महासमुन्द
लभराखुर्द में स्थान तय, पर फंड की कमी से आठ सालों से अटका है काम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,15 अप्रैल। महासमुंद में हाईटेक बस टर्मिनल की योजना आठ सालों से ठप है। इसके लिए लभराखुर्द में स्थान सुनिश्चित है पर फंड की कमी से यह काम अब तक अटका है। इस तरह बसर टर्मिनल बनाने की योजना आठ साल से कागजों में ही दौड़ पही है।
इस मामले में पालिका का कहना है कि शासन से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिल रही है। इससे एचबीटी पर काम शुरू नहीं हो पाया है। नगर पालिका के बजट में एचबीटी बनाने के लिए 657 लाख रुपए का प्रविधान किया गया है। टर्मिनल में प्रवेश और निर्गम स्थान, बस व ऑटो के लिए पार्किंग की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, व्यवसायिक दुकानें, वाहनों के लिए पार्किंग और यात्रियों के बैठने के लिए सर्व सुविधायुक्त प्रतीक्षालय के लिए स्थान नियोजित किया गया है।
गौरतलब है कि महासमुंद शहर से प्रतिदिन 250 बसें विभिन्न रूटों पर चलती हैं। इस रूट पर रात में बसों का परिचालन नहीं होता है। इस कारण अधिकतर बसें रात में बस स्टैंड में ही रखी जाती हैं। कई बसें आसपास सडक़ के किनारे या पेट्रोल पंप के पास पार्क की जाती हैं। वर्तमान में यहां का बस स्टैंड छोटा पड़ रहा है। बसों की पार्किंग के लिए जगह नहीं मिल रही है। बस स्टैंड के पीछे ही सब्जी बाजार होने से सुबह बड़ी संख्या में गाडिय़ां आती हैं। इससे यहां जाम लगता है। जिन भर ठेले-गुमटी वाले भी व्यवस्था बिगाड़ देते हैं।
कहा जा रहा है कि नया बस स्टैंड बनने के बाद बसों के खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह होगी। सभी कामकाज व व्यवस्था प्लानिंग अनुरूप रहेगा। पालिका सीएमओ टामसन रात्रे ने बताया कि एचबीटी के लिए लभराखुर्द में जगह का चिह्नांकन कर लिया गया है। प्रशासकीय स्वीकृति मिलने की प्रतीक्षा है। राशि मिलने पर ही आगे की प्रक्रिया होगी। यात्री प्रतीक्षालय की दरकार लभराखुर्द के पास हाईटेक बस टर्मिनल बनने के बाद शहरवासियों के लिए बस स्टैंड शहर से बाहर हो जाएगा। रायपुर जाने वाले यात्रियों को विभिन्न चौक.चौराहों पर खड़े रहकर प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कई यात्रियों के लिए दिशा विपरीत हो जाएगी। ऐसे में शहर के विभिन्न मार्ग में यात्री प्रतीक्षालय भी बनाने होंगे। इससे यात्री बस की प्रतीक्षा में खड़े रह सकें। नगर पालिका के पास शहर के भीतर जगह नहीं है।
बस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चंद्राकर के मुताबिक समय के साथ नए बस स्टैंड की जरूरत है। बसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बस रखने के लिए जगह नहीं है। मौजूदा बस स्टैंड अब छोटा पड़ रहा है। पिछले दिनों सीएमओ टामसन रात्रे आए थे। वर्तमान बस स्टैंड में व्यवस्था बनाने को लेकर चर्चा हुई। उनसे कहा गया है कि जो बसें प्रतिदिन नहीं चलती हैं, उन्हें अन्य स्थान पर रखा जाए।
महासमुंद से सिरपुर व कसडोल मार्ग के लिए प्रतिदिन दो या तीन बस ही चलती है।। बस छूटने पर लोगों का इंतजार बढ़ जाता है। लोगों को बस स्टैंड में तीन से चार घंटे इंतजार करना पड़ता है। कई बार बस भी नहीं मिलती है। कौन सी बस कहां जाएगी, यह भी कोई बताने वाला नहीं होता है। आसपास के फल व्यापारी व दुकानदारों से ही लोग पूछते नजर आते हैं। यहां यात्रियों को आसानी से बस नहीं मिलती है। बस स्टैंड में उद्घोषक की व्यवस्था नहीं है।