कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 26 जुलाई। प्रदेश भाजपा के निर्देशन पर कोण्डागांव के भाजपा पदाधिकारियों ने क्षेत्र के हजारों किसानों के साथ 26 जुलाई को बस स्टैंड के पास फावारा चौक में एक दिवसीय धरना दिया। इस धरना कार्यक्रम को मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेण्डी ने नेतृत्व किया। धरना उपरांत रैली निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया।
इस धरना कार्यक्रम में पालिका अध्यक्ष हेम कुंवर पटेल, उपाध्यक्ष जसकेतू उसेण्डी, बाल कुंवर प्रधान, प्रेम सिंह नाग, मीनू कोर्राम, ऋषभ देवांगन, अशोक शार्दुल, कृष्ण पोयाम, रामचंद्र कश्यप, दयाशंकर दीवान, रामसाय नेताम, बेलकुराम बघेल, संजू पोयाम, अनिल अग्रवाल, दिलीप दीवान, धनपति पोयाम व अन्य पदाधिकारियों सहित मोर्चा व प्रकोष्ठों के कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में नजर आए।
इस दौरान भाजपा पदाधिकारियों ने बारी-बारी से कहा, सहकारी सोसायटी में खाद की अनुपलब्धता, खुले बाजार में खाद की कालाबाजारी, बीज का संकट, अघोषित बिजली कटौती, गुणवत्ता विहीन वर्मी कंपोस्ट खाद खरीदने की बाध्यता सहित अन्य प्रमुख समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षण कराया गया। इसके साथ ही इन समस्याओं के त्वरित निराकरण पर बल दिया जाने की आवश्यकता के मद्देनजर राज्य सरकार को अविलंब निर्देशित करने आग्रह किया गया।
प्रदर्शन में पहुंचे कार्यकर्ताओं व किसानों को संबोधित करते भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेण्डी ने कहा, कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। खेती किसानी के दिनों में जरूरत पडऩे पर किसानों को खाद, बीज नहीं मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या है। अब हमारी शक्ति का प्रदर्शन ही शासन-प्रशासन पर दबाव बनाएगा, जिससे किसानों की समस्या का समाधान हम करने में सफल होंगे।
किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष चंदन साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की पंद्रह वर्षों तक सरकार रही पर किसानों को कभी भी खाद यूरिया की कमी नहीं हुई थी। कांग्रेस सरकार के ढाई साल का कार्यकाल पूर्णरूप से कुशासन का कार्यकाल रहा है। यह सरकार किसान विरोधी है बड़े-बड़े वादे करके कांग्रेस सत्ता में काबिज हुई है, पर किसानों के हित में किए वादे को यह सरकार भूल चुकी है।
जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा ने कहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों के हित में क्रांतिकारी निर्णय लेती है, किसानों का शोषण करने वाली कांग्रेस इसका विरोध करती है। एक ओर केंद्र सरकार की योजनाओं से किसान की आय दुगुना करने का प्रयास किया जा रहा है, किसानों को हरसंभव मदद दी जा रही है, वही दूसरी ओर बीज और खाद के संकट के फलस्वरूप बोवाई और रोपाई में भी छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसान पिछड़ते चले जा रहे है।