महासमुन्द
अपनी जानकारी खुद बताएंगे
शुरुआती दौर में 30 पेड़ों-पौधों पर कोड लगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,13 अप्रैल। महासमुंद के नर्रा क्षेत्र के जंगल में पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाना शुरू कर दिया गया है। इस क्यू आर कोड में माध्यम से कोई भी वनस्पति विज्ञानी पेड़ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हंै।
कुलदीप निगम पर्यावरण प्रबंधन व वनस्पति विज्ञान अध्ययनशाला में यह प्रयोग शुरू हुआ है। शुरुआती दौर में यहां 30 पेड़ों-पौधों पर क्यूआरकोड लगाए गए हैं।
क्यूआर कोड स्कैन कर अब विद्यार्थियों और शोधार्थियों के साथ आम लोग भी पेड़-पौधे अपनी जानकारी खुद बताएंगे। चूंकि दुनिया में कई किस्म के पेड़ होते हंै, जिनमें कुछ ऐसे भी पेड़ हैं, जिनकी खासियत अन्य पेड़ों से हटकर होती है।
पर्यावरण को लेकर लंबे समय से काम कर रहे विश्वनाथ पाणिग्रही ने बताया कि अक्सर लोग यह नहीं जान पाते कि आखिर वह पेड़ कौन सा पेड़ है। लेकिन अब यहां क्यूआर कोड के माध्यम से पेड़ों के बारे में पूरी जानकारी मिल सकती है। इसके लिए आपकों गूगल लेंस से पेड़ पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। इसके बाद आपको उक्त पेड़ से सबंधित पूरी जानकारी आपके फ ोन पर मिल जाएगी। उक्त पेड़ की खूबियां, पेड़ का नाम समेत पेड़ के बारे में पूरी जानकारी पता हो सकती है।
श्री पाणिग्रही ने बताया कि नई दिल्ली निगम परिषद ने यह मुहिम पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर शुरू किया था। इसके चलते नई दिल्ली को 20 नवंबर 2021 को स्वच्छ सर्वेक्षण में देश के सबसे स्वच्छ शहर की पहली रैंकिंग के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अब वन विभाग महासमुंद के सहयोग से नर्रा क्षेत्र के जंगल में क्यूआर कोड का प्रयोग शुरू किया गया है। इस क्यूआर कोड को स्कैन कर विद्यार्थियों और शोधार्थियों के साथ आम लोगों को भी पेड़-पौधे अपनी जानकारी खुद बताएंगे।