रायपुर

सीआईएसएफ नाम का दुरुपयोग, टैक्स परमिट से बचने चला रहे कंडम बसें
12-Apr-2024 2:56 PM
सीआईएसएफ नाम का दुरुपयोग, टैक्स परमिट से बचने चला रहे कंडम बसें

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 अप्रैल।
कुम्हारी बस दुर्घटना के बाद उद्योगों के स्टाफ बसों की पोल खुलने लगी है। ये बस ऑपरेटर अब टैक्स से बचने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल का नाम उपयोग कर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इस गैरकानूनी काम में अब तक निको जायसवाल स्टील्स ही सबसे आगे है। पहले तो रनिंग लाइफ खत्म हो चुकी  आफ लाइन बसों को स्टाफ के अप डाउन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कंपनियां स्वयं के ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था करने के बजाए निजी ट्रासंपोर्टर से कांट्रेक्ट कर रनिंग,मेंटेनेंस और परमिट टैक्स के खर्च से बचना चाहती है। और बस ऑपरेटर बसों को केंद्रीय सुरक्षा बल के  वाहन के नाम से चला कर टैक्स चोरी कर रहे हैं। ऐसा कर वे  पुलिस, परिवहन विभाग से भी बच निकलते हैं।

तीन दिन पहले घटी दुर्घटना के बाद होश में आए  परिवहन विभाग ने कल स्टाफ बसों का जांच अभियान चलाया  परिवहन आयुक्त के आदेश पर ये पूरी कार्यवाही राजनांदगांव और बिलासपुर में सिर्फ की गई है। लेकिन रायपुर में कोई कार्यवाही करने से आरटीओ  के हाथ कांपते दिखे। जायसवाल निको, निर्वाणा स्टील लिमिटेड, मोनेट की स्टाफ बस आज भी परिवहन विभाग की आंखों में धुल झोंकने में कामयाब रही। फर्जीवाड़ा करके सीआईएयएफ लिखी बस में स्टाफ को बिठाकर परिवहन किया गया है।

चौंकाने वाली बात यह कि जायसवाल निको में कालातीत और आरटीओ टैक्स घोटाला करने वाली स्टाफ बसों की खबरें प्रकाशित होने के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कार्रवाई की औपचारिकता दिखाते हुए राजनांदगांव और बिलासपुर में ही चेकिंग किये और रायपुर के उद्योग समूहों को एक तरह से क्लीन चिट दे दिए। दैनिक नवप्रदेश की पड़ताल में विभागीय कार्रवाई की औपचारिकता सामने आ गई और आज भी ये गाडिय़ां रायपुर में कंपनियों के स्टाफ को लाते ले जाते दिखीं।

जायसवाल निको इंडस्ट्रीस ने स्टाफ बस घोटाले की खबर के खुलासे के बाद भी फर्जीवाड़ा करते हुए स्कूल बसों और यात्री बस को हटाकर सीआईएसएफ लिखी बसें सीआईएसएफ लिखी हुई बसों का नंबर, सीजी 07 सीएल 0167, सीजी 07 सीएल 0168, सीजी 07 सीएल 0166 है जिसपर स्टाफ को सफर करवाया गया।

इन बसों का परमिट नहीं है आरटीओ ने कोई चेकिंग नहीं की है।आरटीओ से मिलीभगत करके स्कूल बसों को बदल कर दूसरी बस का उपयोग किया गया है लेकिन जिन बसों को भी चलाया जा रहा है बिना स्टाफ परमिट के वो बसे भी नही चल सकती। इस तरह कंपनियां आरटीओ को गच्चा दे रही हैं। सूत्रों के हिसाब से ये जो बस जिसमे सीआईएसएफ लिखा हुआ है वो बीएसपी भिलाई में चलने वाली बस है।

दूसरी बात ये है कि निको प्लांट में ये सीआईएसएफ लिखी हुए बस इसलिए चला रहा है ताकि कोई भी आरटीओ स्टाफ इस बस को रोके नहीं। इनके झांसे में आकर परिवहन विभाग रायपुर में कोई कार्रवाई नहीं किया। चेकिंग करने वाले सीआईएसएफ लिखी बस को सरकारी समझकर रोके भी नहीं। ये एक प्रकार की चार सौ बीसी है। और तो और रिलायंस ट्रेवल्स वाला दो बस ऐसी चला रहा है जो दुर्ग से रायपुर परमिट की बस है। जिसमे सुमीत लिखा हुआ है। ये बस दुर्ग से रायपुर सवारी लाने ले जाने का परमिट है ना कि निको फैक्ट्री के स्टाफ को दुर्ग से सिलतारा तक लाने का है।

रोड में खड़ी सवारी को नहीं  बिठाया जा रहा है केवल स्टाफ को ही बिठाकर लाया जा रहा है।यह बस सवारी परमिट की बस है जो दुर्ग से रायपुर की सवारी को लाने का काम करता है । लेकिन इस बस का उपयोग फैक्ट्री के स्टाफ को लाने ले जाने के लिए किया जा रहा है लेकिन दुर्ग और रायपुर आरटीओ विभाग इस पर कोई कार्यवाही करता नहीं दिख रहा है ।शायद परिवहन विभाग बीते दिन में हुए  कुम्हारी के जैसे किसी हादसे का इंतजार कर रहा है।
 

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