राजनांदगांव

नक्सलगढ़ कोहका नदी में रेत से भरे सैकड़ों ट्रक जब्त
21-Jun-2021 1:19 PM
नक्सलगढ़ कोहका नदी में रेत से भरे सैकड़ों ट्रक जब्त

  मानपुर इलाके से लौटे कलेक्टर ने अवैध उत्खनन व परिवहन रोकने उठाए सख्त कदम  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 जून।
जिले के घोर नक्सल प्रभावित मानपुर क्षेत्र की एक प्रमुख कोहका नदी में धड़ल्ले से चल रहे अवैध रेत उत्खनन पर लगाम कसते हुए प्रशासन ने रेत से भरी सैकड़ों हाईवा और ट्रकें जब्त की है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने लगातार दो दिन के दौरे में मानपुर इलाके के नदी-नालों में चल रहे अवैध रेत उत्खनन को अपनी नजरों से देखा। मानपुर से औंधी क्षेत्र की आवाजाही के दौरान कलेक्टर की नदी पर नजर पड़ी। उनके दौरे से लौटते ही खनिज विभाग ने कोहका नदी और जामड़ी में क्रमश: 40 और 70 हाईवा रेत जब्त किया।

बताया जा रहा है कि कलेक्टर सिन्हा ने स्पष्ट रूप से खनिज अफसरों को चेताते हुए बिना डर के कार्रवाई करने को कहा था। कोहका नदी दरअसल मानपुर और औंधी के बीच बहने वाली एक प्रमुख नदी है। इस नदी से निकाले गए रेत को महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी कीमत पर बेचने का व्यापार चल रहा है। बताया जा रहा है कि कई जगह नदी से निकाले रेत को माफियाओं ने डंप भी कर दिया है। जिले में रेत के दाम आसमान छू रहे हैं। न सिर्फ शहरी इलाकों में, बल्कि नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में भी माफियाओं ने अवैध तरीके से रेत निकालकर नदी-नालों की दशा और दिशा बदल दी है।
 
बताया जा रहा है कि मानपुर इलाका अवैध रेत कारोबार के लिए एक चर्चित जगह बन गया है। मानपुर के रास्ते महाराष्ट्र सीमा से सटे गांव में रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। मानपुर में पिछले कुछ साल के भीतर राजनीतिक रसूख रखने वाले नेताओं ने जमकर अवैध रेत उत्खनन से मोटी कमाई की है। बताया जा रहा है कि रेत उत्खनन के लिए पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी माफियाओं ने ताक में रखा। यह पहला अवसर है जब 100 से अधिक रेत से भरी गाडिय़ां प्रशासन ने जब्त की है। 

राजनीतिक संरक्षण-अफसरों की मिलीभगत का नतीजा
नक्सल क्षेत्र मानपुर प्राकृतिक रूप से संपन्न है। प्रचुर मात्रा में मानपुर के पठारी इलाके खनिजों से लैस है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में नक्सल भय के आड़ में प्राकृतिक संसाधनों को लूटने का खेल चल रहा है। नदियों से जहां अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर रेत उत्खनन किया जा रहा है। वहीं लौह अयस्क क्षेत्र पल्लेमाड़ी में भी कच्चे लोहे की तस्करी होती रही है। बताया जा रहा है कि राजनीतिक संरक्षण और अफसरों की मिलीभगत का नतीजा रहा कि मानपुर इलाका गौण खनिजों के तस्करों के लिए एक अड्डा बन गया है। पूर्ववर्ती भाजपा राज में कई खदानों को खाई में बदल दिया गया। यह सिलसिला कांग्रेस के सत्तासीन होने के बाद भी बरकरार है। बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय कांग्रेस के एक नेता के इशारे पर खुलेआम पत्थर, लोहा और रेत का धड़ल्ले से उत्खनन हो रहा है। कांग्रेस ने विपक्ष में रहते मानपुर के प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन करने का आरोप भाजपा सरकार पर लगाया था। अब यही काम सत्तारूढ़ दल के नेता कर रहे हैं। 

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