वन काष्ठागार लेकर उसका पोस्टमॉर्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उक्त सम्बन्ध में प्रभारी रेंजर मोतीलाल साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि मृत चीतल 3 से 4 वर्ष का था। पोस्टमॉर्टम की शार्ट रिपोर्ट के अनुसार चीतल के गले के पास एक जख्म पाया गया, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व मृत चीतल का अन्य नर चीतल से आपसी संघर्ष हुआ होगा, जिसके कारण चीतल को सींग से गले के पीछे की टांग के पास चोट आई होगी, जो कि अब इन्फेक्शन की वजह से घाव बन गया जो कि चीतल की मौत का कारण बना।
उपचार के अभाव में मौत
दूसरी ओर क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने वन विभाग के आपसी संघर्ष में चीतल की मौत वाले बयान पर आश्चर्य व्यक्त किया है। जानकर प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार चीतल के शरीर में अगले पैर एवं पेट के पास चोट के चिन्ह हैं, जो चीतलों के आपसी संघर्ष के नहीं लगते।
इन दिनों विद्युत प्रवाहित फंदे एवं तीर कमान से वन्य प्राणियों के शिकार बहुतायत में हो रहे हंै। शायद यह भी शिकार का मामला है। चोट शिकारियों के तीर या करंट के हो सकते हैं। वन विभाग अपनी विफलता को छिपाने के लिए इसे नर चीतलों के बीच आपसी संघर्ष का मामला बता रहा है।