महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,16 अप्रैल। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट महासमुंद में कार्य शिक्षा अंतर्गत गमला निर्माण कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य मीना पाणिग्राही के मार्गदर्शन एवं प्रभारी किरण कन्नौजे के निर्देशन में किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य श्रीमती पाणिग्राही ने कहा कि कार्य शिक्षा हमारे संस्थान का प्रमुख अंग है। इसके माध्यम से हम सृजनात्मकता की ओर आगे बढ़ते हैं। उन्होंने प्रथम वर्ष के छात्राध्यापकों को संबोधित करते हुये कहा कि एक शिक्षक को कुशल शिल्पी व सृजनकर्ता होना चाहिये। यही कारण है कि डीएलएड के पाठ्यक्रम में कार्यशिक्षा को समाहित किया गया है ।
इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक अरुण प्रधान, के सिंह, वरिष्ठ व्याख्याता राजेश चंद्राकर, उमादेवी शर्मा, संतोष साहू, टेकराम सेन, कमलेश पांडेय, सुमन दीवान, दुर्गा सिन्हा, तिलोत्मा प्रधान, लक्ष्मी सिन्हा, ईश्वर चंद्राकर ने छात्राध्यापकों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुये कहा कि अभी तो आप सिर्फ गमला निर्माण कर रहे हो आगे जाकर राष्ट्र का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि एक कुशल शिक्षक राष्ट्र का शिल्पी होता है।
संस्थान के साहित्यिक सांस्कृतिक प्रभारी एवं साहित्यकार टेकराम सेन चमक ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में हमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना होगा तभी बच्चों के भविष्य का निर्माण कर पायेंगे।
इस अवसर पर जसवंत सिदारए राजेश ध्रुव, राकेश योगिता पटेल, आरजू बानो, नीलकंठ, प्रीतम, लिखन, लक्ष्मी, प्रियंका, अजय कुमार, चुम्मन, डिगेश, गोपाल, ज्योति, खिलेश्वरी, किशन कुमार,ललित सहित प्रथम वर्ष के सभी छात्राध्यापक उपस्थित थे। व्याख्याता टेकराम सेन ने कहा कि सभी प्रायोगिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट जायें एवं अपनी सक्रियता व लगनशीलता का परिचय दें। उक्त जानकारी संस्थान की ओर से किरण कन्नौजे ने दी है ।