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कहा- फर्जी ग्रामसभा हुआ, विरोध में है ग्रामीण लड़ेंगे सडक़ की लड़ाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 6 जुलाई। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड अंतर्गत ग्राम मुलाकिसोली में ग्रेनाइट के टेंडर पर सियासत गरमा रही है। जहां बीते दिनों पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने मुलाकिसोली में खदान की लीज प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे, वहीं अब भाजपा भी इस मामले पर विरोध दर्ज करवाती नजर आ रही है।
बुधवार को भाजपा की कोंटा मंडल की टीम समेत भाजपा जिला अध्यक्ष हूंगाराम मरकाम मूलाकिसोली गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की और खदान की लीज पर ग्रामीणों की सहमति जानी।
हूंगाराम मरकाम का कहना है कि यहां के ग्रामीण खदान को लीज पर देने के लिए बिल्कुल भी सहमत नहीं है और कागजों में इन ग्रामीणों को और यहां के मुखियाओं को सहमत बताया जा रहा है इस पूरे मामले पर प्रशासनिक तंत्र पर भाजपा जिलाध्यक्ष हूंगाराम मरकाम ने सवाल उठाए हैं
ज्ञात हो कि सुकमा जिले के कोटा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत मुलाकिसोली क्षेत्र में दो ऐसी खदानें हैं, जिनका आने वाले दिनों में टेंडर लगाया जा रहा है क्योंकि वहां उच्च क्वालिटी के ग्रेनाइट स्टोन पाए गए हैं जिसे दो अलग-अलग भागों में लगाया जाएगा, लेकिन निविदा आमंत्रण से पहले ही यह खदान सवालों के घेरे में आ गई है।
भाजपा जिला अध्यक्ष हूंगा राम मरकाम ने लीज पर दी जा रही खदान को नियम के विरुद्ध प्रक्रिया पूरा करने का आरोप लगाया है। रविवार को हूंगा राम मुरलाकीसोली पहुंचे, वहां सरपंच वार्ड पंच पेरमा पुजारी और ग्रामीणों से लीज पर दी गई खदान के संबंध में ग्राम सभा के बारे में पूछताछ की तो गांव के प्रमुखों ने किसी भी तरह के ग्रामसभा के होने और खदान को लीज पर दी जाने की जानकारी से खुद को अनजान बताया और कहा कि ऐसी कोई ग्रामसभा न हुई है और न ही किसी तरह के हस्ताक्षर उनसे लिए गए हैं। ऐसे में ग्रामसभा और लीज की प्रक्रिया पर मनीष कुंजाम ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
इलाके में उच्च क्वालिटी का ब्लैक डोलेराइट पत्थर मिला है, जिस पर हूँगाराम ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना या हैदराबाद की कंपनियों को यह खदान लीज पर देने की तैयारी की जा रही है जिसका क्षेत्रफल लगभग 49 एकड़ हो सकता है।
गौरतलब है कि बस्तर के ज्यादातर इलाके पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आते हैं जहां ग्राम सभा की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है इस पर हूँगाराम कहते हैं कि गौण खनिज इस इलाके में मिला है इसको लीज पर देने से पहले ग्राम सभा की बैठक बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि सेक्शन 4 में ग्राम सभा गौण खनिज का स्वामित्व रखता है 2014 में एनएमडीसी में जब ग्राम सभा हुई थी तब जाकर खदान को लीज पर दिया गया था, लेकिन यहां बगैर सहमति के खदान को लीज पर देने की तैयारी की जा रही है।
इस मामले पर हूँगाराम ने कहा मुलाकिसोली गांव में उच्च क्वॉलिटी के ग्रेनाइट मिले है औऱ हमें जानकारी है कि इस खदान को लीज पर देने की तैयारी हो गई है, 7 तारीख से ई टेंडर के लिए कॉल किया गया है, इसकी हकीकत जानने हम यहां आए हुए है हमने सरपंच पटेल पेरमा पुजारी ग्रामीणों से मिले।
इनका कहना है कि ऐसा कोई ग्राम सभा नही हुआ गांव के लोग कभी सहमति दिए ही नहीं तो ये किस तरह से लीज की प्रक्रिया पूर्ण हुई है। प्रक्रिया बिना सहमति के पूरा हुआ माइनिंग कम्पनी को लीज कैसे मिल गया।
इस गांव के लोग ये कह रहे कि ये इसके लिए बिल्कुल सहमत नही हैं और विरोध की मुद्रा में हैं विरोध कर करेंगे। हम भी ये कह रहे हंै कि लोगों की मंशा के खिलाफ लीज पर नहीं दिया जाना चाहिए खुदाई नहीं होना चाहिए। हम गांव वालों के साथ है औऱ आने वाले समय में अगर जबरन कुछ होगा तो हम सडक़ की लड़ाई लडऩे को तैयार हैं।
सुकमा, 5 जुलाई। कुम्हरारास स्थिति जिला परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज में रोजगार मेला का आयोजन किया गया। इस रोजगार मेला में 80 युवाओं ने भाग लिया। साथ ही 50 युवाओं को ग्राहक सेवा केन्द्र में वीएलई के रूप में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य के लिए काउंसिलिंग किया गया।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र और जिला अंत्यावसायी विभाग द्वारा कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए शासन द्वारा निर्धारित ऋण योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया।
इस रोजगार मेला में जिला कौशल विकास प्रधिकारण के सहायक संचालक डोनेश साहू, सावी अग्रवाल, ग्राहक सेवा केन्द्र के सहायक संचालक भरत कामले, जिला उद्योग व्यापार केन्द्र, अंतव्यवसायी विभाग तथा रोजगार कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 जुलाई। जिला में नव पदस्थ कलेक्टर हरिस.एस ने मंगलवार को संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में पहली समय सीमा की बैठक ली। उन्होंने समस्त विभाग प्रमुखों से जिले में चल रही शासकीय योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी ली और प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने कहा है कि सुकमा जिला के विकास में अच्छे प्रयास हुए है, हमें इन प्रयासों को और बेहतर करना है। शासन द्वारा चलाई जा रही।
जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर सफल बनाने में सभी विभागों का समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिले को विकास पथ पर बढ़ाने के लिए तत्परता से कार्य किया जायेगा। किसी विभाग को कार्य क्षेत्र में कोई भी समस्या आने पर समन्वय अवश्य स्थापित करें, ताकि समस्या का जल्द से जल्द निराकरण किया जा सके।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत डीएन कश्यप, एसडीएम कोंटा बनसिंह नेताम, एसडीएम सुकमा प्रीति दुर्गम, सहित सर्व तहसीलदार एवं विभाग प्रमुख उपस्थित रहे।
कलेक्टर हरिस.एस ने विभागवार समीक्षा के दौरान पंचायत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाती कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, कृषि विभाग, श्रम विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग आदि के जिला प्रमुखों से चर्चा की और जिले में संचालित कार्यों का संज्ञान लिया। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने एएनसी पंजीयन, आयुष्मान भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्ड पंजीयन, साप्ताहिक डिलीवरी, मलेरिया मुक्त अभियान की प्रगति के साथ ही जिले में कोविड टीकाकरण की प्रगति का संज्ञान लिया। इस दौरान उन्होंने कहा की जिले में 12 से 14 एवं 15 से 18 वर्ष तथा 18 से अधिक के आयु वर्ग के बच्चो के कोविड टीकाकरण सुनिश्चित करने हेतु ग्राम पंचायत वार एवं स्कूल/आश्रम वार रोस्टर तैयार कर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजे। इसी प्रकार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक की प्रगति की जानकारी ली।
इसके साथ ही उन्होंने मातृत्व वंदना योजना, भगिनी प्रसूति योजना, कौशल्या माता योजना आदि योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त कर रहे हितग्राहियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा की पात्र हितग्राहियों को शत प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करें।
बैठक में कलेक्टर ने राजीव युवा मितान क्लब के गठन एवं नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज, जल जीवन मिशन, आधार पंजीयन, वन अधिकार प्रमाण पत्र वितरण आदि के संबंध में जानकारी ली। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सहित जिले में किए जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी लेते हुए अपूर्ण कार्य को समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही राजस्व प्रकरणों का निराकरण समय सीमा के भीतर सुनिश्चित करने को कहा।
सुकमा, 4 जुलाई। सुकमा जिले के नए कलेक्टर हरिस.एस ने सोमवार को पूर्वान्ह 10 बजे कलेक्टर जिला सुकमा के पद पर विधिवत अपना पदभार ग्रहण किया। हरिस. एस 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पूर्व वे बिलासपुर जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के रूप में पदस्थ थे।
जिले के नवपदस्थ कलेक्टर हरिस. एस ने आज पदभार ग्रहण करने के पश्चात जिला संयुक्त कार्यालय में संचालित कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जिला शिक्षा कार्यालय, आदिम जाति कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, खनिज शाखा, श्रम विभाग सहित अन्य कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर डीएन कश्यप, प्रीति दुर्गम, डिप्टी कलेक्टर डीसी बंजारे उपस्थित रहे।
मनीष कुंजाम पहुंचे मुलाकिसोली, ग्राम सभा पर उठाए सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल/सुकमा, 3 जुलाई। सुकमा जिले के कोटा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत मुलाकिसोली क्षेत्र में दो ऐसी खदानें हैं, जिनका आने वाले दिनों में टेंडर लगाया जा रहा है क्योंकि वहां उच्च क्वालिटी के ग्रेनाइट स्टोन पाए गए हैं जिसे दो अलग-अलग भागों में लगाया जाएगा लेकिन निविदा आमंत्रण से पहले ही यह खदान सवालों के घेरे में आ गई है।
भाकपा नेता, पूर्व विधायक और सर्व आदिवासी महासभा के अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने लीज पर दी जा रही खदान को नियम के विरुद्ध प्रक्रिया पूरा करने का आरोप लगाया है। रविवार को मनीष कुंजाम ग्राम मुरलाकीसोली पहुंचे, वहां सरपंच वार्ड पंच पेरमा पुजारी और ग्रामीणों से लीज पर दी गई।
खदान के संबंध में ग्रामसभा के बारे में पूछताछ की, तो गांव के प्रमुखों ने किसी भी तरह के ग्रामसभा के होने और खदान को लीज पर दी जाने की जानकारी से खुद को अनजान बताया और कहा कि ऐसी कोई ग्रामसभा न हुई है और न ही किसी तरह के हस्ताक्षर उनसे लिए गए हैं। ऐसे में ग्रामसभा और लीज की प्रक्रिया पर मनीष कुंजाम ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
ज्ञात हो कि उस इलाके में उच्च क्वालिटी का ब्लैक डोलेराइट पत्थर मिला है। जिस पर मनीष कुंजाम ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना या हैदराबाद की कंपनियों को यह खदान लीज पर देने की तैयारी की जा रही है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 49 एकड़ हो सकता है।
गौरतलब है कि बस्तर के ज्यादातर इलाके पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आते हैं, जहां ग्राम सभा की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है। इस पर मनीष कुंजाम कहते हैं कि गौण खनिज इस इलाके में मिला है, इसको लीज पर देने से पहले ग्राम सभा की बैठक बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि सेक्शन 4 में ग्राम सभा गौण खनिज का स्वामित्व रखता है 2014 में एनएमडीसी में जब ग्राम सभा हुई थी, तब जाकर खदान को लीज पर दिया गया था लेकिन यहां बगैर सहमति के खदान को लीज पर देने की तैयारी की जा रही है।
इस मामले पर मनीष कुंजाम की ओर से यह आरोप आया है कि बिना किसी सहमति के लीज पर देने की तैयारी हो रही है जिसे हम रुकेंगे, वहीं वार्ड क्रमांक 1 की वार्ड पंच रवा सुक्की से छत्तीसगढ़ की टीम ने मौके पर बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी ग्रामसभा की जानकारी नहीं है और ना ही उन्होंने किसी तरह का हस्ताक्षर किसी पन्ने में किया है।
बिना सहमति लीज पर जबरदस्ती की तो हम लड़ाई लड़ेंगे- कुंजाम
इस मामले पर मनीष कुंजाम ने कहा मुलाकिसोली गांव में उच्च क्वॉलिटी के ग्रेनाइट मिले हंै औऱ हमें जानकारी है कि इस खदान को लीज पर देने की तैयारी हो गई है छत्तीसगढ़ स्टेट माइनिंग कॉरपोरेट को विभाग में 7 तारीख से ई टेंडर के लिए कॉल किया गया है, इसकी हकीकत जानने हम यहां आए हुए हैं। हम सरपंच पटेल पेरमा पुजारी ग्रामीणों से मिले। इनका कहना है कि ऐसा कोई ग्राम सभा नहीं हुआ। गांव के लोग कभी सहमति दिए ही नहीं तो ये किस तरह से लीज की प्रक्रिया पूर्ण हुई है।
देश में 1996 का कानून और 2006 का वनाधिकार कानून ये कहता है कि गांव की सहमति के बिना कोई भी लीज की प्रक्रिया आगे नही बढ़ सकती तो प्रक्रिया बिना सहमति के पूरा हुआ माइनिंग कम्पनी को लीज कैसे मिल गया, ये एक सवाल है।
इस गांव के लोग ये कह रहे कि ये इसके लिए बिल्कुल सहमत नहीं हैं और विरोध की मुद्रा में हैं. विरोध करेंगे । हम भी ये कह रहे हंै कि लोगों की मंशा के खिलाफ लीज पर नहीं दिया जाना चाहिए, खुदाई नहीं होना चाहिए। हम गांव वालों के साथ है औऱ आने वाले समय में अगर जबरन कुछ होगा तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे। बहुत जल्द प्रक्रियागत ग्रामसभा होगी वहां कलेक्टर को भी बुलाएंगे, फिर ये चर्चा करेंगे कि खदान देना है या नहीं देना है। फिर उस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री, राज्यपाल और कलेक्टर को भेजेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 जुलाई। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल मर्डर केस के बाद सर्व समाज की ओर से गुरुवार को सुकमा बंद का आह्वान किया गया। सुकमा बंद का व्यापक असर भी देखने को मिला। सभी - दुकानें बंद दिखीं तो सर्व हिन्दू समाज के कार्यकर्ताओं ने बंद में पूरा ध्यान दिया व सडक़ों पर भी कम भीड़ दिखी तो वहीं पुलिस बल भी जगह-जगह तैनात दिखा। इसके साथ ही जिला के कई अन्य शहर जैसे दोरनापाल, कोंटा, छिन्दगढ़ भी उदयपुर हत्याकांड के विरोध में बंद रखा गया था।
उदयपुर में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के विरोध में गुरुवार को सर्व समाज की ओर से सुकमा बंद का व्यापक असर देखने को मिला। इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, लोग बंद का समर्थन करते नजर आए। सुकमा बाजार प्रतिदिन सुबह 7 बजे तक खुल जाते हैं, लेकिन दोपहर तक 98 फीसदी से ज्यादा दुकानों के शटर गिरे रहे। बाजारों में हिंदूवादी संगठनों और भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता भी टोलियों बनाकर घूमते दिखे।
सर्व समाज के अनुरोध पर व्यापारिक संगठनों ने प्रतिष्ठान बंद रखे। व्यापारिक संगठन के अनुसार जिस प्रकार उदयपुर में घटना हुई, वह आम जन को उद्वेलित करने वाली थी। व्यापारियों और दुकानदारों में इस घटना को लेकर काफी रोष है। एक निर्दोष दुकानदार को उसकी दुकान में घुसकर मारा गया। संगठन ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो, इसीलिए इस बंद को व्यापारिक संगठनों ने समर्थन दिया है।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल व भाजपा का भी समर्थन
सुकमा बंद का आह्वान भले ही सर्व समाज की ओर से किया गया हो, लेकिन हिंदूवादी संगठनों, व्यापारिक संगठनों के साथ ही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भाजपा का भी इस बंद को समर्थन रहा। यही कारण रहा कि भाजपा के नेता लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर आमजन से इस बंद को सफल बनाने की अपील करते पाए गए।
शांतिपूर्ण व सफल रहा बंद
इस बंद को सफल बनाने मे विभिन्न संगठनों का काफी सहयोग रहा, जिसका असर शहर का सन्नाटा देख लगाया जा सकता था। शहर में शान्ति पूर्ण बंद थी, कोई अप्रिय घटनाएं नहीं घटी। छोटी-बड़ी सारी दुकानें बंद थी पान ठेला और छोटी गुमटी पुरी तरह बंद दिखे, जिससे पुरे मार्केट में कुछ ही लोगों की आवाजाही थी।
सुकमा, 1 जुलाई। वाहन द्वारा घर पहुंच नि:शुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जनप्रतिनिधि ने हरी झंडी दिखाकर वाहन को रवाना किया। सैकड़ों पौधों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर वाहन द्वारा घर पहुंच नि:शुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम का आज डिवीजन आफिस मे कवाशी हरिश जिला पंचायत अध्यक्ष व राजू साहू नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा हरी झंडी दिखाकर वाहन को रवाना किया गया। योजना मे मनरेगा से पौधा तैयार कर नि:शुल्क पौधा वितरण योजना में वन महोत्सव के दौरान, वन विभाग द्वारा वाहन से घर पहुंचा कर नि:शुल्क पौधा प्रदाय योजना में पौधा, , मुक्तिधाम, श्मशान घाट, कब्रिस्तान, रोड किनारे गोठान-चारागाह पर थाना, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, न्यायालय, स्कूल-कॉलेज, आश्रम छात्रावास में रोपण हेतु नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे।
इसी प्रकार, वन विभाग नर्सरी में अमरुद, कटहल, आम, जामुन, महुआ, बादाम, नींबू, बांस, आंवला, मुनगा, करंज, नीम, हर्रा, पपीता, सीताफल, बेल, गुलमोहर, पेलटाफॉर्म, सफेद शिरीश, केशिया, कचनार आदि प्रजातियों के पौधे उपलब्ध हैं। कार्यक्रम में अधिकारी-कर्मचारि,व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
दोरनापाल, 30 जून। राजस्थान के उदयपुर में हुई निर्मम हत्या के विरोध में सुकमा जिले के दोरनापाल में यूथ हिंदू संगठन के द्वारा कन्हैया लाल के हत्यारों का पुतला जलाया गया, इसके साथ ही कैंडल मार्च कर कन्हैयालाल को श्रद्धांजलि भी दी गई। इस घटना की हिंदू समाज ने निंदा की है और आरोपियों को फांसी देने की मांग हिंदू समाज ने की है। इसके अलावा सुकमा जिले में एक दिवसीय बंद का आह्वान किया गया है जिसका व्यापारी संगठन ने समर्थन किया है और इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला है।
कन्हैया की हत्या के विरोध में यूथ हिन्दू संगठन दोरनापाल द्वारा नगर बन्द कराया गया। जिसका पूर्ण समर्थन व्यापारियों ने किया एवं नगर को मेडिकल व होटल सब्जी जैसी रोज़मर्रा की दुकानों को छोडक़र सभी दुकानों को पूर्ण बंद रखा गया। वहीं इस घटना की निंदा करते हुए दोरनापाल नगर के मध्य चौक में स्व.कन्हैया को मोमबत्ती जलाकर व मौन रखकर नम आँखों से श्रंद्धाजलि दी गई।
विरोध प्रदर्शन में यूथ हिदू संगठन के सदस्य दुर्गेश गुप्ता धर्मेंद्र मोनू सिंह भदौरिया, अमन भदौरिया, धर्मेंद्र सिंह चौहान, जीतू सिंह, आदर्श सिंह, सचिन सिंह, राहुल राजपूत, अभय भदौरिया, दीपक सिंह, राजा राठौर, प्रदीप शुक्ला, मनीष शुक्ला, शिवा यादव, बडक़े सिंह, अर्जित हलधर, सत्यजीत हलधर, जीतू तापडिय़ा, विकास गाँधी, जुगल गाँधी, कमलेश साहू, कृष्णा नायक, लालसिंह नायक, चिंटू कर्मकार,प्रदीप पांडे,विद्यानन्द गुप्ता,बापी हलदर ,रतिभान गुप्ता, एवं सभी दोरनापाल के नगर वासियों ने विरोध जताया एवं दोरनापाल नगर को पूर्ण रूप से बन्द रखा गया।
जान जोखिम में डालकर सडक़ को गांव पहुंचाने वालों का पारंपरिक तरीके से स्वागत
अमन सिंह भदौरिया
दोरनापाल, 25 जून (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। सुकमा जिले के कोटा ब्लाक अंतर्गत बंडा इलाके से एक सुखद तस्वीर निकल कर सामने आई है, जहां गांव तक सडक़ बनने से खुश ग्रामीणों ने सडक़ की सुरक्षा में लगे सुरक्षाबल के जवानों का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया।
एक दौर था, जब लंबे समय तक अलग-अलग इलाकों में सडक़ों का विरोध देखने को मिलता था। पुलिस की तरफ से भी यह आरोप लगता रहा है कि नक्सली इन सडक़ों को नहीं बनने देना चाहते हैं और इसके विरोध में ग्रामीणों को आगे करते हैं। वो एक वक्त था, जब नक्सल प्रभावित इलाकों में सडक़ों व जवानों का विरोध हुआ करता था, लेकिन आज हालात बदल रहे हैं। उन इलाकों में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। जिसके कारण ग्रामीण अब सडक़ का विरोध नहीं बल्कि जवानों व सडक़ का स्वागत कर रहे हैं।
एक वक्त था, जब बदहाल रास्तों की वजह से साल भर में 4 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई थी। मरीज चारपाई के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचता था। वक्त के साथ बस्तर की तस्वीरें भी बदलती नजर आ रही है। सरकार इन बीहड़ों में सडक़ें बना रही है और इससे ग्रामीणों तक उनकी मूलभूत सुविधाएं भी पहुंचने लगी हैं। इन इलाकों में जवानों की कड़ी सुरक्षा में सडक़ें बनाई जा रही है क्योंकि नक्सली सडक़ नहीं बनने देना चाहते।
गौरतलब है कि ये सुकमा जिले का घोर नक्सल प्रभावित बंडा गांव है। यहां पहले आवागमन के लिए सिर्फ पगडंडी थी। नक्सल दहशत के कारण इन इलाकों में विकास कार्य तो दूर की बात मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। लेकिन लगातार जिला व पुलिस प्रशासन के प्रयास से जिले के हालात बदल रहे हैं।
अब सडक़ों का जाल बिछाया जा रहा है। कोंटा से सडक़ निर्माण का कार्य शुरू हुआ और बंडा तक सडक़ निर्माण पहुंचा। जवानों की सुरक्षा में सडक़ निर्माण का कार्य चल रहा है। जब जवान गांव पहुंचे तो वहां गांव की महिलाएं व बच्चे एकत्रित हो गए। महिलाओं ने स्थानीय भाषा में स्वागत गीत गाकर नाच के माध्यम से खुशी का इजहार किया। जवानों ने भी महिलाओं का सम्मान किया और सुरक्षा का वादा किया।
ज्ञात हो कि सुकमा जिले के नक्सल इलाकों में जहां सालों से सिर्फ पगडंडी के माध्यम से ही लोग आना-जाना करते थे, लेकिन अब उन इलाकों में सडक़ों का निर्माण हो रहा है। खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों में जवानों की कड़ी सुरक्षा के बीच सडक़ों का जाल बिछाया जा रहा है। कई ऐसे गांव हैं, जहां सडक़ों का निर्माण हुआ है। आवागमन के साधन बढ़ गए हैं। लोगों को अब पैदल चलकर कम आना पड़ रहा है। हालात बदल रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
किरन्दुल, 19 जून। दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला किरन्दुल में स्थित बैलाडीला ट्रक ऑनर्स एशोसिएशन का चुनावी बिगुल बज चुका है। 1993 में बीटीओए संस्था की स्थापना हुई थी, लेकिन 2011 को पहला चुनाव सम्पन्न कराया गया था। 29 साल बीत चुके हैं, फिर इस बार 2022 के अध्यक्ष, सचिव समेत 7 पदों पर चुनाव होना है। इस बार के बीटीओए में दो पैनल के उम्मीदवार और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने अपना दाव पेश किया है।
उगता सूरज पैनल ए अनिल अध्यक्ष पद के लिये अपने सातों उम्मीदवार के साथ दावेदारी किये है तो वहीं ट्रेक्टर छाप पैनल से मनोज सिंह ने अध्यक्ष पद के लिये अपने सातों उम्मीदवार के साथ बीटीओए की दावेदारी पेश किया है तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी तपन दास ने भी सचिव पद के लिये दो पत्ती छाप पर अपना दावेदारी का पर्चा भरा है।
इस पूरे चुनाव में निर्वाचन अधिकारी अधिवक्ता दिनेश सिंह राठौर एवं चुनाव संचालन अधिकारी कमेटी के सात सदस्यों मे राकेश सिंह गौतम, मृणाल रॉय, आर.सी. नाहक, रवीन्द्र सोनी, ए.जे. कुरियन, बिपुल राय, भान प्रकाश सिंह के मौजूदगी मे चुनाव सम्पन्न कराया जायेगा। चुनाव कमेटी के संचालन कमेटी ने बताया की 27 जून को सुबह 7 बजे से 3 बजे तक मतदान कराया जायेगा। जिसमें 625 सदस्य मतदान करेंगे तो उसी शाम को मतगणना कर परिणाम घोषित किया जायेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 15 जून। सुकमा जिले के दोरनापाल में वार्ड क्रमांक 13 के अंतर्गत रेस्ट हाउस में आंधी तूफान में हुई तबाही से पीडि़त लोगों को मुआवजे की राशि समेत तेंदूपत्ता का भुगतान वितरित किया गया।
जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोड्डू राजा नगर पंचायत अध्यक्ष बबीता माड़वी तहसीलदार देवेंद्र सिरमौर व दोरनापाल नायाब तहसीलदार की उपस्थिति में 192 लोगों को 29 लाख 83 हजार 800 रु में से 35 मकान क्षतिग्रस्त हुए जिसका 80,000 ,फसल खराब हुई जिसका 42792 रु शेष राशि तेंदूपत्ता का भी वितरित किया गया।
गौरतलब है कि दुर्गापाल क्षेत्र में 15 दिनों पहले तेज आंधी-तूफान की वजह से 50 से अधिक परिवार के मकान क्षतिग्रस्त हुए थे वही कुछ मकान धराशाई भी हुए थे जिसके बाद मंत्री कवासी लखमा ने प्रशासन को तत्काल इन लोगों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए थे राजस्व विभाग की टीम ने पूरे इलाके का दौरा कर क्षतिपूर्ति का आंकलन किया और 15 ही दिनों में पीडि़तों को मुआवजा वितरण का कार्यक्रम रख उन्हें मुआवजा वितरित किया गया।
इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करण देव जनपद अध्यक्ष कोंटा सुन्नम नागेश , दोरनापाल ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश सिंह चौहान कोंटा ब्लॉक कांग्रेश अध्यक्ष पांडे , नगर पंचायत उपाध्यक्ष युद्धपति यादव ,दीपक चौहान ,आदर्श सिंह तोमर ,पार्षद, समेत कांग्रेस के कार्यकर्ता राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी आरआई पटवारी मडकम दूला समेत लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम से पहले उपजा झंडा विवाद
इस कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी का झंडा लगाए जाने का भाजपाई पार्षद विरोध करते नजर आए और कार्यक्रम में नगर पंचायत से आमंत्रण के बावजूद इस कार्यक्रम से दूरी बनाते नजर आए। थोड़ी देर के लिए वहां गहमागहमी का माहौल बन गया, क्योंकि जिस दरवाजे पर कांग्रेस का झंडा लगा था, उसके ठीक बगल में भाजपाइयों ने भाजपा का झंडा लगा दिया।
हालांकि समय रहते दोरनापाल थाना प्रभारी सुरेश जांगड़े ने दोनों ही पार्टी के झंडों को निकलवाकर भाजपाइयों को समझा कर मामले को शांत कर दिया, लेकिन नेता प्रतिपक्ष धर्मेंद्र भदोरिया ने प्रशासनिक कार्यक्रम में राजनीति करण का आरोप कांग्रेसियों पर लगाया है।
धर्मेंद्र भदोरिया का कहना है कि क्षतिपूर्ति की राशि वितरण का कार्यक्रम प्रशासनिक है, जिसको लेकर नगर पंचायत सीएमओ ने सभी पार्षदों, अध्यक्ष व एल्डरमैन को कार्यक्रम में शामिल होने आमंत्रण पत्र दिया है, लेकिन इस प्रशासनिक कार्यक्रम को कांग्रेस राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ में राजनीतिकरण करना चाहती है। पीडि़तों को मुआवजा मिलना चाहिए लेकिन कांग्रेस ऐसी ओछी राजनीति तो न करें।
इस पर टिप्पणी करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कहाकि दरवाजे में से तो झंडा निकालोगे, लोगों के दिलों से मंत्री कवासी लखमा को कैसे निकालोगे। राजनीति करने से दोरनापाल के लोगों का भला नहीं होगा। हमारी सरकार लोगों का विकास चाहती है। इससे पहले भाजपा की सरकार यहां होती थी, 15 साल में आज तक इतनी जल्दी मुआवजा लोगों को नहीं मिला। क्योंकि मंत्री कवासी लखमा यहां के लोगों से जुड़े हैं, उनका दर्द जानते हैं और उन्होंने सारी प्रक्रियाओं को बेहतर ढंग से करवाया। पिछली सरकार में लोगों को मुआवजे के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे।
15 दिन से जीजा के घर सुकमा में रह रहा था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 15 जून। आज सुबह मानसिक रूप से कमजोर युवक की शबरी नदी में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई। गोताखोरों की मदद से 1 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद शव को बाहर निकाला गया।
सुकमा थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि नकुलनार निवासी सोनू गुप्ता (18 वर्ष) अपने जीजा दिलीप गुप्ता के घर 15 दिन पहले आया हुआ था। बताया जा रहा है कि सोनी गुप्ता कुछ वर्षों से मानसिक रूप से कमजोर था, 8 वर्ष पहले सोनू गुप्ता के भाई मोनू की मौत नाले में डूबने की वजह से हुई थी, उस समय भी दोनों साथ में नहाने के लिए गए हुए थे, लेकिन डूब जाने से सोनू डर के चलते घर में आकर सो गया था। माँ के पूछने पर बताया कि भाई पानी में डूब गया है, जिसके बाद उसका शव बरामद किया गया था। इन सबके अलावा पिता का निधन भी हो गया था। सोनू भी मानसिक रूप से कमजोर था।
सोनू अपने जीजा के घर सुकमा आ गया था, जहाँ बुधवार को शबरी नदी में नहाने के लिए गया हुआ था कि अचानक गहरे पानी में चला गया, जिसके बाद नदी में ही नहा रहे कुछ नाबालिगों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।
घटना की जानकारी नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू को मिली, जिसके बाद पुलिस को मामले की जानकारी दी गई, वहीं गाँव के स्थानीय गोताखोरों ने नदी में खोजबीन की, जिसके 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शव को बरामद किया गया।
परिजनों ने बताया कि सोनी गुप्ता के निधन के साथ ही अब परिवार में कोई भी पुरुष नहीं बचा. घर के सभी पुरुषों की मौत हो चुकी है। युवक के मौत की खबर का पता चलते ही गाँव के साथ ही परिवार में मातम छा गया। पुलिस ने शव पीएम के लिए भेज दिया, जहां पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 6 जून। सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के डोडपाल पंचायत के ग्राम तोंगरास की 80 साल की वोयामी हिडमे के पति की मृत्यु हुए लगभग 15 वर्ष बीत चुके हैं, इसका कोई भी पालन-पोषण करने वाला नहीं है। बेहद दयनीय अवस्था में ये अपने जीवन के बाकी के दिन गुजार रही हैं। एक टूटे-फूटे ताड़ के पत्ते की चारदीवारी से घिरे हुए झोपड़े में रह कर हर आने वालों को एक आशा भरी निगाहों से देखती हैं।
लगातार शासन के समक्ष सुकमा की समस्याओं का ध्यानाकर्षण कराने हेतु ग्राम भ्रमण पर निकली भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष व अधिवक्ता दीपिका शोरी जब इन 80 वर्षीय अम्मा के घर पहुंचीं तो इनकी दयनीय हालत देखकर दीपिका की आंखें भी भर आईं। बूढ़ी अम्मा ने गोंडी भाषा में कहा कि नोनी एक घर दिलवा दो।
दीपिका ने कहा कि एक टूटी चारपाई, ताड़ के पत्तों की चारदीवारी, चंद बर्तन और तन पर फटे कपड़े और क्या मापदंड हो सकता है पीएम मोदी की महती योजना पीएम आवास की पात्रता रखने को। इन बूढ़ी माता के इस हालात के जिम्मेदार वो सभी लोग हैं, जो शासन प्रशासन के सिस्टम से पूरी तरह जुड़े हुए हैं, फिर चाहे वो अधिकारी हों, कर्मचारी हों या पंचायत से लेकर विधानसभा व लोकसभा के जनप्रतिनिधियों के अलावा राजनितिक पार्टियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग।
आगो कहा कि एक आदिवासी बुजुर्ग महिला जो अपने जीवन के इस पढ़ाव में आने वाले बरसात के दिनों में उनकी क्या हालत होगी, इनकी वर्तमान परिस्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। सबको अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए मैं स्वयं व्यक्तिगत रूप से कलेक्टर सुकमा से मिलकर इनकी हालात से अवगत करवाउंगी।
पहले की झोपड़ी पिछले वर्ष बरसात में गिर गई, नहीं मिला मुआवजा
गत वर्ष बारिश के दौरान इनकी छोटी से झोपड़ी जिसमें वो रहती थी, वो भी गिर गई । इसके बाद पास के ही गांव कलमुंडा में रहने वाले इनके रिश्तेदारों ने इनकी यह झोपड़ी बना दी, उसके बाद वो यहीं पर रह रही हैं।
दीपिका ने बताया कि इस विषय पर प्रधानमंत्री आवास योजना के जिला समन्वयक सचिन से बात की तो उन्होंने पीएम आवास की प्रतीक्षा सूची देखने के बाद ही इस दिशा में कुछ करने की बात की।
दोरनापाल, 6 जून। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सुकमा जिले के दोरनापाल में वन विभाग के आवर्ती चराई केंद्र में पौधारोपण का कार्यक्रम रखा गया।
इस दौरान जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दर्जनों पौधे आवर्ती चौराहे केंद्र में लगाए गए और लोगों से पेड़ न काटने के साथ अधिक से अधिक पेड़ लगाते हुए पेड़ पौधों की सुरक्षा की अपील भी की गई। इस दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती बबीता माड़वी श्रमकल्याण सदस्य सुसंतो राय, दोरनापाल रेंजर लक्ष्मण नेगी, डिप्टी रेंजर धर्मेन्द्र सिंह व वन विभाग के सभी कर्मचारियों ने पौधा लगाकर पर्यावरण दिवस मनाया।
इस असवर पर नपं अध्यक्ष बबिता माड़वी ने पर्यावरण की संरक्षण एवं संवर्धन हेतु पेड़ों की महत्व की जानकारी देते हुए पौधे लगाकर उनके सुरक्षा के उपाय भी सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि जीवन की रक्षा के लिए जीवनदायिनी आक्सीजन गैस की उपलब्धता नितांत आवश्यक है, जो हमे वृक्षों से प्राप्त होती है। इसलिए हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम अधिक से अधिक पेड़ लगाकर उनका संरक्षण व संवर्धन करें।
मौके पर दोरनापाल रेंज के डिप्टी रेंजर धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि मनुष्य सहित समुचे जीव जगत की रक्षा के लिए शुद्ध पर्यावरण एवं पेड़, पौंधों की रक्षा करना अत्यंत आवश्यक है केवल पेड़ लगा देने भर से हमारे कर्तव्यों की इतिश्री नहीं हो जाती हम सभी को पेड़ों की रक्षा का दायित्व भी उठाना होगा।
इस अवसर पर रक्षा के लिए पेड़, पौंधों की महत्व की जानकारी देते हुए सभी लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने एवं उनके सुरक्षा भी सुनिश्चित करने की अपील की। दोरनापाल रेजर लक्ष्मण नेगी ने उपस्थित लोंगों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों के महत्व के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग आदि के खतरों के संबंध में विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके सुरक्षा के उपायों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छिंदगढ़, 2 जून। सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी अंदरूनी क्षेत्र में बसे ग्राम पंचायत मानकापाल के ग्रामीणों से उनकी समस्याओं से रूबरू होने पहुंची भाजयूमो प्रदेश उपाध्यक्ष दीपिका शोरी। उन्होंने बताया कि मानकापाल के कुछ युवाओं के द्वारा गांव में वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के तहत मानकापाल में कुछ कार्य किए गए थे जिनकी मजदूरी अभी तक शेष है व अन्य समस्याओं की भी जानकारी मुझे आज सुबह मिली और मैं अपनी टीम के साथ मानकापाल पहुंची।
पंचायत में 5 तालाबों की मंजूरी मिली पर कार्य होने के पश्चात मजदूरी नहीं मिली है,दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले मजदूर अपना जीवन किस प्रकार जी रहे है एक सोचनीय विषय है।
उन्होंने कहा कि मानकापाल पंचायत के अंतर्गत 5 पारे आते हैं जिनमें मनरेगा योजना के अंतर्गत तालाब निर्माण की स्वीकृति शासन के द्वारा मिली थी जिनमे कुछ पूर्ण हो गए हैं व कुछ अपूर्ण हैं परन्तु सारे तालाबों के मूल्यांकन अनुसार मस्टररोल जनपद पंचायत कार्यालय सुकमा में दिए जा चुके हैं बावजूद इसके जनपद कार्यालय के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार के चलते मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है।
जल्द हो सडक़ निर्माण पूर्ण व मनरेगा का लंबित मजदूरी भुगतान
दीपिका ने बताया कि मानकापाल के रहवासी सोढ़ी जोगा ,जोगा मडक़म,सोढ़ी पोज्जा, मडक़ामी मल्ला, जोगा कुर्मी,हिड़मा मडक़ामी, कोशा, माड़वी, सुक्का, माड़वी, सन्ना, सुक्का, केशा, नंदा, बंडी, भीमे, देवा, सुक्का,भीमा, हुर्रा,हिरमा,कोत्ता, जोगा, मासा, लक्खा, बुसका, भीमा, नंदा, देवा, आयता, सोमड़ा, नंदा, देवा, कोसी, बुधरा, लखमा,जोगी,पोज्जे,हूंगा,गंगा आदि लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए मुझे बताया कि बारिश आने वाली है व हमारे गाँव में जो सडक़ निर्माणाधीन है वो वर्तमान में बंद है बरसात के दिनों में सडक़ की हालत अत्यंत दयनीय हो जाएगी जिससे आवागमन में परेशानी तो होगी ही साथ ही स्वास्थ्य सेवा भी बाधित होगी,दीपिका ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन को अवगत कराना चाहूंगी कि जल्द से जल्द यहाँ के रहवासियों की मनरेगा से सम्बंधित लम्बित मजदूरी का भुगतान किया जावे क्योंकि ये लोग जनपद के चक्कर लगा लगा कर थक चुके हैं मजदूरी भुगतान नहीं हो पा रहा है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र इसलिए नहीं आते हैं अधिकारी
सुकमा जिले का मानकापाल क्षेत्र अत्यंत नक्सल प्रभावित ग्राम है जिसके कारण यहाँ कोई भी अधिकारी नहीं आते हैं यही कारण है कि यहां की समस्या से सीधे तौर पर अधिकारियों की नजर नहीं जाती है हालांकि वर्तमान स्थिति को देखें तो मानकापाल में सीआरपीएफ ने अपना कैम्प भी स्थापित किया हुआ है जिसकी वजह से यहाँ के रहवासियो को कुछ राहत मिली है।
खेल से तन और मन स्वस्थ-दीपिका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 30 मई। जिले के छिंदगढ़ विकासखण्ड के गुडरा में पोयाम एलेवन समिति के द्वारा ब्लॉक स्तरीय टेनिस बाल क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन कोन्टी पारा मैदान में किया गया, जिसमें भोपावाड़ा ने बाजी मारी।
विकासखण्ड के अंर्तगत आने वाले कवासी रास, भोपावाड़ा, कुशल पारा, पाइक पारा, धोबनपाल, गंजेनार, तोगगुडा, गुमतापारा, कुरामी पारा, गुम्मा, पतिनाइक रास, तालनार, पुरीरा, उरमा पाल,सुरेपाल, सुभासपारा, पोडियामी 11 , ढोंड्रेपाल, कोकरपाल, पुजारीपाल, महिमा, नेतानार आदि पंचायतों की 22 टीमों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता में सभी टीमों को पछाड़ कर भोपावाडा व कवासिरास ने फाइनल में स्थान बनाया।
भोपावाडा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। कप्तान चंद्रशेखर ने 22 गेंद में 31 रन बनाकर टीम का 69 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में कवासीरास की टीम 62 रन में आल आउट हो गई, जिसमें गोविंद ने 18 गेंदों में 15 रन बनाए। भोपावाड़ा की तरफ से चंद्रशेखर ने 3 ओवर में 4 रन देकर चार विकेट लिए। फाइनल मैच का मैन ऑफ़ द मैच चंद्रशेखर को चुना गया।
प्रथम पुरस्कार 8001 रु अधिवक्ता दीपिका शोरी के द्वारा भोपावाड़ा की टीम को व द्वितीय पुरस्कार 4001 रु कवासीरास की टीम को समिति के द्वारा प्रदान किया गया, साथ ही टूर्नामेंट में अन्य आकर्षक पुरस्कार भी रखे गए थे।
कार्यक्रम समापन पर मुख्य अतिथि अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि खेल एक सशक्त माध्यम है युवाओं को आपस में जोडऩे का। खेल से तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। एक दूसरे से परिचय करने का और एकदूसरे को जानने का अवसर प्राप्त होता है, परंतु खेल के साथ साथ हमें अपनी शिक्षा पर भी बहुत ध्यान देना चाहिए, जिससे हमें समाज में ऐसा स्थान मिले की हम अपने समाज के लिए कुछ कार्य कर सकें।
उन्होंने वहाँ उपस्थित सभी युवाओं व ग्रामीणों को अपना मोबाइल नम्बर देते हुए कहा कि कभी भी किसी भी वक्त यदि मेरे लायक कोई कार्य हो तो आप बेझिझक फोन के माध्यम से मुझे बताइए मैं हमेशा आपके कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी हूँ। समिति के अध्यक्ष अमर पोयाम ने उपस्थित ग्रामीण एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
12 गांवों के ग्रामीणों को मिला मुख्यमंत्री के हाथों वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र
सुकमा,18 मई। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में स्थित राज्य के दक्षिणतम क्षेत्र कोण्टा के स्थानीय ग्रामीणों के लिए आज का दिन सौगात लेकर आया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोण्टा विधानसभा अंतर्गत कोण्टा नगर पंचायत में आयोजित भेंट मुलाकात में हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र वितरित किया।
मुख्यमंत्री ने एर्राबोर के 187, दुब्बाटोटा के 25, वंजामुगड़ा के 19, फंदीगुड़ा के 14, एकलगुड़ा के 12, जगवारम के 9, पेदाकिसोली के 7, ओडिनगुड़ा के 1, बर्रेमोगा 4, मेटागुड़ा के 2, बुरगुड़ा 3 एवं आसीरगुड़ा के 8 कुल 291 हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया।
मुख्यमंत्री के हाथों प्रमाण पत्र पाकर सुदूर अंचल कोण्टा के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्थानीय विधायक तथा उद्योग मंत्री कवासी लखमा को धन्यवाद दिया।
कृषि कार्य के लिए पॉवर स्प्रेयर
भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ही मुख्यमंत्री ने ढोण्ढरा, कोण्टा, पेण्टा, नागलगुण्डा, पेदाकुरती, मुलाकिसोली, एर्राबोर, दुब्बाटोटा के कुल 10 किसानों को पॉवर स्प्रेयर वितरित किया।
तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि का भुगतान
कोण्टा में भेंट मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने एर्राबोर, बर्रेमोगा, ओडिनगुड़ा और मरईगुड़ा वन के कुल 20 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 3 लाख 40 हजार 460 रुपए के तेन्दूपत्ता संग्रहण राशि वितरित किया।
बने पहले ग्राहक, खरीदी कर स्व-सहायता समूह की कराई बोहनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के द्वितीय चरण में सुकमा जिला मुख्यालय में 58 लाख की लागत से निर्मित सी-मार्ट (छत्तीसगढ़ मार्ट) का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने मार्ट से कोदो, कुटकी, रागी, सुगंधित चावल, तिखुर, मसाले का आदि का क्रय कर मार्ट की बोहनी कराई और 1348 रुपये मूल्य के उत्पादों की खरीदी कर वे सुकमा च्सी-मार्टज् के पहले कस्टमर बने। उन्होंने ने सी मार्ट से क्रय उत्पादों की रसीद भी प्राप्त की।
जिला मुख्यालय में बस स्टैंड के समीप अब एक ऐसी दुकान का संचालन होगा, जहां एक ही छत के नीचे सुकमा की जनता को स्थानीय तौर पर बनाए गए ढेरों उत्पाद मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित सी-मार्ट का के सभी उत्पादों का अवलोकन किया और संचालकों से उत्पादों के सम्बंध में जानकारी ली। सी मार्ट का संचालन समिति शक्ति महिला समूह ग्राम संगठन द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सी मार्ट में उपलब्ध समस्त उत्पादों का अवलोकन किया और स्थानीय उत्पादों की जानकारी ली।
सुकमा सी मार्ट में जिले में कार्यरत 35 स्व सहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे स्थानीय उत्पाद जैसे शबरी मसाले, शबरी फूड्स, महुआ, काजू, कास्मेटिक, डेली नीड में समान, साबुन, फिनॉइल, हाइजीन प्रोडक्ट्स जैसे सेनेटरी नैपकीन आदि, बनोपज से निर्मित उत्पाद, अश्वगंधा चूर्ण, गिलोय, मुलेठी जैसे वन औषधि , एलोवेरा , महुआ। आमला, महुआ लड्डू आदि से लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुएं, कुल 81 उत्पाद मार्ट में वर्तमान समय में उपलब्ध हैं। सुकमा सी मार्ट का संचालन शक्ति महिला समूह ग्राम संगठन ग्राम रामाराम द्वारा किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला स्व-सहायता समूहों, शिल्पकारों, बुनकरों, दस्तकरों, कुम्भकरों और अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को एक ही छत के नीचे विक्रय करने के लिए सकारात्मक पहल है। सी-मार्ट में गौठानों में कार्यरत महिला-स्वसहायता समूह द्वारा तैयार विभिन्न तरह के उत्पाद समेत गांवों में बनने वाले अनेक तरह के उत्पादों को एक छत के नीचे बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार के साधन बढ़ेंगे। सी-मार्ट महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों के लिए आत्मनिर्भर बनने की राह में मील का पत्थर साबित होगा। उनसे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
बस्तर के कोंटा विस से भेंट-मुलाकात अभियान का दूसरा चरण शुरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 18 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार से अपने भेंट-मुलाकात अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की। भेंट-मुलाकात अभियान के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री श्री बघेल बस्तर संभाग के दौरे पर हैं। बस्तर के कोंटा विधानसभा से उन्होंने अभियान की शुरुआत की है।
भेंट-मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल आज रायपुर से कोंटा पहुंचे। यहां कोंटा के गल्र्स हायर सेकंडरी स्कूल में बने अस्थायी हैलीपेड पर उनके स्वागत के लिए भारी जनसमूह मौजूद था, जिन्होंने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से आत्मीय स्वागत किया। स्वागत के दौरान मुख्यमंत्री को छिंद पत्तों से बना परम्परागत गुलदस्ता भेंट किया गया। मुख्यमंत्री ने भी जनसमूह का अभिवादन किया।
कोंटा में भेंट-मुलाकात से पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल सबसे पहले श्री रामलिंगेश्वर शिव मंदिर पहुंचे और मंदिर में मौजूद स्तम्भ, शिवलिंग व नंदी की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ आबकारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग में भेंट-मुलाकात अभियान के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री 18 से 2 जून तक बस्तर के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। कोंटा विधानसभा क्षेत्र से शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल श्री राम लिंगेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी ली। साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मौजूद बुजुर्ग मरीज के साथ बैठकर उनसे बातचीत की।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश ने प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में भेंट-मुलाकात कर रहे हैं। भेंट-मुलाकात अभियान के पहले चरण में मुख्यमंत्री श्री बघेल 4 से 11 मई तक सरगुजा संभाग में थे। इस दौरान उन्होंने तीन जिलों के आठ विधानसभा में जनता के बीच पहुंचकर शासकीय योजनाओं को क्रियान्वयन और जनता को मिल रहे लाभ को जाना। वहीं मुख्यमंत्री श्री बघेल ने संपर्क-संवाद-समाधान के ध्येय के साथ जनता से सीधी बात की और उनकी समस्या को जाना, साथ ही उन समस्या का त्वरित निराकरण किया। क्षेत्र की जनता की मांगों पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जनआकांक्षाओं के अनुरूप अनेक सौगातें भी दीं।
एसडीएम और बीईओ से की हटाने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 17 मई। सुकमा जिले के विकासखंड कोंटा के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंगाराम के रासातोंग के प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक पर सरपंच समेत ग्रामीणों ने कई वर्ष से ड्यूटी से नदारत रहने का आरोप लगाया है। सरपंच समेत ग्रामीण 40 किमी का साइकिल में सफर तय कर कोंटा पहुंच कर विकासखंड शिक्षा अधिकारी व अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को समस्या से अवगत करवाकर शिक्षक तिलक राम यादव को वहां से हटाने की मांग की है।
आदिवासी बच्चें हो रहे हैं शिक्षा से वंचित- दयावती
सिंगाराम की सरपंच मडक़म दयावती ने कहा कि प्राथमिक शाला रासातोंग में पदस्थ शिक्षक तिलक राम यादव पिछले कई वर्षों से स्कूल से नदारद रहते हैं, इनकी वजह से आदिवासी बच्चें पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों से बच्चें स्कूल जाते हैं और घंटों स्कूल के प्रांगण में शिक्षक का इंतजार करते हैं।
ग्रामीणों की मांग है कि वर्तमान में सत्र समाप्त हुआ है। ग्रीष्मकालीन अवकाश दी गई है। आने वाले सत्र में आदिवासी बच्चों की भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षक तिलक राम यादव को हटाकर दूसरे शिक्षक की प्राथमिक शाला रासातोंग में नियुक्ति की जाए ।
रसातोंग जैसे कई शैक्षणिक संस्थाएं आज भी कागजों में संचालित
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि प्राथमिक शाला रासातोंग ही नहीं बल्कि अंदरूनी इलाकों में कई स्कूल आज भी कागजों में संचालित हैं। कई शिक्षक बिना ड्यूटी किए घर बैठे ही तनख्वाह प्राप्त कर रहे हैं।
अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि घर बैठे वेतन लेने वाले शिक्षकों की हर माह वेतन निकालने के लिए कमीशन दिया जाता है।
मुख्यमंत्री प्रवास को लेकर जिले में जगह-जगह पुलिस तैनात
एर्राबोर थानाक्षेत्र के मनीकोंटा के पास सीआरपीएफ ने किया बरामद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 9 मई। जिले के एर्राबोर थानाक्षेत्र अंतर्गत मनिकोंटा के पास नेशनल हाईवे पर सीआरपीएफ ने वाहनों की तलाशी के दौरान बाइक से 37 लाख 43 हजार नगद बरामद किया है। युवक ने पूछताछ के दौरान पैसे जगदलपुर से भद्राचलम ले जाना बताया। पुलिस ने नगदी से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा लेकिन युवक कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर सके।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर शाम को जिले के मनिकोंटा के पास वाहन तलाशी के दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने एक दुपहिए वाहन से 37 लाख 43 हजार बरामद किए।
दरअसल आगामी दिनों में मुख्यमंत्री प्रवास को देखते हुए पुलिस और सुरक्षबल के जवानों द्वारा वाहनों की तलाशी ली जा रही थी. इस दौरान जगदलपुर की और से मोटरसाइकिल पर सवार होकर भद्रचलम जा रहा युवक को रोककर तलाशी ली गई तो पैसों से भरा बैग बरामद हुआ, जिसमें 37 लाख 43 हजार 4 सौ रुपये थे और युवक से शुरुआती पूछताछ में उसने ये पैसा मिर्ची तोड़े वाले मजदूरों का भुगतान बताया और अपनी पहचान लिंगना मधु बताया। इस पूरे मामले की पड़ताल पुलिस कर रही है।
तोंगपाल में भी पकड़ाया था 30 लाख
जिले में वाहनों की चेकिंग के दौरान लाखों रुपये बरामद किए जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही तोंगपाल में 30 से ज्यादा की राशि चार पहिया से बरामद किया गया था। संबंधितों द्वारा मौके पर नगद से जुड़े दस्तावेज पुलिस को प्रस्तुत नहीं किये। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच और बरामद रुपये आयकर विभाग को सौंप दिए। आगे की कार्रवाई आयकर विभाग कर रही है।
दोरनापाल, 3 मई। ओडिशा से आंध्रप्रदेश के रास्ते महाराष्ट्र की ओर जा रही कार से कोंटा पुलिस ने 36 लाख का गांजा जब्त कर एक तस्कर को गिरफ्तार किया है।
सुकमा पुलिस द्वारा लगाता गाँजा तस्करो पर कार्रवाई जारी है, छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर सुकमा जिला ओड़ीसा, आंध्रप्रदेश-तेलगंना को छूने वाली सीमा और महाराष्ट्र को जाने वाली मार्ग है जिसके चलते गाँजा तस्करो का आना-जाना इसी मार्ग से होता है। कोन्टा थाने के फ़न्दीगुडा में पुलिस ने लगभग 183 पैकेट गाँजा पकड़ा, जिसका वजन लगभग 366 किलो लगभग 36 लाख रुपए आंकी गई है।
तस्कर सीजी 12 1818 सफेद रंग की कार में वाहन चालक जे.व्ही. रेड्डी अपने साथ 183 पैकेट गाँजा लेकर ओडिशा से आंध्रप्रदेश के रास्ते महाराष्ट्र की ओर जा रहा था, लेकिन मुखबिर की सूचना पर कोण्टा नाका में बैरीकेट्स लगा कर वाहन को रोकने की कोशिश गया, परंतु पुलिस व बेरिकेड्स के देख गंजा तस्कर गाड़ी मोडक़र वापस सुकमा की ओर भागने लगा। पुलिसकर्मियों ने पिछा किया जिसके बाद कोण्टा से महज 4 किमी की दूरी पर फ़न्दीगुड सीआरपीएफ़ कैम्प के पास आरोपी गाँजा तस्कर को पकड़ाया, आरोपी गाँजा तस्कर ने बताया की मलकानगिरी से माल लेकर महाराष्ट्र जा रहा था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 30 अप्रैल। आज शाम सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना अंतर्गत पुसवाड़ा में 2 गाडिय़ों में टक्कर हो गई। इस सडक़ दुर्घटना में 4 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में एक को गंभीर चोट आई थी, जिसे जिला अस्पताल भेज दिया गया है। इस घटना की पुष्टि सुनील शर्मा ने की है।
इन घायलों में एक गाड़ी के भीतर बुरी तरह से फंस गया था, जिसे सीआरपीएफ के जवानों ने निकाला। इसके बाद घायलों की स्थिति को देखते हुए सुकमा एसपी सुनील शर्मा और सीआरपीएफ 74 वीं बटालियन के कमांडेंट डीएन यादव ने तत्काल उन्हें सुविधा पहुंचाते हुए दोरनापाल उप स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया।
बताया जा रहा है कि ये सभी घायल जगरगुंडा मेले में शामिल होने जा रहे थे, जो कि कोंटा के व्यापारी बताया जा रहे हैं और अपने साथ सामान लेकर मेले में दुकान लगाने निकले थे, लेकिन जगरगुंडा इलाके से वापस लौट रही एक वाहन से पुसवाड़ा के पास भिड़ंत हो गई, जिसमें गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
मेले में सामान बेचने जा
रहे थे कारोबारी
दुर्घटना में घायल सभी व्यापारी थे, जो कोंटा से जगरगुंडा मेले में सामान बेचने जा रहे थे। गम्भीर रूप से घायल रंजीत को अंदरूनी चोट आई है, वहीं अन्य घायलों के नाम सुशांत मंडल, जितेंद्र मंडल, गोलू मंडल बताया गया है।
सभी कारोबारी शनिवार को जगरगुंडा के मेले में सामान बेचने जा रहे थे। इसी दौरान पुसवाड़ा के पास टिप्पर और तूफान वाहन आपस में टकरा गए, इसमें वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके बाद वाहन में घायल बुरी तरह फंसे हुए थे।
हादसे की खबर मिलते ही सीआरपीएफ 74वीं वाहिनी कमांडेंट और सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने जवानों को तुरंत राहत के लिए भेजा। जवानों ने घायलों को निकाला औऱ 108 वाहन में 3 घायलों को भेजा, वहीं एक घायल बुरी तरह गाड़ी में फंसा हुआ था जिसे निकालकर सीआरपीएफ की एंबुलेंस में दोरनापाल स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया।
चारों घायल में से एक को गंभीर चोट आई थी, जिसे जिला अस्पताल भेज दिया गया है, वही पांचवें व्यक्ति को हल्की खरोच आई थी, जिसका उपचार सीआरपीएफ कैंप में ही कर लिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 22 अप्रैल। सुकमा जिले के दोरनापाल थाना अंतर्गत मिसमा गांव के पास एनएच-30 पर सडक़ दुर्घटना में 4 लोग घायल हो गए। इस दुर्घटना के बाद मौके से गुजर रहे छत्तीसगढ़ के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने मानवता का परिचय दिया।
मंत्री कवासी लखमा ने अपने फॉलो वाहन एंबुलेंस में तत्काल घायलों को बिठाकर तुरंत सुकमा जिला अस्पताल रेफर करवाया। सडक़ दुर्घटना में घायल सभी घायल पोलमपल्ली पंचायत के इत्तागुड़ा गांव के बताए जा रहे हैं। इन घायलों में एक 3 साल की बच्ची भी शामिल है और सभी की हालत गंभीर बताई जा रही है हालांकि मंत्री कवासी लखमा ने तुरंत ही अधिकारियों को कॉलकर तत्काल बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए।
नारेबाजी करते कथित ड्रोन हमले बंद करने की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 22 अप्रैल। बीते दिनों बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती इलाकों में कथित ड्रोन हमले पर नक्सलियों के आरोप के बाद इस मुद्दे पर हजारों की संख्या में ग्रामीण भी लामबंद होते नजर आए। सुकमा जिले के बुर्बलंका गांव में लगभग 4 हजार ग्रामीण इक_े होकर कथित ड्रोन हमले के विरोध में नारेबाजी करते नजर आए। इस दौरान माओवादियों के प्रचलित जनचेतना नाट्य मंडली भी वहां कार्यक्रम करती दिखाई दी। जनचेतना नाट्य मंडली ने कथित ड्रोन हमले पर एक गाना तैयार किया, जिस पर नाचते गाते इन ग्रामीणों से विरोध करने की अपील करते नजर आए।
हालांकि इस मामले में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने पहले ही अपना बयान जारी कर कथित ड्रोन हमले के मुद्दे को नक्सलियों की सोची समझी साजिश बताते हुए सिरे से इन आरोपों को खारिज कर दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद इसका विरोध सुकमा जिले के बीहड़ों में नजर आने लगा।
सूचना मिलते ही ‘छत्तीसगढ़’ की टीम भी वहां पहुंची, जहां ग्रामीणों की बड़ी भीड़ कथित ड्रोन हमले का विरोध कर रही थी। इन ग्रामीणों का कहना है कि नक्सलियों को निशाना बनाने बीजापुर व सुकमा के सरहदी इलाकों में लगभग 11 ठिकानों में 50 से ज्यादा ड्रोन बम गिराए गए, जिनके अवशेष भी मिले हैं, लेकिन नक्सलियों का कोई स्थाई ठिकाना नहीं होता है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जिन इलाकों में बमबारी की गई, वहां नक्सली मौजूद थे, लेकिन ड्रोन हमले से पहले वहां से नक्सली जा चुके थे और जिन इलाकों में बमबारी की गई है, वह ग्रामीणों का रिहायशी इलाका है, जहां वनोपज के साथ उन इलाकों में ग्रामीण भी रहते हैं।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि भारत का संविधान अपने ही देश में बमबारी करने का अधिकार किसी को नहीं देता, बमबारी अगर दूसरे देश में की जा रही है तो अलग बात है, मगर बस्तर तो भारत का ही हिस्सा है ऐसे में इन इलाकों में अपने ही घर में बमबारी न की जाए। ग्रामीणों की मांग है कि इस तरह से ड्रोन हमले न किए जाएं।
झूठे आरोप लगाकर नक्सली ग्रामीणों को दिग्भ्रमित कर रहे -आईजी
इस मामले पर बस्तर के आईजी सुंदरराज पी. ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के ऊपर इस प्रकार के निराधार आरोप लगाते हुये क्षेत्र की जनता को दिग्भ्रमित करना प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की एक सोची-समझी साजिश की रणनीति का हिस्सा है। बस्तर सहित पूरे भारत वर्ष में नागरिकों की जानमाल की रक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्था अंतर्गत स्थानीय पुलिस एवं सुरक्षा बल द्वारा वर्तमान में की जा रही है तथा यह दायित्व को आने वाला समय में भी हम निभायेंगे। ये सब माओवादी आंदोलन का असली एवं भयानक चेहरा है। बसवराजू, सुजाता, गणेश उईके, रामचन्द्र रेड्डी, चन्द्रन्ना जैसे बाहरी माओवादी नेताओं की साजिश का शिकार होकर खुद अपने आदिवासी समाज की पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं। स्थानीय माओवादी कैडरों को ये सब हकीकत को समझाना जरूरी है।
आईजी ने बताया कि ये जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट में माओवादी नेतृत्वों द्वारा असत्य एवं गुमराह जानकारियों के माध्यम से क्षेत्र की जनता का ध्यान भटकाने का लगातार असफल प्रयास किया जा रहा है।