बलौदा बाजार

90 फीसदी चौपाटी बन गई, तो ध्यान आया कि यहां चीरघर भी है
12-Feb-2021 5:08 PM
90 फीसदी चौपाटी बन गई, तो ध्यान आया कि यहां चीरघर भी है

8 साल से बन रही चौपाटी, 1 करोड़ 19 लाख मंजूर भी हो चुके

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 12 फरवरी।
कभी ठेकेदारों की सुस्त रफ्तार तो कभी उनका काम छोडक़र चले जाना जैसी कई वजहें हमेशा बनती रहीं जिसकी वजह से  8 साल बीत जाने के बाद भी चौपाटी बन नहीं पाया है।  जब इसका 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है तब इसका निर्माण कार्य रुकने की जो एक बड़ी वजह सामने आई कि चौपाटी स्थल पर चीरघर का जर्जर भवन है, जहां आज भी पोस्टमार्टम होता है।

नगर पालिका प्रशासन का दावा था कि नए साल की शुरुआत में ही नगरवासियों को चौपाटी के रूप में यह बहुप्रतिक्षित सौगात मिल जाएगी पर। नपा प्रशासन का कहना है कि तत्कालीन सीएमओ ने इसकी जानकारी कलेक्टर को नहीं दी जबकि हम लगातार पत्राचार कर रहे हैं। इसके लिए 1 करोड़ 18 लाख 85 हजार स्वीकृत भी हो चुके हैं। 

जिला मुख्यालय में मनोरंजन तथा सैरसपाटे के लिए एक भी स्थान ऐसा नहीं है जहां भागदौड़ से थके शहरवासी सुकून के दो पल बिता सकें। 


पहले यहां सावरा बस्ती थी, 7 एकड़ में बननी है चौपाटी
राजधानी के मरीन ड्राइव और ऑक्सीजोन की तर्ज पर बनने वाली यह चौपाटी अपने निर्माण के प्रारंभिक काल से ही प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रही। 2012 में हाई स्कूल मार्ग पर पोस्टमार्टम हाउस के पास स्थित मुरुम खदान में बने विशाल तालाब के किनारे बसे 800 लोगों की सावरा बस्ती को प्रशासन द्वारा हटाए जाने के बाद खाली हुई 7 एकड़ जमीन पर चौपाटी का स्वरूप देकर सौंदर्यीकरण के लिए 1 करोड़ 18 लाख 85 हजार स्वीकृत किए गए थे। 

एकमात्र सिनेमा हॉल के अलावा नगर में मनोरंजन के साधन ही नहीं
शहर में एकमात्र सिनेमा हॉल के अलावा यहां मनोरंजन का कोई भी साधन नहीं है। शहर में न ही ऐसा कोई शॉपिंग मॉल भी नहीं है, न ही बाग-बगीचे जहां सपरिवार सुकून के पल गुजार सकें। ऐसे में यह चौपाटी शहरवासियों के लिए वरदान साबित होगी। खुदाई पूर्ण होने के बाद तालाब के पार पर 15 बाई 10 मीटर की तीन चेरियों का भी निर्माण कराया जाना था। तालाब के पश्चिम दिशा की ओर खूबसूरत लॉन तो बाकी तीन दिशाओं के किनारों पर तीन फुट चौड़ी कांक्रीट रोड बनाने की योजना भी है। रेन वॉटर ड्रेन भी बनेगा जिसका पानी तालाब में गिरेगा। इसके लिए 200 एमएम डायाहृयूम पाइप बिछाए जाएंगे। नगर की पहली चौपाटी में बच्चों के लिए चिल्ड्रन प्ले एरिया भी होगा जहां बच्चे खेलकूद सकेंगे। वहीं 6 छतरियों वाला हरा भरा लॉन बनाया जाएगा।

2 साल से चीरघर की राशि स्वीकृत-राजेश्वरी
2019 में नए चीरघर के लिए 14 लाख स्वीकृत होने के बाद नया चीरघर बन गया होता। नपा सीएमओ राजेश्वरी पटेल का कहना है कि चीरघर को हटाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग से कई बार पत्राचार किया है, बावजूद इसके वे अभी तक नए चीरघर के लिए स्थल तक का चुनाव नहीं कर पाए हैं। 

जल्द ही चीरघर को शिफ्ट करेंगे- डॉ. सोनवानी
इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी का कहना है कि हमने स्थल के लिए कई जगहों का मुआयना किया है लेकिन आपत्तियों के चलते चीरघर शिफ्ट नहीं हो पा रहा है जल्द ही इस दिशा में प्रयास कर चीरघर को शिफ्ट कर दिया जाएगा। 

ये ठीक नहीं, निर्देश देंगे-कलेक्टर
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने सख्ती से कहा कि छोटी सी रुकावट के लिए महत्वपूर्ण योजना के निर्माण कार्य में विलंब करना या उस संबंध में जानकारी नहीं देना जायज नहीं है। स्वास्थ्य विभाग, पालिका अधिकारी को इस संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे।

बेतरतीब ठेले-खोमचों को व्यवस्थित करना चौपाटी बनाने का उद्देश्य
चौपाटी बनाने के पीछे प्रशासन का एक उद्देश्य था कि मुख्य मार्ग पर खासकर बस स्टैंड के पास बेतरतीब लगे गुपचुप, चाट, फलों के ठेले जो यातायात व्यवस्था को बदहाल कर रहे हैं, सडक़ किनारे के इन दुकानदारों को चौपाटी में दुकानें दी जाएंगी। इससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी दुरूस्त होगी।
 

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