गरियाबंद

राजिम सिर्फ एक शहर नहीं, छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक भी-भूपेश
08-Jan-2021 4:51 PM
राजिम सिर्फ एक शहर नहीं, छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक भी-भूपेश

मुख्यमंत्री राजिम भक्तिन माता जयंती महोत्सव में हुए शामिल, शोध संस्थान और सेवा कार्य के लिए नया रायपुर में 5 एकड़ जमीन

फिंगेश्वर सामुदायिक अस्पताल का नाम राजिम माता के नाम पर करने की घोषणा

राजिम में साहू समाज धर्मशाला के लिए 50 लाख की घोषणा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम,  8 जनवरी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजिम महोत्सव के प्रारंभ से एक नव चेतना का प्रारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि राजिम केवल धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि तीन नदियों और उत्तर-दक्षिण का संगम है। श्री बघेल ने प्रदेश साहू संघ की मांग पर 4 बड़ी घोषणाएं-नया रायपुर में राजिम माता के नाम पर शोध संस्थान और सेवा कार्य के लिए नया रायपुर में 5 एकड़ जमीन देने, राजिम मेला स्थल पर साहू समाज को भव्य धर्मशाला निर्माण के लिए 50 लाख रुपए देने एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फिंगेश्वर को राजिम माता के नाम पर करने की घोषणा की। श्री बघेल ने पूरा उद्बोधन छत्तीसगढ़ी में दिया। 

गुरुवार को राजिम भक्तिन माता जयंती समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री बघेल ने कहा कि राजिम को केवल एक शहर के रूप में नहीं बल्कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत के रूप में देखना चाहिए। यहां केवल नदियों का ही नहीं बल्कि विचारधाराओं का संगम होता है। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि साहू समाज द्वारा समाज को नई ऊंचाई देने का प्रयास किया गया है जिसके लिए समाज बधाई का पात्र है। 

बघेल ने कहा कि पिछले वर्ष की गई घोषणा के अनुसार पुन्नी मेला के लिए 54 एकड़ जमीन का चयन नदी किनारे किया गया है और यहां तेजी से विकास किया जाएगा। यहां साधु संतों के निवास से लेकर अधिकारियों-कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था, मंडप, मेला, मीना बाजार आदि के लिए स्थायी सुविधा विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा दे रही है और इसी को केंद्र मानकर विकास कार्य कर रही है । माघी पुन्नी मेला के विकास हेतु 15 करोड़ लगे या फिर 25 करोड़ सरकार खर्च करेगी।

सीएम ने कहा कि राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने का काम राज्य सरकार ने तेजी से कर रही है जिसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ वासियों को खुद की सरकार होने का एहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी साहू समाज से संस्कृति मंत्री धनेंद्र साहू थे और अब धनेंद्र के काम को आगे बढ़ाने ताम्रध्वज साहू कर रहे हैं। वरिष्ठ मंत्री ताम्रध्वज साहू के प्रस्ताव पर राजिम कुंभ का नाम बदलकर राजिम पुन्नी रखा गया और यहीं से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उभारने और संवारने का क्रम लगातार जारी है। 

इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम भक्तिन माता की जयंती एवं नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि साहू समाज एक संगठित समाज के रूप में जाना जाता है। यह समाज अन्य समाज को भी दिशा दे सकता है। आज साहू समाज सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण है। मंत्री श्री साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, बोली, रहन-सहन और परम्परा को आगे बढ़ाना प्रदेश शासन का प्रमुख उद्देश्य है। इसे ध्यान में रखते हुए राजिम महाकुंभ का नाम बदलकर राजिम माघी पुन्नी मेला के नाम से आयोजन किया जा रहा है। 

अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने अपने उद्बोधन में साहू समाज की आराध्य देवी माता कर्मा जयंती के अवसर पर शासन द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। अवसर पर विशाल रक्तदान स्वास्थ्य शिविर केे आयोजन किया गयाा जिसमे नागरिकों ने रक्तदान किया। 

कार्यक्रम में संसदीय सचिव  शकुंतला साहू, महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू, बिलासपुर सासंद अरुण साव, राज्य सभा सांसद विवेक तनखा, पिछड़ वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, पूर्व मंत्री रमशीला साहू, पूर्व सांसद चन्दूलाल साहू, अभनपुर विधयक धनेद्र साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी, संरक्षक विपिन साहू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सांतनु साहू, साहू समाज के पदाधिकारी डॉ ममता साहू, मोतीलाल साहू, पूर्व विधायक लेखराम साहू, पूर्व जनपद अध्यक्ष राघोबा महाडिक़, जिला पंचायत सदस्य द्वय रोहित साहू, चंद्रशेखर साहू, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू, जिला साहू संघ अध्यक्ष भुनेश्वर साहू, राजिम भक्तिन मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ महेन्द्र साहू, तहसील अध्यक्ष नारायण साहू, जगन्नाथ साहू, त्रिलोक साहू, यशवंत साहू, गोपाल साहू, दलेश्वर साहू, सरिता साहू, तुलसी साहू, हनुमंत साहू, प्रवीण साहू, बंटी सनत साहू, संदीप साहू, संयुक्त सचिव लाला साहू, ईश्वरी साहू, कुलदीप साहू, राजिम नगर साहू समाज अध्यक्ष भवानीशंकर साहू, रतीराम साहू, मेघनाथ साहू, परदेशीराम साहू, छन्नुलाल साहू, धनमती साहू, डॉ.लीला राम साहू, भोले साहू, प्यारेलाल साहू, बृजेश साहू सहित बड़ी संख्या में साहू समाज के पदाधिकारी, सदस्य और बड़ी संख्या में स्वजातीय बन्धु मौजूद थे। 
ंच का संचालन प्रदेश पदाधिकारी प्रवीण साहू ने किया।
 

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