महासमुन्द

हाइवे पर वाहनों की रफ्तार जिंदगी पर भारी, चार माह में 122 हादसे, 71 मौतें, 22 घायल
16-Apr-2024 2:24 PM
हाइवे पर वाहनों की रफ्तार जिंदगी पर भारी,  चार माह में 122 हादसे, 71 मौतें, 22 घायल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद, 16 अप्रैल।
महासमुंद से गुजरने वाली नेशनल हाइवे पर वाहनों की रफ्तार लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। इस रास्ते से गुजर रहे लोगों में से किसी न किसी के साथ हादसे हो रहे हैं। बेकसूर जानें जा रही हैं। अधिकतर मामलों में हादसे को अंजाम देने वाले वाहन चालक भाग निकलते हैं। पुलिस उन्हें पकड़ भी नहीं पाती। यह आंकड़ा देखिये कि इस रास्ते चार महीने में 122 दुर्घटनाओं में 71 लोगों की मौत हुई है। इतने अंाकड़े तो जिला अस्पताल भी किसी बीमारी में मौतों के नहीं बताता। 

यातायात शाखा से मिली जानकारी के अनुसार जिले में एनएच.53 पर ही चार महीने में 29 दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 22 लोगों की मौत हुई और 26 लोग घायल हुए हैं। सूनसान सडक़ों पर वाहन चालक लोगों को रौंदते हुए चले जाते हैं। आज से एक दिन पहले 14 तारीख को ही पटेवा के तोरला पड़ाव के पास मोटर साइकिल सवार दो लोगों को एक ट्रक कुचलते हुए भाग निकला। अब तक उस ट्रक की भी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ  मामला दर्ज किया गया। 

गौरतलब है कि पिछले दिनों हिट एंड रन मुद्दे को लेकर ट्रक चालकों ने आंदोलन किया था। अब वे ही लापरवाही बरत रहे हैं। दुर्घटना के गंभीर की मदद करने के बजाय आसानी से भाग निकलते हैं। इस रास्ते गुजरने वाले अधिकांश ट्रक चालक शराब सेवन कर गाड़ी चलाते हैं। 

इस नेशनल हाइवे 53 में जनवरी महीने में आठ दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 6 की मौत और 10 घायल हुए। फरवरी माह में 6 दुर्घटनाओं में पांच की मौत, सात घायल, मार्च महीने में 9 दुर्घटना में 6 की मौत और 6 घायल हुए हैं। अप्रैल महीने में 6 दुर्घटनाओं में 5 की मौत और तीन घायल हुए हैं। इस तरह देखा जाए तो नेशनल हाइवे पर सफ र करना बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। अक्सर इसी मार्ग पर दुर्घटनाएं होती हैं। जिम्मेदार वाहन चालक दुर्घटना के बाद भाग जाते हैं। 

अक्सर राहगीरों द्वारा ही सूचना देकर घायलों का उपचार कराया जाता है। पुलिस भी अज्ञात आरोपी पर मामला दर्ज कर औपचारिकता पूरी कर लेती है। दोषियों को सजा देने के लिए सीसीटीवी फुटेज तक नहीं खंगाले जाते हैं। बहुत से पीडि़त परिवार को मुआवजा नहीं मिल पाता। 

महासमुंद जिले में साल 2022 में 11 ब्लैक स्पॉट थे जो 2023 में घटकर सात हो गये। साल 2024 में यह और घटा और केवल चार बच गये हैं। इस तरह ब्लैक स्पॉट की संख्या तो घटती जा रही है, लेकिन दुर्घटनाओं और मरने माह वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। हादसों में कमी लाने के लिए ब्लींकर्स व सूचना बोर्ड जरुर लगाए गए हैं नेशनल हाइवे 53 पर कई जगहों से गलत दिशा से लोग तेज रफ्तार से आते हैं और कोई बेकसूर दुर्घटना का शिकार हो जाता है। 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news