बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 22 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र टिकरिहा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा हैं जिसमें वो ग्रामीण की शिकायत पर भडक़े नजऱ आ रहे हैं उक्त वायरल वीडियो देखकर ही समझा जा सकता हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कितने गुस्से में है। कि हार की हताशा में छोटी-छोटी बातों पर अपने कार्यकर्ताओं पर आगबबूला हो रहें हैं। दरअसल भूपेश बघेल अपने चुनावी दौरे पर डोंगरगढ़ विधानसभा के ग्राम बेलगांव गये थे। इसी बीच वहां उपस्थित ग्रामीणों ने क्षेत्र के विधायक की शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कर दी। इस पर भूपेश बघेल नाराज़ होकर ग्रामीणों से कहते हैं कि मेरे को बुलाएं हो तो मैं आया हूं उनकी बात मत करों। इस पर तंज कसते हुए
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र टिकरिहा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काफी उग्र स्वभाव के है और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली कांग्रेस को करारी हार के बाद से तो और भी बौखला गए हैं। ऊपर से कांग्रेस हाईकमान ने उनको राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित करके चुनावी रण में बिना उनकी इच्छा के उतार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई दिग्गज कांग्रेसी नेता चुनाव लडऩा ही नहीं चाहते थे। कुछ ने तो हाईकमान को चुनाव नहीं लडऩे दो टूक कह दिया था। भूपेश बघेल पार्टी के दबाव में मजबूरन चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी वर्तमान सांसद संतोष पांडेय से भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा हैं। भूपेश बघेल के नामांकन पत्र दाखिल रैली में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने भरे मंच से भूपेश बघेल को जमकर खरी खोटी सुनाई। इसके बाद कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता ने हाईकमान को पत्र लिखकर भूपेश बघेल की उम्मीदवारी पर ही सवाल उठाते हुए उन्हें हटाने की मांग तक यह कहकर कर दी कि भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचार का आरोप है और इस मामले में उन पर एफआईआर भी दर्ज है। एक के बाद एक नेता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भूपेश बघेल पर निशाना साध रहे हैं। इसकी वजह से भूपेश बघेल की टेंशन बढ़ गई है।
भाजपा नेता टिकरिहा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सलाह देते हुए कहा कि सबसे पहली बात क्रोध जीवन में आना ही नहीं चाहिए, दूसरी बात एक जनप्रतिनिधि को तो हमेशा ही शालीन आचरण और व्यवहार रखना चाहिए क्योंकि आप राजनीति में आए ही है जनसेवा के लिए। लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन हैं। कुछ मीठे तो कुछ तीखे प्रश्न जनता के द्वारा किए जाते ही हैं। जिनका जवाब जनप्रतिनिधियों को बड़े ही धैर्य और संयम बरतते हुए शालीनता से देना चाहिए क्योंकि आज आप जिस जगह पर है वो जनता की ही देन हैं।