दुर्ग

रिसाली की विवादित जमीन का सौदा कर हड़पे 11 लाख
04-Jun-2021 4:47 PM
रिसाली की विवादित जमीन का  सौदा कर हड़पे 11 लाख

थाने में शिकायत कर न्याय की गुहार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददातो
दुर्ग, 4 जून।
रिसाली वार्ड 63 आकांक्षा कुंज स्थित एक विवादित जमीन का फर्जी तरीके से इकरारनामा करवाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में विक्रेता और आम मुख्तियार प्राप्तकर्ता द्वारा साजिश रचकर क्रेता से 11 लाख रुपए ठग लिए गए। राशि वापस नहीं मिलने से व्यथित क्रेता द्वारा पुलिस की शरण ली गई है। 

क्रेता गुरूविंदर सिंह पिता कश्मीर सिंह (44 वर्ष) केलाबाड़ी वार्ड 41 दुर्ग निवासी ने मामले की नेवई पुलिस थाना में लिखित में शिकायत कर विक्रेता राकेश बैद सेक्टर-10 मार्केट भिलाई व आम मुख्तियार प्राप्तकर्ता गुलाबचंद जैन शनिचरी बाजार दुर्ग एवं प्रकरण में शामिल लोगों के खिलाफ  कानूनी कार्रवाई कर न्याय की गुहार लगाई गई है।

पीडि़त क्रेता गुरूविंदर सिंह केलाबाड़ी दुर्ग निवासी ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया है कि मेरे व विक्रेता राकेश बैद  व आम मुख्तियार प्राप्तकर्ता गुलाबचंद जैन के मध्य विक्रेता की ग्राम रिसाली वार्ड नंबर.63 आकांक्षा कुंज स्थित 10,150 वर्गफीट भूमि के विक्रय के लिए गवाहों के समक्ष 30 जुलाई 2015 को इकरारनामा किया गया था। भूमि के चौहद्दी में 30 फीट का रास्ता, दक्षिण में सीमा झा एवं शिव देवांगन की भूमिए पूर्व में 20 फीट का रास्ता और पश्चिम में 25 फीट का रास्ता था। उक्त संपत्ति के विक्रय इकरारनामा उपरांत मैंने विक्रेता राकेश बैद और आम मुख्तियार प्राप्तकर्ता गुलाबचंद जैन के कहे अनुसार अंकुश जैन को दो लाख, कविता जैन को दो लाख, शिखा जैन को दो लाख चेक के माध्यम से दिए और सीटीएस के माध्यम से 5 लाख रुपए संतोष जैन के खाते में जमा करवाएं। इस प्रकार मेरे द्वारा कुल 11लाख रुपए का भुगतान किया गया, लेकिन आज दिनांक तक विक्रेता व आम मुख्त्यार प्राप्तकर्ता द्वारा उक्त सौदाशुदा भूमि का मेरे नाम रजिस्ट्री नहीं करवाया गया हैं। 

 गुरूविंदर सिंह ने शिकायत में पुलिस को बताया कि मुझे जानकारी मिली कि उक्त भूमि का विक्रेता व आम मुख्त्यार प्राप्तकर्ता द्वारा अन्य लोगों से भी सौदा किया गया था। यह मामला दुर्ग न्यायालय तक भी पहुंचा। इस मामले में न्यायालय द्वारा गुलाबचंद जैन के विरुद्ध फैसला सुनाया गया था। 

न्यायालय के इस फैसले को छिपा कर उक्त भूमि का सौदा मेरे साथ किया गया, जो अपराध की श्रेणी में आता है। न्यायालय के इस फैसले की जानकारी मुझे मिली तो मैंने इकरारनामा के एवज में दिए गए 11 लाख की राशि विक्रेता राकेश बैद और आम मुख्त्यार प्राप्तकर्ता गुलाबचंद जैन से मांग की,  लेकिन उन्होंने राशि वापस लौटाने के बजाय मेरे साथ दुव्र्यवहार किया। जिससे मुझे पूरा विश्वास हो गया कि इन लोगों ने मेरे साथ छल कर जमीन का इकरारनामा किया हैं। ये लोग अब राशि भी हड़प करने के फिराक में हैं। फलस्वरुप मेरे द्वारा पुलिस की शरण ली गई। 

पीडि़त क्रेता गुरूविंदर सिंह ने विक्रेता व आम मुख्त्यार प्राप्तकर्ता के कृत्यों को धारा 467ए 468ए 469ए 420ए 120 बी व 34 के तहत अपराध मानते हुए नेवई पुलिस से उचित कारवाई कर न्याय दिलाने की मांग की गई है।
 

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