राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 मार्च। युवा कांग्रेस प्रदेश मीडिया विभाग के अध्यक्ष निखिल द्विवेदी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते कहा कि जब रमन सिंह सरकार से गए थे, तब छत्तीसगढ़ में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 23 लाख 27 हजार 814 थी, अब वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह घटकर 15 लाख के करीब आ गई है। रमन सिंह ने यदि युवाओं के रोजगार के लिए कोई कार्य किया होता तो आज छत्तीसगढ़ का युवा बेरोजगार नहीं घूम रहा होता।
श्री द्विवेदी ने कहा कि देशव्यापी मंदी के बीच छत्तीसगढ़ ने अपने आर्थिक उपायों से राज्य में बेरोजगारी दर को लगातार नियंत्रित रखने में सफलता हासिल की है। नवंबर में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 3.5 फीसदी दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी की तुलना में 3 फीसदी कम है। छत्तीसगढ़ राज्य में 2018 में बेरोजगारी दर 22.2 फीसदी थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआई) के आंकड़ों के मुताबिक भूपेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार कर काम शुरू किया। लॉकडाउन में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अव्वल रहा। आरबीआई ने भी छत्तीसगढ़ में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। जुलाई में जब दिल्ली, पांडुचेरी, हरियाणा, गुजरात, हिमांचल, गोवा, कर्नाटक जैसे राज्यों में बेरोजगारी दर बढ़ रही थी, सेंट्रल फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के अनुसार, तब छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर जून 2020 में 14.4 फीसदी से घटकर 9 फीसदी के स्तर पर आ गई थी। सितंबर में बेरोजगारी दर घटकर मात्र 2 फीसदी रह गई थी, जो देश में सबसे कम बेरोजगारी वाली राज्यों के स्थान पर दूसरे नंबर पर थी।