दुर्ग

शोध समस्या का चयन व परिकल्पना का सही निर्माण सबसे महत्वपूर्ण- डॉ. शकील
27-Jul-2024 2:40 PM
शोध समस्या का चयन व परिकल्पना का सही निर्माण सबसे महत्वपूर्ण- डॉ. शकील

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 27 जुलाई।
भारती विश्वविद्यालय दुर्ग के राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला सह विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय रिसर्च प्राब्लम, कन्सट्रक्ट एण्ड फार्मूलेशन ऑफ हाइपोथिसिस था। 

इस कार्यशाला में डॉ. शकील हुसैन, प्रोफेसर राजनीति विभाग, शासकीय वी.वाई.टी स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग (छ.ग.) ने मुख्यवक्ता के रूप में संबोधित किया। उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि शोध समस्या की शुरुआत एक व्यापक समस्या क्षेत्र की पहचान करने से शुरु होती है, इसके बाद समस्या के बारे में अधिक जानना, चरों की पहचान करना और यह देखना कि वे किस प्रकार संबंधित है। व्यावहारिक पहलुओं पर विचार करना, और अंत में समस्या कथन विकसित करना। अत: शोध प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रथम चरण शोध समस्या का चयन व परिकल्पना का सही निर्माण करना है। 

इस अवसर पर विभिन्न संकाय, विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, शोधार्थी, प्रतिभागी व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में सक्रियता दिखाते हुए प्रश्न भी पूछे, जिसका उत्तर देकर मुख्य अतिथि ने उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम का संचालन एवं विषय प्रवर्तन कला और मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. अजय कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीना सिंह विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग ने किया।

आरम्भ में डॉ. विद्यावती चन्द्राकर, सहायक कुलसचिव ने भारतीय विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में जानकरी दी। इस अवसर पर डॉ. के.डी. त्रिपाठी, डॉ. नम्रता गेन, डॉ. समन सिद्दिकी, डॉ. चाँदनी अफसाना, डॉ. गुरूसरन लाल सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे।

 

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