दुर्ग
![मुआवजा से असंतुष्ट ग्रामीण करेंगे आंदोलन मुआवजा से असंतुष्ट ग्रामीण करेंगे आंदोलन](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1622903190G_LOGO-001.jpg)
ठेलकाडीह-दुर्ग मार्ग उन्नयन एवं चौड़ीकरण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 जून। सडक़ निर्माण में प्रभावित ग्रामीणों ने लंबित आवेदनों का शीघ्र निराकरण की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। प्रभावितों ने कहा है कि यदि प्रशासन शीघ्र उचित मुआवजे को लेकर कार्रवाई नहीं करती है, तब सडक़ की लड़ाई लड़ेंगे।
ज्ञात हो कि एडीबी छत्तीसगढ़ राज्य सडक़ परियोजना के अंतर्गत निर्माणाधीन ठेलकाडीह-दुर्ग मार्ग उन्नयन एवं चौड़ीकरण का कार्य राज्य सरकार के पीडब्लूडी विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिसमें ग्राम बोरई, नगपुरा, मालूद, बेलौदी, चिखली गांव के ग्रामीणों का मकान, दुकान, खलिहान और खुली भूमि प्रभावित हो रही है।
प्रभावितों का आरोप है कि रोड निर्माण के लिए भू अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पूरी तरह नजर अंदाज किया जा रहा है। लगानी भूमि और पट्टे की भूमि को सरकारी दर्शाकर मुआवजा से वंचित किया जा रहा है, सिर्फ प्रभावित संरचना का पुनर्निर्माण हेतु राहत राशि दी जा रही है। ढांचे के मूल्य निर्धारण में भी अनेक विसंगतियां है। ॉ
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के महासचिव झबेंद्र भूषण वैष्णव का कहना है कि एक ही सडक़ के निर्माण में एक गांव के प्रभावितों को आबादी पट्टे की भूमि का मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि अन्य गांवों में आबादी पट्टे की भूमि को सरकारी बताकर प्रभावितों को मुआवजा राशि से वंचित किया जा रहा है, और तो और एक ही जिले के पाटन ब्लाक और दुर्ग ब्लाक में विभाग द्वारा मुआवजे के निर्धारण में भेदभाव किया गया। सडक़ निर्माण से प्रभावित ग्रामीणों द्वारा पिछले 5-6 माह से न्याय की मांग करते हुए परियोजना विभाग पीडब्लूडी, एसडीओ, कलेक्टर और मंत्री ताम्रध्वज साहू तक गुहार लगा रहे हैं
किंतु प्रभावितों को अभी तक राहत नहीं मिल सकी है और अब मकान खाली करने बेजा दबाव बनाया जा रहा है। इससे लोगों में आक्रोश है और आंदोलन करने पर विचार कर रहे हैं।
इस संबंध में प्रभावित ग्रामिणों ने छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में कलेक्टर दुर्ग को स्मरण पत्र सौंपते हुए आग्रह किया कि मामले पर अविलंब संज्ञान लेते हुए लंबित आवेदनों का न्यायपूर्वक निराकरण अविलंब करें। प्रतिनिधियों ने कहा कि कोरोना पेन्डेमिक काल में हम किसी तरह का आंदोलन नहीं चाहते, यदि प्रशासन शीघ्र उचित मुआवजे को लेकर कार्रवाई नहीं करती है, तब सडक़ की लड़ाई हमारी मजबूरी होगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष उत्तम चंद्राकर, लोचन सिन्हा, हेमकुमारी वैष्णव आदि शामिल हैं।