राजनांदगांव
गांवों में मलेरिया उन्मूलन के लिए साझा अभियान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 जुलाई। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशानुसार 22 जुलाई 2021 मलेरिया उन्मूलन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के विकासखंड खैरागढ़ एवं छुईखदान अंतर्गत मध्यप्रदेश बार्डर क्षेत्र में ग्राम स्तर पर मास स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम अंतर्गत दोनों क्षेत्रों के गांवों में घर-घर सर्वे कर मलेरिया की जांच एवं उपचार किया जाएगा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजनांदगांव डॉ. मिथलेश चौधरी तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बालाघाट डॉ. मनोज पांडे के मार्गदर्शन में सर्वे दल द्वारा विकासखंड खैरागढ़ के 17 ग्रामों एवं छुईखदान के 7 ग्रामों तथा मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र विकासखंड लांजी के 3 व बिरसा के 11 ग्रामों में मलेरिया मास स्क्रीनिंग कर का शत-प्रतिशत ग्रामीणों का रक्त जांच किया जाएगा। मलेरिया जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर मरीजों का उपचार किया जाएगा एवं ग्रामीणों को मलेरिया से रोकथाम के लिए आवश्यक जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए विकासखंड स्तर पर सर्वे दल का गठन किया गया है। सर्वे दल द्वारा गृह भेंट कर मास स्क्रीनिंग, दीवार लेखन एवं विभिन्न प्रचार-प्रसार की गतिविधियां की जाएगी। ग्रामीणों को मलेरिया से बचाव के लिए उपाय बताए जाएंगे। खंड चिकित्सा अधिकारियों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने बताया कि मच्छरदानी का उपयोग करने, फूल बाजु के कपड़े पहनने, अपने घरों के आसपास सफाई रखने से मलेरिया बचा जा सकता है।
कूलर, छत पर खुली पानी की टंकिया, फटे पुराने टायर ट्यूब, टूटे-फूटे मटके, बाल्टी, टीन एवं प्लास्टिक के डिब्बे, घर के सजावटी गमलों में पानी में, मनी प्लांट के पॉट के पानी में, मंदिर में कलश में बहुत दिनों से रखे पानी में, फ्रीज के नीचे ट्रे जहां पानी जमा होता है, नारियल के टूटे हुए टुकड़े जिसमें पानी जमा हो, कच्चे नारियल का पानी पीने के बाद फेक दिया जाता हैं, उसके अंदर बारिश का पानी जमा होने पर उसमें मच्छर की उत्पत्ति होती है। मच्छर उत्पत्ति क्षेत्रों को नष्ट करने से मलेरिया से बचा जा सकता है।