राजनांदगांव
57 गांवों नए थाना में शाामिल
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 15 जून। पुलिस के मानचित्र में जल्द ही ठेलकाडीह नए थाना के रूप में नजर आएगा। पुलिस महकमें में अरसे से ठेलकाडीह में नया थाना खोले का मामला लंबित था। बताया जा रहा है कि इस माह के आखिरी में ठेलकाडीह में नया थाना अस्तित्व में आ जाएगा।
राजनांदगांव जिले में करीब तीन दर्जन थाना के अलावा डेढ़ दर्जन पुलिस चौकी और बेसकैंप में सुरक्षाबल तैनात है। जिले की भौगौलिक परिस्थितियों के लिहाज से कुछ सालों के अंतराल में थानों की तादाद बढ़ी है। पूववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में ठेलहाडीह में नया थाना खोलने की प्रशासकीय स्वीकृति मंजूर थी। महकमें की ओर से सरकार को ठेलकाडीह में थाना खोलने की व्यवहारिक और सुरक्षात्मक वजहों से अवगत कराया गया था।
बताया जाता है कि चिखली-खैरागढ़ के बीच थाना की जरूरत महकमा जोर दे रहा था। इसके पीछे कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना एक प्रमुख कारण रहा। ठेलकाडीह में थाना खोलने से पुलिस को गश्त और आकस्मिक स्थिति से निपटने में आसानी भी होगी। बताया जाता है कि खैरागढ़, घुमका और मोहारा पुलिस चौकी सरहदी गांवों को मिलाकर ठेलकाडीह नया थाना बना है।
बताया जाता है कि 57 गांवों को नए थाना में शामिल किया गया है। इस संबंध में एसपी डी. श्रवण ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि जून के आखिरी में ठेलकाडीह में नया थाना खुल जाएगा। ठेलकाडीह को थाना का दर्जा मिलने से पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ेगी। बताया जा रहा है कि एक सामाजिक भवन को वैकल्पिक थाना का रूप दिया गया है। थाना के अनुरूप सेटअप भी तैयार किया जा रहा है।
बताया जाता है कि शुरूआत में एक सब इंस्पेक्टर को थाना प्रभारी नियुक्त किया जा सकता है। वही प्रधान आरक्षक समेत आरक्षक भी पदस्थ किए जाएंगे। वहीं महिला अपराधों के निराकरण के लिए महिला आरक्षकों को भी तैनात किया जाएगा। बताया जाता है कि नए थाना खुलने से सबसे अधिक खैरागढ़ थाना का कार्यबोझ कम होगा। थाना खुलने के बाद ठेलकाडीह खैरागढ़ से पृथक हो जाएगा।
शहरी थानों का पुनर्गठन अब भी लंबित
बरसों से शहर के थानों का नए सिरे से पुनर्गठन का मसला भी राज्य सरकार के पास लंबित है। गुजरे बरसों में शहर की आबादी बढ़ी है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की सामाजिक और भौगौलिक परिस्थिति में बदलाव आए है। बताया जाता है कि तत्कालीन एसपी सुंदरराज पी. ने सरकार को थानों का परिसीमन कर नए तरीके से पुनर्गठन के बाद नए थाना खोलने के प्रस्ताव को विचार के लिए भेजा था। नए प्रस्ताव में लालबाग की जगह सिविल लाईन, चिखली-सुरगी को थाना का दर्जा देना शामिल था। लालबाग को शहर से बाहर शिफ्ट कर पूर्ण देहात थाना बनाने की भी पैरवी की गई थी। बताया जाता है कि पांच साल ने पीएचक्यू में इस प्रस्ताव की फाईल धूल खा रही है।