सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छिंदगढ़, 2 जून। सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी अंदरूनी क्षेत्र में बसे ग्राम पंचायत मानकापाल के ग्रामीणों से उनकी समस्याओं से रूबरू होने पहुंची भाजयूमो प्रदेश उपाध्यक्ष दीपिका शोरी। उन्होंने बताया कि मानकापाल के कुछ युवाओं के द्वारा गांव में वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के तहत मानकापाल में कुछ कार्य किए गए थे जिनकी मजदूरी अभी तक शेष है व अन्य समस्याओं की भी जानकारी मुझे आज सुबह मिली और मैं अपनी टीम के साथ मानकापाल पहुंची।
पंचायत में 5 तालाबों की मंजूरी मिली पर कार्य होने के पश्चात मजदूरी नहीं मिली है,दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले मजदूर अपना जीवन किस प्रकार जी रहे है एक सोचनीय विषय है।
उन्होंने कहा कि मानकापाल पंचायत के अंतर्गत 5 पारे आते हैं जिनमें मनरेगा योजना के अंतर्गत तालाब निर्माण की स्वीकृति शासन के द्वारा मिली थी जिनमे कुछ पूर्ण हो गए हैं व कुछ अपूर्ण हैं परन्तु सारे तालाबों के मूल्यांकन अनुसार मस्टररोल जनपद पंचायत कार्यालय सुकमा में दिए जा चुके हैं बावजूद इसके जनपद कार्यालय के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार के चलते मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है।
जल्द हो सडक़ निर्माण पूर्ण व मनरेगा का लंबित मजदूरी भुगतान
दीपिका ने बताया कि मानकापाल के रहवासी सोढ़ी जोगा ,जोगा मडक़म,सोढ़ी पोज्जा, मडक़ामी मल्ला, जोगा कुर्मी,हिड़मा मडक़ामी, कोशा, माड़वी, सुक्का, माड़वी, सन्ना, सुक्का, केशा, नंदा, बंडी, भीमे, देवा, सुक्का,भीमा, हुर्रा,हिरमा,कोत्ता, जोगा, मासा, लक्खा, बुसका, भीमा, नंदा, देवा, आयता, सोमड़ा, नंदा, देवा, कोसी, बुधरा, लखमा,जोगी,पोज्जे,हूंगा,गंगा आदि लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए मुझे बताया कि बारिश आने वाली है व हमारे गाँव में जो सडक़ निर्माणाधीन है वो वर्तमान में बंद है बरसात के दिनों में सडक़ की हालत अत्यंत दयनीय हो जाएगी जिससे आवागमन में परेशानी तो होगी ही साथ ही स्वास्थ्य सेवा भी बाधित होगी,दीपिका ने कहा कि मैं मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन को अवगत कराना चाहूंगी कि जल्द से जल्द यहाँ के रहवासियों की मनरेगा से सम्बंधित लम्बित मजदूरी का भुगतान किया जावे क्योंकि ये लोग जनपद के चक्कर लगा लगा कर थक चुके हैं मजदूरी भुगतान नहीं हो पा रहा है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र इसलिए नहीं आते हैं अधिकारी
सुकमा जिले का मानकापाल क्षेत्र अत्यंत नक्सल प्रभावित ग्राम है जिसके कारण यहाँ कोई भी अधिकारी नहीं आते हैं यही कारण है कि यहां की समस्या से सीधे तौर पर अधिकारियों की नजर नहीं जाती है हालांकि वर्तमान स्थिति को देखें तो मानकापाल में सीआरपीएफ ने अपना कैम्प भी स्थापित किया हुआ है जिसकी वजह से यहाँ के रहवासियो को कुछ राहत मिली है।