कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 25 फरवरी। कलेक्टे्रट के सभा कक्ष में कल गोधन न्याय योजना व रागी बीज विकास योजना के क्रियान्वयन के संबंध में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें कृषि विभाग के जिले के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (आरएईओ) सम्मिलित हुए। कलेक्टर ने इस बैठक में सख्त रूख अपनाते हुए विगत माह में जिले में गोधन न्याय योजना अन्तर्गत हुए निराशाजनक प्रदर्शन पर सभी आरएईओ को गोठानों में गोबर खरीदी पर सतत निगरानी करने के निर्देश दिए।
इस दौरान बैठक में अनुपस्थित होने के कारण दो आरएईओ व चार अन्य आरएईओ को गोधन न्याय योजना अन्तर्गत कार्य में लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
साथ ही कलेक्टर ने सभी आरएईओ के कार्यों का विकासखण्डवार समीक्षा उनके गोधन न्याय योजना व गोठानों के उन्नयन के आधार पर करते हुए 24 नवंबर तक गोबर खरीदी की स्थिति व उनके वर्मी कम्पोस्ट के रूप में निर्माण की दर के आधार पर मूल्यांकन करते हुए कार्य में लापरवाही बरतने वाले आरएईओ की असंचयी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने जिले के अन्तर्गत समस्त गोठानों में से अपर्याप्त गोबर खरीदी करने वाले गोठानों के प्रभारी आरएईओ को भी कारण बताओ नोटिस विभाग द्वारा जारी करने को कहा। इसके साथ ही गोधन न्याय योजना अंतर्गत अच्छा प्रदर्शन एवं गोठानों को मल्टी एक्टीविटी सेन्टर के रूप में विकसित करने में सफल आरएईओ को सम्मानित भी किया जाएगा।
इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा जिले में राज्य शासन द्वारा रागी बीज उत्पादन कार्यक्रम द्वारा कृषकों को रागी बीज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करते हुए रागी बीज उत्पादन उपरांत उसे बीज निगम के माध्यम से खरीदी की जाएगी। इन खरीदे गये बीजों का प्रयोग आगामी वर्ष में रागी का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों के मध्य वितरण में किया जाएगा। इसके साथ ही मरहान भूमि पर स्थित क्षेत्रों में धान व मक्के के उत्पादकता कम होने से इन क्षेत्रो में रागी, कोदो कुटकी जैसी फसलों के रकबों के विस्तार का प्रयास किया जा रहा हैं। जिससे मरहान भूमि पर भी कृषि कार्य को लाभ कारी बनाया जा सके। रागी बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 174 किसानों के 88 हेक्टेयर भूमि को प्रारंभिक रूप से बीज उत्पादन के लिए चयन किया गया हैं। साथ ही जिले में रागी व तिलहन प्रोसेसिंग प्लांट तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एफआरए कलस्टरों में सुगंधित तेल उत्पादन के लिए 2000 हेक्टेयर भूमि का भी चयन किया जाएगा। साथ ही मयूरडोगर, बगोली आदि कलस्टरों में विशेष फसलों के उत्पादन के लिए भी कार्य योजना तैयार की जा रही हैं।
इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ डीएन कश्यप, उपसंचालक कृषि देवेन्द्र रामटेके, अनुविभागीय अधिकारी उग्रेश देवांगन सहित अन्य कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।