दुर्ग

89 घरों में गायत्री महायज्ञ, विश्वशांति के लिए आहुति
02-Jul-2024 2:18 PM
89 घरों में गायत्री महायज्ञ, विश्वशांति के लिए आहुति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

उतई, 2 जुलाई। गृहे-गृहे गायत्री महायज्ञ उपासना अभियान अंतर्गत गायत्री परिवार ट्रस्ट एवं शौर्य युवा संगठन आदर्श ग्राम कोडिय़ा द्वारा बीते रविवार को ग्राम के 89 घरों में एक साथ यज्ञ एवं विभिन्न संस्कार कराया गया।

गायत्री परिवार ट्रस्ट कोडिय़ा प्रमुख उमेश साहू ने बताया अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के निर्देशन एवं गायत्री परिवार दुर्ग के जिला व ब्लॉक समन्वय समिति के मार्गदर्शन में राष्ट्र को समर्थ व शक्तिशाली बनाने के उद्देश्य से गृहे गृहे गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया था।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्र के विधायक ललित चंद्राकर शामिल हुए। प्रदेश कांग्रेस कमिटी महासचिव जितेंद्र साहू सहपत्नी व जनपद पंचायत दुर्ग कृषि सभापति राकेश हिरवानी पत्नी मुख्य यजमान के रूप गायत्री महायज्ञ में शामिल हुए। साथ ही मार्गदर्शक के रूप में उपजोन समन्वयक एसपी सिंह, धीरज लाल टांक, जिला समन्वयक लोकनाथ साहू, दुर्ग ग्रामीण ब्लॉक समन्वयक डॉ एन के सिन्हा, शिव गायत्री मन्दिर रिसाली ट्रस्टी महिलांग जी, रामेश्वर निषाद, देवी प्रसाद साहू, प्राणेश विश्वास, मीना विश्वास, राधेश्याम साहू, फुदुक राम साहू, यशवंत देशमुख, युवराज साहू सहित अन्य वरिष्ठ गायत्री परिजन उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम के माध्यम से 89 घरों में यज्ञ सम्पन्न कराया जिसमें 71 पुरोहितों के माध्यम से एवं 18 परिजनों द्वारा सम्पन्न कराया गया। इस दौरान गृहशांति, पुंसवन संस्कार, विद्यारम्भ संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश, गंगा पूजा सहित विभिन्न अनुष्ठान संपन्न कराया गया। साथ ही सभी घरों में नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण के लिए जन्मदिन, विवाह दिवस व पूर्वजों के नाम पर अधिक से अधिक पौधरोपण करने संकल्प भी लिया गया। विधायक ललित चंद्राकर ने सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा गायत्री परिवार समाज सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण सहित अनेक सामाजिक मुद्दों पर सकारात्मक परिणाम के साथ कार्य कर रहे हैं।

उपजोन समन्वयक एसपी सिंह ने गायत्री और यज्ञ की महिमा को विस्तार पूर्वक बताया। कहा भारत वैदिक परंपरा की जननी है किन्तु भारतवासी पश्चिमी सभ्यता के चंगुल में फंसते जा रही है जबकि पश्चिमी देश भारतीय संस्कृति को अपना रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अनेकानेक वैज्ञानिक भी यज्ञ की महिमा को जानकर प्रेरित और संकल्पित हो रहे हैं।

कार्यक्रम को सफल बनाने में दुर्ग, भिलाई व बालोद क्षेत्र के गायत्री शक्तिपीठ, प्रज्ञापीठ, चेतना केंद्र, ज्ञान मंदिर, प्रज्ञा मंडल, युवा प्रकोष्ठ सहित विभिन्न ग्रामों के सैकड़ों पुरोहित एवं यज्ञाचार्यों का विशेष योगदान रहा।

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