दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 अप्रैल। गरीब और मध्यम तबके के बच्चों की सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढऩे का सपना चकनाचूर होते दिखाई दे रहा है। साल भर से बच्चे स्वामी आत्मानंद स्कूलों में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे थे। इंतजार की आस में शैक्षणिक सत्र ही बीत गया। अब नए शैक्षणिक सत्र का आगाज होने वाला है। सत्र 2024-25 के लिए जिले के अन्य स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो रही है। मगर 10 नए स्वामी आत्मानंद स्कूलों में प्रवेश संबंधी शासन स्तर पर कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है। लिहाजा जिला शिक्षा विभाग बेबस नजर आ रहा है। यह बता दें कि पिछले सत्र में विधानसभा चुनाव के पहले जिले के 10 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का दर्जा दिया जा चुका है। इस वजह से स्कूलों में बच्चों को प्रवेश देने सूची भी तैयार की गई और शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन भी मंगाये गए।
छत्तीसगढ़ में सरकार के बदलते ही स्वामी आत्मानंद स्कूलों में बच्चों के एडमिशन तथा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है।
यह प्रक्रिया विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता के पहले शुरू हो गई थी। इन स्कूलों में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए करीब 10000 से अधिक आवेदन विभाग को प्राप्त हुए है। यह बता दें कि दुर्ग जिले में विधानसभा चुनाव के चार माह पहले 10 नए स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाने के आदेश जारी किए गए। इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया दो तरह से किए जाने के निर्देश भी दिए गए। पहले प्रतिनियुक्ति से 271 पद भरने कहा गया। फिर शेष बचे पदों को संविदा से भरा जाना था। इतना ही नहीं वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2023-24 में ही 4 अक्टूबर से इन 10 स्कूलों में बच्चों को एडमिशन दिए जाने ऑनलाइन आवेदन भी मंगाया गया। बच्चों को अलग-अलग कक्षाओं में प्रवेश देने सूची तैयार की गई थी, लेकिन प्रक्रिया अटक गई। बताया जा रहा है कि इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। इस वजह से बच्चों को प्रवेश नहीं दिया गया है।