कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल/कोण्डागांव, 17 जुलाई। शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाकर शासकीय भूमि संरक्षित करने के लिए बस्तर संभागायुक्त जीआर चुरेन्द्र एवं कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के निर्देश पर संपूर्ण जिले में कार्रवाई की जा रही है। केशकाल के डीहीपारा में आठ एवं डिपोपारा में तीन स्थानों से बेजाकब्जा हटाए गए।
शनिवार को एसडीएम डीडी मंडावी के मार्गदर्शन में तहसीलदार आशुतोष शर्मा, नगर पंचायत सीएमओ नामेश्वर कावड़े के नेतृत्व में नायब तहसीलदार दयाराम ठाकुर सहित राजस्व विभाग, नगर पंचायत व पुलिस विभाग का संयुक्त दल केशकाल के डीहीपारा पहुंचा। जहां आठ स्थानों पर शासकीय भूमि पर अस्थायी निर्माण हटाने के साथ फेंसिंग कर घेरी गयी भूमियों अतिक्रमण को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।
शुक्रवार को भी प्रशासनिक दल द्वारा अतिक्रमित भूमियों के सर्वेक्षण के लिए केशकाल के डिपोपारा में तहसीलदार आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में राजस्व विभाग, नगर पंचायत व पुलिस विभाग के संयुक्त दल ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के लिए अस्थाई निर्माण को देखते हुए, कार्यवाही की गई थी। जिसमें तीन स्थानों पर निर्माणाधीन अस्थाई झोपडिय़ों, मकानों व फेंसिंग कर अतिक्रमित की गई भूमियों को राजस्व विभाग ने पटवारी रिकॉर्ड से मिलान कर शासकीय भूमि की पहचान कर जगह को मुक्त कराया गया।
ज्ञात हो कि 14 जुलाई बुधवार को आयोजित राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाकर सभी शासकीय भूमियों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत जिले में लगातार कार्यवाहियां की जा रही है।
केशकाल तहसीलदार आशुतोष शर्मा ने बताया कि केशकाल के डीहीपारा व डिपोपारा में शासकीय भूमि पर लोगों द्वारा किये गए अतिक्रमण के चलते राजस्व रिकार्ड से मिलान करते हुए 3 घरों व लगभग 12 घेरों को तोड़ा गया है। यह अभियान केशकाल नगर में लगातार जारी रहेगा।
आमजन को सुझाव देते हुए तहसीलदार ने कहा कि वह ऐसी जगहों पर घर बनाकर अपना पैसा बर्बाद न करें, जो भूमि अतिक्रमण के अंतर्गत आती है। इससे शहर की बसावट प्रभावित होती है, साथ ही आमजन को मिलने वाली बिजली, पानी आदि मूलभूत सुविधाएं भी प्रभावित होती है। आप सभी एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं तथा भविष्य में कभी भी राजस्व भूमि पर अतिक्रमण न करें।