रायगढ़
पीडि़त के परिजन घंटों थाने में बैठे रहे, फिर भी दर्ज नहीं हुई एफआईआर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 28 जुलाई। चार महीने पहले वाहन पलटने से झारखण्ड निवासी खलासी बुरी तरह घायल हुआ था। उसकी जान बचाने डॉक्टर को उसका पैर काटना पड़ा। उसके परिजन बरमकेला थाना में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे। इस दौरान घंटों बाद भी थाना प्रभारी थाना के नहीं होने से एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने की अपील की गई है, ताकि वह न्यायालय में वाद दायर कर क्षतिपूर्ति राशि की मांग कर सके।
इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आज ही वो कार्यालय आए थे, उनके आवेदन पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
झारखण्ड के खरमधी के रहने वाले राकेश कुमार ने एसपी को सौंपे गए अपने शिकायत पत्र में कहा है कि वह 14 चक्का क्र. सीजी 15 डीके 3249 का खलासी है। वाहन मालिक मिथिलेश कुमार ओझा निवासी सनकुरवा थाना गढ़वा के द्वारा अपना वाहन अजय पाल गढ़वा जिले के अंतर्गत आने वाले ग्राम मकरी थाना जिला भवनाथपुर निवासी को दिया है। उक्त वाहन में 29 मार्च को विशाखापट्नम से कोयला लेकर रायगढ़ आने के दौरान बरमकेला के पास वाहन चालक अजय पाल के द्वारा तेज एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से वाहन पलटा दिया गया। दुर्घटना में वाहन के खलासी राकेश कुमार के बांय पैर में गंभीर चोट आने की वजह से उसे वाहन चालक के द्वारा अपेक्स अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। परंतु महंगे उपचार हेतु वाहन के खलासी के पास पर्याप्त पैसे नहीं होनं की वजह से वह रांची जाकर वहां के अस्पताल में भर्ती हो गया। जहां उपचार के दौरान पैर में इंनफेक्शन होनं की वजह से उसका पैर काटना पड़ गया। पैर कट जाने की स्थिति में राकेश कुमार दिव्यांग हो चुका है, और न्याय की गुहार के लिए परिजन दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं।
गत 2 अपै्रल को राकेश कुमार के मामा सुरेन्द्र पाल ने बरमकेला थाना में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे। इस दौरान थाने में मुंशी बैठे थे, जिन्हें लिखित शिकायत दी गई। इस दौरान मुंशी का कहना था कि थाना प्रभारी अभी पेट्रोलिंग में है, उनके कहने पर भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके बावजूद पीडि़त के परिजन चार घंटे तक बरमकेला थाना में बैठे रहे, परंतु थाना प्रभारी थाना पहुंचे ही नहीं। इसके बाद थक हारकर हताश होकर पीडि़त के परिजन वापस घर लौट गए। पीडि़त के परिजनों ने आज पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने की अपील की गई है ताकि वह न्यायालय में वाद दायर कर क्षतिपूर्ति राशि की मांग कर सके।
शिकायतों का निराकरण करना पुलिस का फर्ज, लापरवाह थानेदारों पर भी होती है कार्रवाई- एएसपी
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा का कहना है कि ज्यादातर शिकायतें सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय करने के लिए लोग पहुंच जाते हैं और उनको लगता है कि यहां आवेदन देने के बाद तत्काल कार्रवाई होगी, जबकि यहां से भी आवेदन देने के बाद संबंधित थाने को ही उसका आवेदन भेजा जाता है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी थाने में पीडि़त की शिकायत नहीं ली जाती तो उस पर भी संबंधित थानेदार पर कार्रवाई की जाती है। जनता न्याय की आस लेकर यहां तक आती है तो उन्हें निराश नहीं किया जाता। पीडि़त राकेश कुमार के मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आज ही वो कार्यालय आए थे, उनके आवेदन पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है।