महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 23 फरवरी। विशेष पिछड़ी जनजाति के कमार आदिवासी परिवारों के बच्चों व महिलाओं को आगामी 1 मार्च से सप्ताह में तीन दिन अंडा दिया जाएगा। इसमें 3 से 6 वर्ष तक के बालक और 1 से 49 वर्ष तक के बालिकाओं और महिलाओं को अंडा दिया जाएगा।
इस पर होने वाला खर्च जिला खनिज न्यास निधि से किया जाएगा। कलेक्टर डोमन सिंह ने सोमवार को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी मनोज सिन्हा को पूरी कार्ययोजना बनाकर 1 मार्च से कमार जाति परिवारों के घर अंडा पहुंचाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिए हैं। महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने इसके लिए कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है और आगामी 1 मार्च से दिए गए निर्देशानुसार बच्चे, बालिकाओं और महिलाओं को अण्डा मुहैय्या कराया जाएगा।
इस जनजाति को भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में 1 फरवरी से कुपोषित बच्चे व 15 से 49 वर्ष के चिन्हांकित एनीमिक महिलाओं को सप्ताह में 3 दिन गुणवत्तापूर्ण गरम पौष्टिक भोजन की शुरुआत हुई है। जिसकी राशि भी जिला खनिज न्यास निधि द्वारा दिया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक महासमुन्द सहित बागबाहरा और पिथौरा में कमार जाति के परिवार निवासरत हैं। इसमें सबसे ज्यादा परिवार बागबाहरा विकासखंड में निवासरत हैं। पूर्व वर्षों की सर्वे के मुताबिक जिले के 70 गांवों में कमार जनजाति के 671 परिवार थे। तब संयुक्त परिवारों में पुरूष की संख्या 1428 दर्ज है। तब अवयस्क रहे पुरूष भी अब वयस्क होकर अलग परिवार के रूप में रह रहें हैं। मौजूदा आंकड़ों में इजाफा हो सकता है। कलेक्टर ने कहा कि इसका सर्वे कराया जाए जिससे कमार जनजाति परिवारों की सही जानकारी मिल सके और हितग्राहियों को राज्य सरकार की सभी योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ दिलाया जा सके। गौरतलब है कि कमार जनजाति गरियाबंद जिले के कुछ इलाकों के साथ धमतरी जिले और महासमुन्द जिले में निवासरत हैं। ये जाति मुख्यत: वनोपज संग्रहण और कुटीर कार्य, कृषि, मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले कमार जनजाति अब भी गरीबी और अशिक्षा से घिरे हुए हैं।