राजनांदगांव

8 सोसायटियों में 38 हजार क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे
03-Jul-2021 5:56 PM
8 सोसायटियों में 38 हजार क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे

नियमित उठाव नहीं, बारिश में सड़ रहा धान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
अंबागढ़ चौकी, 03 जुलाई।
मानसून की दस्तक के साथ ही इलाके में झमाझम बारिश शुरू हो गई है। पखवाड़ेभर से हर एक-दो दिन के अंतराल में बारिश हो रही है और विकासखंड के धान खरीदी केन्द्रों में आसमान के नीचे खुले में रखा धान भीगने लगा है। 

ब्लॉक की आठ धान खरीदी केन्द्रों में आज की स्थिति में 38 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है। आश्चर्य है कि जिला प्रशासन की सख्ती के बाद भी सोसायटियों से धान का उठाव नहीं हुआ है। इधर धान का नियमित उठाव नहीं होने से सोसायटियों से जुड़े कर्मचारियों की मुश्किलें भी बढ़ी हुई है और प्रशासन की चिंता भी बढ़ी हुई है, लेकिन खुले में रखा धान अब बारिश में भीगकर सडऩे लगा है। इससे शासन व सोसायटी को इस वर्ष लाखों की क्षति होने की संभावना है।

विकासखंड में इस वर्ष रिकार्डतोड़ 5 लाख 20 हजार क्विंटल धान खरीदी हुई है। सभी सोसायटियों में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक धान खरीदी की गई,  लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन एवं प्रशासनिक कुप्रबंधन के चलते अब तक धान का उठाव नहीं हुआ है। ब्लॉक के सभी केन्द्रों में अब भी खुले आसमान के नीचे धान रखा हुआ है। जबकि जिला प्रशासन की ओर से जून माह के दूसरे पखवाड़े में ही धान का उठाव व परिवहन के निर्देश थे। हालांकि पखवाड़ेभर में धान के उठाव की गति तेज हुई है, लेकिन अब भी हर सोसयटियो में धान खुले में पड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार ब्लॉक में इस वर्ष 5 लाख बीस हजार क्विंटल से अधिक की धान खरीदी हुई थी। जून माह में जहां डेढ़ लाख क्विंटल धान खुले में पड़ा हुआ था। वहीं एक जुलाई की स्थिति में 37 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है। सोसायटियों से नियमित धान का उठाव व परिवहन नहीं होने से धान बारिश में भीगकर खराब हो रहा है। इससे शासन व सोसायटी को इस वर्ष भी लाखों की क्षति का सामना करना पड़ेगा।

कौड़ीकसा व चौकी केंद्र में सबसे अधिक धान जाम 
जिला सहकारी केन्द्रीय बेंक मर्यादित अंबागढ़ चौकी के शाखा प्रबंधक एलके सोनी ने बताया कि एक जुलाई की स्थिति में ब्लॉक के कुल 8 सोसायटी में 37 हजार 747 क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है। श्री सोनी ने बताया कि उठाव के संदर्भ में प्रशासन व विभाग के शीर्ष अधिकारियों को हर दिन जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि कौड़ीकसा में सबसे अधिक 8177 क्विंटल, अंबागढ़ चौकी में 7557 क्विंटल, ढाढूटोला बांधाबाजार में 6793 क्विंटल, आतरगांव में 4040 क्विंटल, आमाटोला में 3208 क्विंटल, चिल्हाटी में 3132 क्विंटल, छछानपाहरी में 2522 क्विंटल व विचारपुर में 2315 क्विंटल धान का उठाव नहीं हुआ है। इन सभी केन्द्रों में धान खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है।

उठाते ही फट रही है बोरियां, सोसायटी को पड़ रही दोहरी मार
धान का समय पर उठाव नहीं होने से इस वर्ष सोसायटियों को दोहरी मार पड़ रही है। केन्द्र से अब जब धान का उठाव होने लगा है तो बोरियों को उठाते ही वह फटने लगी है। बताया जाता है कि बारिश से धान की बोरियां भींगने एवं गर्मी व धूप के चलते जूट की बोरियां सड़ गई है, इसलिए सोसायटियों को अब नए बोरियों में धान की पलटी कराकर उसे पैक करना पड़ रहा है। इससे सोसायटी को अब फिर से मजदूर, बोरी सहित अन्य व्यवस्थाओ के लिए अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है। अंबागढ़ चौकी सोसायटी के समिति प्रबंधक रामकिशोर बंसोड़ ने बताया कि बारिश में भीगने व धूप में रखे होने के कारण धान की बोरियां सड़ गई है, इसलिए अब उन्हें दोबारा परिश्रम व अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ रहा है।

इस संबंध में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रबंधक एलके सोनी का कहना है कि खरीदी केंद्र से धान के उठाव के लिए प्रशासन व विभाग के वरिष्ठ अफसरों की जानकारी निरंतर दी जा रही है। उन्होंने माना कि धान का उठाव काफी धीमी गति से एवं नियमित नहीं हो रहा है।
 

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