महासमुन्द

मौसम में आए बदलाव के कारण तेंदूपत्ते की क्वालिटी पर पड़ सकता है असर
16-Apr-2024 2:28 PM
मौसम में आए बदलाव के कारण तेंदूपत्ते  की क्वालिटी पर पड़ सकता है असर

मार्च में शाखकर्तन, अब पत्ते आने लगे हैं, मर्ई में तेंदूपत्ता की खरीदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद,16 अप्रैल।
मौसम में आए बदलाव के कारण तेंदूपत्ते की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है। मौसम का हाल ऐसा रहा तो इस साल भी तेंदूपत्ता संग्रहण के लक्ष्य को पूरा होने में दिक्कत होगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल से तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को इस वर्ष से पारिश्रमिक 5500 रुपए प्रति मानक ही प्रदान किया जाएगा। वनोपज संग्राहक आसमान साफ  रहने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। 

जिले में पंजीकृत एक लाख संग्राहक परिवार हैं, साथ ही जिले में कुल 785 फड़ और 75 समितियां हैं। इनसे 2024-25 में तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य 91 हजार 300 मानक बोरा रखा गया है। मार्च में शाख कर्तन का कार्य किया गया था। जिनमें पत्ते आने लगे हैं। हर वर्ष की तरह इस साल भी मर्ई महीने में ही तेंदूपत्ता की खरीदी की जाएगी।

महासमुंद जिले के वनांचल में बसे लोगों के लिए तेंदूपत्ता ही आय का एक जरिया है। जैसे ही तेंदूपत्ता की तोड़ाई शुरू होती है, परिवार के लोग अलसुबह एक साथ जंगल की निकल पड़ते हैं। दोपहर में परिवार सहित तेंदूपत्ता की गड्डी बनाते हैं। पूरा परिवार संग्रहण कार्य में जुटा रहता है।

छत्तीसगढ़ लघु वन प्रबंधक संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी लाल पटेल ने बताया कि बार-बार मौसम में बदलाव आ रहा है। कभी धूप व बारिश होने से पत्तों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इससे उत्पादन पर भी असर पड़ता है। अच्छी क्वालिटी के पत्ते नही ंमिलने से संग्राहकों को नुकसान होता है। संघ के राधेश्याम साहू ने बताया कि मार्च के महीने में शाख कर्तन किया गया था। अब पत्ते आने लगे हैं। गुणवत्ता व परिपक्व पत्ते ही तोड़े जाते हैं। पिछले सात-आठ वर्षों से वन विभाग द्वारा खरीदी का लक्ष्य जारी किया जाता है, लेकिन लक्ष्य के अनुरूप तेंदूपत्ता संग्रहण नहीं हो पाता है। तेंदूपत्ता तोड़ाई के समय बारिश हो जाती है।

डीएफ ओ पंक ज राजपूत ने बताया कि इस साल 91300 बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जाएगा। तेंदूपत्ता संग्राहकों में इस वर्ष उत्साह है। पिछले वर्ष प्रति मानक बोरा का मूल्य 4000 रुपए था। संग्राहकों को 1500 रुपए ज्यादा मिलेंगे। 2022-23 में तेंदूपत्ता 70694 मानक बोरा  संग्रहण किया गया था। पिछले साल भी लक्ष्य से 76 फीसदी ही तेंदूपत्ता संग्रहण किया गया था। पिछले साल संग्राहक परिवारों को लगभग 28 करोड़ 27 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। इस बार संग्राहकों भी अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। ग्रामीण क्षेत्रों में शाख कर्तन पूर्ण कर लिया गया है।

2023 में 91300 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य था, जिसमें 70 हजार मानक बोरा संग्रहण किया गया। साल 2022 में 95400 लक्ष्य में से 82300 मानक बोरा, 2021 में 95400 में से 74409 मानक बोरा, 2020 में 95400 में से 51850 मानक बोरा व 2019 में 95400 में से 76320 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ था। 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news