छत्तीसगढ़ » राजनांदगांव
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव के भूगोल विभाग द्वारा विश्व पृथ्वी दिवस पर ऑनलाइन विशेष व्याख्यान प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल के संरक्षण में आयोजित किया गया। समसामयिक परिप्रेक्ष्य में पृथ्वी के बिगड़ते पारिस्थितिक संतुलन एवं बढ़ते जल प्रदूषण को मुख्य संदर्भ में विभागाध्यक्ष कृष्ण कुमार द्विवेदी ने विशिष्ट व्याख्यान में बताया कि पृथ्वी की रक्षा प्रमुख पर्यातत्वों के संरक्षण एवं संवर्धन से ही संभव है। उल्लेखनीय है कि पृथ्वी पर पर्यावरण तत्वों जल, मिट्टी, वायु के साथ पेड़-पौधे, जीव-जंतु, पशु-पक्षी की लंबी श्रृंखला ही अत्यंत महत्तम प्राकृतिक वातावरण, पर्यावरण का निर्माण करती है। यही प्राकृतिक पर्यावरण संतुलित स्वरूप में मानव सहित समस्त जीव-जंतुओं को भोजन सहित आवश्यक संसाधन, आवास, ऊर्जा प्रदान करता है और देश-धरती को सुविकसित करता है। पृथ्वी की यही प्राकृतिकता अपने विभिन्न चक्रों द्वारा पर्या तत्वों का संरक्षण-संवर्धन सतत रूप से करती है। अंत में पर्यातत्वों के संरक्षण का संकल्प दिलाते प्राध्यापक द्विवेदी ने आह्वान किया कि हरियाली बढ़ाएंगे खुशियाली लाएंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। रमजान के पाक महीने में यह दूसरा साल है, जब रोजेदारों को घर में रहकर ही अल्लाह की इबादत करनी पड़ रही है। गुजरे साल भी रमजान माह में रोजेदारों ने 5 वक्त का नमाज घर के चार दीवारी में ही अता किया था। लगातार दूसरे साल भी रोजेदार कोरोना पाबंदियों के चलते घर में ही कुरान शरीफ के जरिये अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। दुनिया से कोरोना को रूख्सत करने के लिए मासूम बच्चे भी अल्लाह से दुआएं कर रहे हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना का भयावह रूप देखकर मस्जिदों की रौशनियां भी नदारत हो गई है। बताया जा रहा है कि मस्जिदों के मौलवी रोजेदारों से घर में रहकर ही इबादत करने पर जोर दे रहे हैं। यही कारण है कि राजनांदगांव शहर के जामा मस्जिद, हनफी मस्जिद, नूरी मस्जिद में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। रमजान के मुबारक महीने में मस्जिदों की अलग रौनकता होती है। इस साल कोरोना ने दूसरी बार कहर बरपाते हुए रमजान माह में इबादत करने वाले मुस्लिम धर्मावलंबियों को घरों तक सीमित कर दिया।
बताया जाता है कि छोटे बच्चे भी 5 वक्त का नमाज अदा कर रहे हैं। वहीं कठिन रोजा रखकर शाम को इफ्तार कर रहे हैं। छोटे रोजेदारों को देखकर परिजन उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं। कुल मिलाकर दुनिया से कोरोना को रूख्सत करने दुआएं रोजेदारों द्वारा की जा रही है।
तीसरे चरण में यथावत रहेंगी पाबंदियां
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 अप्रैल। कोरोना के रफ्तार को कम करने के लिए पखवाड़ेभर से लॉक राजनांदगांव शहर को प्रशासन से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। प्रशासन ने दो दौर के बाद तीसरे चरण के लिए समूचे जिले को 5 मई तक लॉक करने का ऐलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि तीसरे दौर के लिए लॉकडाउन करने का निर्णय कलेक्टर टीके वर्मा ने अपने मातहत अफसरों और जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने के बाद लिया है। पहले चरण में 10 से 19 अप्रैल और दूसरे चरण के लिए 20 से 26 अप्रैल के लिए लॉकडाउन लगाया गया। दो दिन बाद दूसरे चरण के लॉकडाउन की मियाद पूरी हो जाएगी।
कलेक्टर ने 27 अप्रैल से 5 मई तक जिले में लॉकडाउन करने का फैसला किया है। कलेक्टर टीके वर्मा ने छत्तीसगढ़ से चर्चा में कहा कि हालात सामान्य होने तक लॉकडाउन की तारीख को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण चेन तोडऩे के लिए लॉकडाउन एक सशस्त्र विकल्प है।
बताया जा रहा है कि शनिवार देर शाम तक 5 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर आदेश जारी हो सकता है। दोनों दौर के लॉकडाउन में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में आंशिक गिरावट आई है। खासतौर पर दूसरे चरण के लॉकडाउन में संक्रमित मरीजों की संख्या हजार से कम रही है। जबकि पहले चरण के लॉकडाउन से पहले संक्रमण तेजी से फैला था, जिससे हर दिन डेढ़ हजार लोग संक्रमित हो रहे थे। इस बीच तीसरे चरण के लॉकडाउन में भी व्यापारिक गतिविधियां बंद रहेंगी। बताया जा रहा है कि अति आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा जाएगा। लोगों को ठेले के जरिये सब्जियां उपलब्ध होंगी। वहीं दूध और अन्य खाद्य वस्तुओं की खरीदी-बिक्री पर छूट रहेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा ने गुरुवार को दिग्विजय स्टेडियम स्थित डिस्ट्रिक वार रूम में कोविड-19 समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि कोविड-19 हॉस्पिटल में मरीज स्वस्थ होने के बाद भी डॉक्टर द्वारा डिस्चार्ज करने पर घर नहीं जा रहे हैं। जिसके कारण कोरोना से संक्रमित जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीलेटेड बेड नहीं मिल पा रहा है। स्वस्थ हुए मरीजों द्वारा ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने ऐसा करने वाले मरीजों पर कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मरीज के स्वस्थ होने के बाद घर नहीं जाने से अन्य जरूरतमंद मरीजों को हॉस्पिटल में जगह नहीं मिल पा रही है। साथ ही इन मरीजों के ठीक होने के बाद भी हॉस्पिटल में रहने से अन्य संक्रमित मरीजों से फिर से संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे मरीज जो स्वस्थ हो गए हैं और जिनको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, वे घर जाएं। जिससे अन्य मरीजों को ऑक्सीलेटेड बेड उपलब्ध होगा।
कलेक्टर वर्मा ने शासकीय मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन मरीजों की आवश्यकता के अनुरूप ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने कहा। उन्होंने कहा कि जिले की सीमा क्षेत्रों को सील करके कड़ी निगरानी रखें। बाहर से आने वाले सभी लोगों का कोविड टेस्ट करें। उन्होंने रेल्वे स्टेशन में कोविड टेस्ट की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से कोविड संक्रमण के अधिक केस आ रहे हैं। वहां लोगों को आइसोलेट करने की जरूरत है। कोरोना से मृत्यु होने पर प्रोटोकाल का पालन करते शव का अंतिम संस्कार करें, जिन घरों में कोरोना से मृत्यु हो रही है, वहां के सभी सदस्यों का अनिवार्य रूप से कोरोना टेस्ट जरूर कराएं।
कलेक्टर वर्मा ने जिले में कोविड-19 के टेस्ट की जानकारी लेते कहा कि टेस्टिंग किट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है। कोविड केयर सेंटर में होने वाली मृत्यु तथा वहां से डिस्चार्ज लोगों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें। जिले में कोविड निगेटिव और पॉजिटिव आने वाले लोगों की एंट्री करें। साथ ही संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों का डाटा भी रखें। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी, एसडीएम मुकेश रावटे, डिप्टी कलेक्टर विरेन्द्र सिंह, डिप्टी कलेक्टर राहुल रजक, डीएसपी लोकेश देवांगन, डीपीएम गिरीश कुर्रे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीएल कुमरे, जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम, ईडीएम सौरभ मिश्रा, शासकीय मेडिकल कालेज के अरविंद चौधरी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शिकायत पर होगी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा ने रेमडेसिविर इंजेक्शन व अन्य जीवनरक्षक औषधियों की उपलब्धता के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। वर्तमान में राजनांदगांव जिले में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है। जिसमें मरीजों के इलाज हेतु इंजेक्शन रेमडेसिविर व अन्य जीवनरक्षक औषधियों की आवश्यकता होती है।
वर्तमान में स्थानीय प्रशासन द्वारा शासकीय, निजी अस्पतालों को कोविड-19 मरीजों के इलाज की अनुमति प्रदान की गई है। प्राय: देखने में यह आ रहा है कि भर्ती मरीजों के परिजनों को चिकित्सालय में औषधि उपलब्ध नहीं होने पर चिकित्सक पर्ची में दवाई लिखकर बाहर से लाने हेतु सलाह दे रहे है। जिसके कारण मरीज के परिजन अनावश्यक रूप से औषधि के अभाव में इधर-उधर भटक रहे हैं।
मरीजों को समय पर औषधि उपलब्ध कराने एवं उनके परिजनों को अनावश्यक रूप से परेशानी न हो इस आशय से संबंधितों को निर्देशित किया जाता है कि शासकीय, निजी अपस्ताल, नर्सिंग होम में कोविड से संक्रमित मरीजों के लिए आवश्यक जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता एवं आवश्यकता हेतु अस्पताल संचालक से समन्वय कर भर्ती मरीज हेतु आवश्यक दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
जिससे संक्रमण की कठिन परिस्थितियों में मरीज को तत्काल जीवनरक्षक औषधि उपलब्ध हो सके एवं उनके परिजनों को अनावश्यक रूप से औषधि हेतु भाग-दौड़ न करना पड़े। इस हेतु उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला राजनांदगांव अपने अमले के सहयोग से स्थानीय स्टाकिस्ट से समन्वय स्थापित कर निजी कोविड-19 अस्पतालों को रेमडेसिविर व अन्य जीवनरक्षक दवाइयों की उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के पश्चात् मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अपने स्तर पर शासकीय कोविड-19 अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में इंजेक्शन रेमडेसिविर व अन्य जीवनरक्षक औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
अस्पताल अधीक्षक सह संयुक्त संचालक भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालय राजनांदगांव द्वारा अपने स्तर पर कोविड अस्पताल पेंड्री में इंजेक्शन रेमडेसिविर व अन्य जीवनरक्षक औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।
इंजेक्शन रेमडेसिविर का क्रय-विक्रय कोविड-19 अस्पताल द्वारा मेडिकल एजेंसी से लेकर अस्पताल के कोविड-19 मरीजों को किया जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शासकीय, निजी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा मरीज अथवा उनके परिजनों को कोई भी औषधि के लिए पर्ची अथवा बाहर से औषधि लाने के लिए बाध्य नहीं करेंगे एवं शिकायत पाए जाने पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। शासकीय, निजी अस्पताल प्रबंधन संबंधित से आपसी समन्वय कर व्यवस्था करें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। नगर निगम नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने महापौर हेमा देशमुख के बयान पर पलटवार करते कहा कि डॉ. रमन सिंह रायपुर में रहे या राजनांदगांव में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि डॉ. सिंह राजनांदगांव की जनता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, इसलिए राजनांदगांव की जनता का आशीर्वाद लगातार डॉ. सिंह के साथ है।
श्री यदु ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि शायद महापौर को यह नहीं मालूम कि डॉ. सिंह धरातल में काम करने वाले नेता हैं, जो हमेशा जमीन से जुड़े लोगों से संपर्क करते हैं और नांदगांव के हित में काम करने प्रेरित करते हैं। यह राजनांदगांव की जनता ही नहीं राजनांदगांव की मीडिया भी बोल रही है। अभी कोरोना काल में राजनांदगांव के हित में छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री काम कर रहे हैं या राजनांदगांव के विधायक डॉ. रमन सिंह। इसका सबसे बड़ा उदाहरण राजनांदगांव के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ में जब कोविड-19 लगातार बढ़ रहे हैं तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव राजनांदगांव आते हैं, लेकिन अपने विधायक के जन्मदिन में केक काटने।
मंत्री को राजनांदगांव के स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में चर्चा कर सके या मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय में जाकर व्यवस्था देख सके, इतना आग्रह करने का साहस न ही महापौर हेमा देशमुख में दिखा और न ही कांग्रेस के किसी नेता में। इससे समझ आता है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री की नजर में राजनांदगांव की क्या अहमियत है। रही बात राजनांदगांव के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर की तो उन्होंने राजनांदगांव जिले को प्रभार में लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और राजनांदगांव पर बहुत बड़ा एहसान किया है, जो न तो आम जनता से कभी मुलाकात करते हैं और न ही राजनांदगांव के हित में सदन में बात करते हैं। साथ ही कभी उन्होंने राजनांदगांव के विकास के लिए कोई प्रयास भी नहीं किया।
भरपेट चारा और पानी देकर युवा नेता कमल सोनी कर रहे सेवा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। लॉकडाउन में मवेशियों की सुध लेकर भाजपा से जुड़े युवा नेता कमल सोनी अपने परिवार के साथ न सिर्फ जानवरों को भरपेट चारा खिला रहे हैं, बल्कि प्यास बुझाने के लिए सीमेंट निर्मित टंकियां भी रखी है। कोरोनाकाल में मवेशियों की हालत बेहद खराब है। गली-मोहल्लों में न सिर्फ मवेशी बल्कि दूसरे लावारिश जानवरों को खानपान के संकट से गुजरना पड़ रहा है। इसी कड़ी में युवा नेता कमल सोनी ने दया-करूणा का भाव लेकर मवेशियों को चारा उपलब्ध कराया है। वहीं हर रोज वह भोजन के साथ मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए डटे हुए हैं। अपने घर के बाहर उन्होंने सीमेंट से निर्मित टंकियां स्थापित की है। इस दौरान वहां से गुजरने वाले मवेशी आसानी से प्यास बुझाते हैं। मवेशियों के अलावा लावारिश कुत्तों को भी भरपेट भोजन दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सोनी परिवार पूरी सिद्दत से मवेशियों की सुध ले रहा है, ताकि जानवरों के सामने कोई परेशानी खड़ी न हो।
कुलबीर ने प्रदेश सरकार का जताया आभार
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने प्रदेश सरकार का आभार जताते कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा युवा वर्ग संक्रमित हो रहे हैं। जिसको संज्ञान में लेते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केन्द्र सरकार पर लगातार 18 वर्ष से अधिक सभी वर्ग को कोरोना का टीका लगाने की मांग कर रहे थे। जिसको केन्द्र सरकार द्वारा 01 मई से टीका लगाने की अनुमति दे दी है।
शहर अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस तेजी से कोरोना की रफ्तार बढ़ी, उसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कोरोना महामारी को लेकर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं क्वारंटीन और होम आइसोलेशन वालों पर डॉक्टरों को लगातार सलाह देने की बात कह रहे हैं। इसी प्रकार महामारी से बचने लॉकडाउन के नियमों का पालन करते अपने परिवार के साथ घर पर रहे तो इस कोरोना महामारी से काफी हद तक निजात मिल सकती है।
युवाओं से कहा सुरक्षा ही एकमात्र उपाय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने संक्रमण काल के दौरान अपने क्षेत्र में लगातार नजर बनाए रहते हैं और वे प्रतिदिन प्रत्येक गांव के 15-20 लोगों से फोन पर बातचीत कर हालचाल लेकर समस्या का निराकरण भी करते हैं।
मीडिया सेल के अनुसार विगत दिनों सुरगी में कोरोना संक्रमण से अत्यधिक मौतों से चिंतित डॉ. रमन सिंह ने गुरुवार को कलेक्टर टीके वर्मा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिथलेश चौधरी से फोन पर बातचीत की और सुरगी में प्रत्येक घर का स्वास्थ्य टीम के माध्यम से सर्वे हेतु भेजने की बात की। साथ ही सुरगी के पास कृषि महाविद्यालय के भवन में कोविड केयर सेंटर बनाकर वहां के ग्रामीणों को एक जगह पर जांच करें और वहीं स्वास्थ्य लाभ देने का सुझाव भी दिया। साथ ही डॉ. रमन सिंह ने कलेक्टर को सुरगी के आसपास सभी गांव में कोरोना टीकाकरण पर भी जोर देने की बात की है, ताकि सभी 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को टीका लग जाए। जिससे कोरोना के खिलाफ जंग में सहायता मिल सके।
डॉ. सिंह ने गुरुवार को ही सुरगी के युवाओं से भी बातचीत कर उन्हें इस कठिन दौर में घर पर रहकर कोरोना की चैन तोडऩे के लिए शासन के दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी। युवा इस संक्रमण को हल्के में न लें, यह सीधे ही फेफडों को संक्रमित कर हमारे ऑक्सीजन लेवल को कम कर देता है। जिसके कारण मरीज की मौत हो रही है।
उन्होंने नागरिकों को आह्वान किया कि लोगों में सावधानी एवं सुरक्षा के उपाय के प्रति जागरूकता फैलाएं, क्योकि जनजागरूकता के माध्यम से सभी को सजग कर ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है।
डॉ. सिंह ने बताया कि विधायक कार्यालय स्टेडियम रॉड में 65 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है, जरूरत पडऩे पर जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव या मोनू बहादुर सिंह से संपर्क किया जा सकता है।
चेंबर ऑफ कॉमर्स व बढ़ते कदम संस्था का संयुक्त प्रयास
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। जिले में बढ़ते कोरोना के प्रकोप के कारण मरीजों को मदद करने तथा ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स व बढ़ते कदम के उत्साही युवकों ने मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश मंत्री राजा मखीजा, गुरमुखदास वाधवा, अनिल बरडिया, सूरज खंडेलवाल, घनश्याम वाधवानी, शरद अग्रवाल, डॉ. करतार सिंह कंजवानी, अर्जुन वाधवानी, हरीश मोटलानी, सुनील लेखवानी, कौशल शर्मा आदि उत्साही युवकों की टीम ने सक्रिय होकर यह कार्य अपने हाथ में लिया। टीम के रेखचंद जैन ने बताया कि संस्था के सदस्यों व नगरवासियों के सहयोग से शुरू में 25 ऑक्सीजन सिलेंडर व दो ऑक्सीजन कन्संट्रेटर लाकर यह सेवा कार्य आरंभ किया गया। अब तक 80 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाकर यह सुविधा प्रदान की जा रही है।
प्रतिदिन विभिन्न जरूरतमंदों द्वारा इस सुविधा का लाभ उठाया जा रहा है। अभी तक 375 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।
सिलेंडर की व्यवस्था हेतु जरूरतमंद मरीज के परिजन सूरज खंडेलवाल 9827166444, घनश्याम वाधवानी 7000501956, सुनील लेखवानी 8319230092 अथवा बढ़ते कदम के लालबाग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। 30 लीटर व 10 लीटर दोनों सिलेंडर उपलब्ध हैं आवश्यकतानुसार मरीज के परिजनों को सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। प्रदेश भाजपा के आह्वान पर कल 24 अप्रैल को जिला भाजपा द्वारा प्रदेश कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
भाजपा जिला अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की बढ़ती स्थिति पर कांग्रेस सरकार की विफलता के कारण प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है और शासन की लापरवाही, कुप्रबंधन के कारण मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस सरकार की कोई कार्य योजना ही नहीं है।
जनता मर रही है, संकट के इस दौर में भी मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री आपस में लड़ रहे हैं। अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है, अव्यवस्था के कारण मरीज मर रहे हैं। ऐसी असफल निकम्मी कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने यह तय किया है कि 24 अप्रैल को कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
जिला भाजपा महामंत्री सचिन बघेल एवं दिनेश गांधी ने कार्यकर्ताओं से निवेदन करते कहा कि अपने-अपने घरों पर 24 अप्रैल को दोपहर 2 से 5 बजे तक घर के बाहर बैठकर धरना देना है। साथ में सरकार के खिलाफ विरोध के नारों की तख्ती लगाना और अपने इस विरोध प्रदर्शन को सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट कर सभी ग्रुपों में प्रसारित भी करना है। कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास से किए गए इस धरने से सोई हुई सरकार को जगाना है, ताकि वक्त रहते लोगों की जान बचाई जा सके। महामंत्रीद्वय ने कार्यकर्ताओं को सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क पहनकर ही धरना प्रदर्शन करने की बात कही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। आबकारी विभाग ने अलग-अलग जगहों से शराब जब्त कर 2 पर कार्रवाई की है।
सचिव सह आबकारी आयुक्त निरंजन दास एवं प्रबंध संचालक एपी त्रिपाठी के निर्देशन एवं कलेक्टर टीके वर्मा के मार्गदर्शन में अवैध शराब के विरूद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। सहायक आयुक्त आबकारी नवीन प्रताप सिंह तोमर ने बताया कि 21 अप्रैल को आबकारी विभाग राजनांदगांव द्वारा कौड़ूटोला से चिखली मार्ग में जांच करने पर मोटर साइकिल रजिस्ट्रेशन क्रमांक सीजी-08-एनबी-7040 की तलाशी लेने पर राजनांदगांव थाना बसंतपुर निवासी दिलीप ढीमर से हाथभ_ी महुआ शराब कुल 8 बल्क लीटर बरामद किया गया। इसी तरह चिखली थाना अंबागढ़ चौकी निवासी विजयपाल के आधिपत्य मकान की तलाशी लेने पर हाथभ_ी महुआ शराब कुल 15 बल्क लीटर बरामद किया गया। दोनों आरोपियों के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धारा 34 (1) (क) 34(2), 59 (क) का प्रकरण दर्ज कर विवेचना किया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान आबकारी उपनिरीक्षक वृत्त- अंबागढ़ चौकी जितेंद्र उइके व आबकारी आरक्षक सुरेंद्र कुमार झारिया, निजाम शाह ठाकुर उपस्थित थे।
अब तक 364 की गई जान, 42 हजार में से 33 हजार हुए स्वस्थ, 8419 एक्टिव केस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। राजनांदगांव जिले में कोरोना ने अप्रैल माह में इंसानी जीवन को तहस-नहस कर दिया है। कोरोना से जंग लड़ते लोगों को अपने रिश्तेदारों और करीबियों को बेमौत मरते देखना पड़ा। अप्रैल का पूरा महीना कोरोना के तांडव से दहशतभरा रहा है।
इस माह के 22 दिन में 151 लोगों की कोरोना ने जान ले ली। वहीं बीते सवा साल में जिले में 364 लोगों ने कोरोना से लड़ते दम तोड़ दिया। अप्रैल माह में कोरोना के भयानक रूप को देखकर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। कोरोना के बढ़ते रफ्तार पर काबू पाने के लिए बीते पखवाड़ेभर से नांदगांव जिला पूरी तरह से लॉक है। इसके बावजूद कोरोना मौतों के मामले में कमी नहीं आ रही है। हालांकि कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में आंशिक गिरावट दर्ज हुई है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से लगाए गए लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे में आंशिक कामयाबी मिली। लगातार कोरोना मौतों से लोगों को अपनी और परिवार की जान बचाने की चिंता सता रही है। कई घरों में छोटे बच्चे भी हैं। कम उम्र के बच्चों के साथ-साथ युवाओं पर भी कोरोना ने जानलेवा हमला किया है।
कोरोना की दूसरी लहर में 30 से 40 उम्र के लोगों की ज्यादा जान गई है। जबकि लगातार कोरोना से जंग लडऩे के लिए टीकाकरण अभियान भी जारी है। टीकाकरण को कोरोना से निपटने का एक कारगर उपाय माना जा रहा है। यद्यपि टीकाकरण के बावजूद कई लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। कोरेाना वारियर्स के रूप में दमदारी से मैदान में डटे चिकित्सक, नर्स, लैब टेक्निशियिन के अलावा स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला भी टीकाकरण के बावजूद संक्रमित हुआ है। हालांकि वैक्सीन के चलते संक्रमण से ज्यादा खतरा नहीं होने का दावा किया जा रहा है। राजनंादगांव जिले में बेकाबू हो चुके कोरोना ने लोगों को घर पर दुबकने के लिए मजबूर कर दिया है। बताया जा रहा है कि दूसरी में अप्रत्याशित मौतों ने इंसान को पूरी तरह से तोडक़र रख दिया है।
इधर जिले में बीते मार्च माह तक कोरोना से 213 लोगों ने अपनी जान कोरोना से गंवाई थी। वहीं अप्रैल माह के 22 दिनों तक यह आंकड़ा 364 तक पहुंच गया है। अप्रैल माह के 10 से 14 अप्रैल के बीच कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 10 से पार था। वहीं अप्रैल माह के शेष दिनों को मिलाकर 151 लोगों ने कोरोना से जंग हारकर अपनी जान गंवाई है। अप्रैल माह में ही जिलेभर से 18 हजार 773 लोग संक्रमित हुए थे। जिसमें शहर से 6 हजार 141 और ग्रामीण क्षेत्र से 12 हजार 146 लोग शामिल थे। इधर कोरोना की दूसरी लहर से ग्रामीण इलाकों के मरीज अधिक सामने आ रहे हैं। वहीं अप्रैल माह के 22 दिनों में कोरोना संक्रमित मृतकों का आंकड़ा भी अधिक रहा।
चिकित्सकीय सुविधाएं प्रभावित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 23 अप्रैल। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व फील्ड में कोरोना जांच करने वाला एक पूरा ग्रुप संक्रमित पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस समूह में एक डॉक्टर के अलावा आधा दर्जन स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं। इस ग्रुप के पॉजिटिव पाए जाने के बाद अंबागढ़ चौकी ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग के डेढ़ दर्जन स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। इधर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के निरंतर संक्रमित होने से सीएचसी सहित ग्रामीण क्षेत्र के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य व चिकित्सकीय सुविधाएं प्रभावित हो गई है। बताया जाता है कि स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने व कर्मियों के होम आईसोलेट होने से सीएचसी में स्टॉफ की कमी होने लगी है। जिससे व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है।
मिली जानकारी के अनुसार दूसरे दौर का संक्रमण नगर व ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से फैलने से हडक़ंप मचा हुआ है। इससे फ्रंट लाइन वर्कर भी अछूते नहीं है। पखवाड़ेभर में ब्लॉक के डेढ़ दर्जन स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। इनमें डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन, आरएचओ, लिपिक, वार्ड ब्याय, आया आदि शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि अस्पताल कर्मचारियों में संक्रमण फैलने की शुरूआत नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) से हुई। यहां पहले दो स्टाफ नर्स संक्रमित हुर्इं। इसके बाद निरंतर स्टॉफ के संक्रमित होने का सिलसिला जारी है, लेकिन कोरोना जांच करने वाली समूह के संक्रमित पाए जाने के बाद यहां जांच कार्य प्रभावित हो गया है।
इधर ग्रामीण इलाकों बांधाबाजार, माहुद मंचादुर, चिल्हाटी, जादूटोला, थुहाडबरी के स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों में संक्रमण फैलने से यहां हडक़ंप मचा हुआ है। इधर डेढ़ दर्जन स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने व इनके होम आईसोलेशन में चले जाने से यहां का काम ही नहीं प्रभावित हो रहा है, बल्कि विभाग की रूटीन व्यवस्था भी प्रभावित हो गई है।
5 की कोरोना-मौत
सोमवार को नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता 48 वर्षीय अशोक पांडे व 40 वर्षीय आफरीन कुरैशी की मौत से नगर सदमे में है। इनके अलावा बुधवार को 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला गीतादेवी शर्मा तथा गुरुवार को वार्ड 9 निवासी 45 वर्षीय दशोदा शर्मा का निधन हो गया। यह सभी कोरोना पॉजिटिव थे, जबकि सबसे पहले वार्ड 2 निवासी शिक्षक हीरामन वर्मा की मौत भी कोरोना संक्रमण से हुई थी। शिक्षक श्री वर्मा ने कोविड केयर सेंटर में दम तोड़ा था। जबकि वृद्ध गीतादेवी शर्मा होम आईसोलेशन में थी। इन्हें तीन दिन पहले ही केयर सेंटर से होम आईसोलेशन में लाया गया था। दूसरे दौर में युवाओं की मौत से नगर में हडक़ंप के साथ भय का माहौल बना हुआ है।
रायपुर, 23 अप्रैल। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर द्वारा कोरोना महामारी की वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10वीं की परीक्षाओं को निरस्त कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रोफेसर व्ही.के.गोयल द्वारा इस सम्बन्ध में जारी आदेश में उल्लेखित है कि मंडल द्वारा जारी असाइनमेंट के आधार पर विद्यार्थियों को अंक प्रदाय किये जायेंगे।
यदि किसी छात्र ने असाइनमेंट नहीं किये हैं या असाइनमेंट में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्राप्त नहीं किये हैं, तो ऐसी स्थिति में उसे न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्रदाय किये जायेंगे । यदि कोई विद्यार्थी प्राप्तांकों से असंतुष्ट रहता है तो कोरोना महामारी नियंत्रित होने के पश्चात् उसे श्रेणी सुधार हेतु परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जायेगी।
आदेश में उल्लेखित है कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 3 मई 2021 से 24 मई 2021 तक आयोजित होने वाली कक्षा 12वीं की परीक्षाएं स्थगित की जाती है । कोरोना महामारी की परिस्थिति में सुधार के पश्चात् नई समय सारिणी जारी की जायेगी।
अब तक 364 की गई जान, 42 हजार में से 33 हजार हुए स्वस्थ, 8419 एक्टिव केस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। राजनांदगांव जिले में कोरोना ने अप्रैल माह में इंसानी जीवन को तहस-नहस कर दिया है। कोरोना से जंग लड़ते लोगों को अपने रिश्तेदारों और करीबियों को बेमौत मरते देखना पड़ा। अप्रैल का पूरा महीना कोरोना के तांडव से दहशतभरा रहा है। इस माह के 22 दिन में 151 लोगों की कोरोना ने जान ले ली। वहीं बीते सवा साल में जिले में 364 लोगों ने कोरोना से लड़ते दम तोड़ दिया। अप्रैल माह में कोरोना के भयानक रूप को देखकर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। कोरोना के बढ़ते रफ्तार पर काबू पाने के लिए बीते पखवाड़ेभर से नांदगांव जिला पूरी तरह से लॉक है। इसके बावजूद कोरोना मौतों के मामले में कमी नहीं आ रही है। हालांकि कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में आंशिक गिरावट दर्ज हुई है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से लगाए गए लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे में आंशिक कामयाबी मिली। लगातार कोरोना मौतों से लोगों को अपनी और परिवार की जान बचाने की चिंता सता रही है। कई घरों में छोटे बच्चे भी हैं। कम उम्र के बच्चों के साथ-साथ युवाओं पर भी कोरोना ने जानलेवा हमला किया है। कोरोना की दूसरी लहर में 30 से 40 उम्र के लोगों की ज्यादा जान गई है। जबकि लगातार कोरोना से जंग लडऩे के लिए टीकाकरण अभियान भी जारी है। टीकाकरण को कोरोना से निपटने का एक कारगर उपाय माना जा रहा है। यद्यपि टीकाकरण के बावजूद कई लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। कोरेाना वारियर्स के रूप में दमदारी से मैदान में डटे चिकित्सक, नर्स, लैब टेक्निशियिन के अलावा स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला भी टीकाकरण के बावजूद संक्रमित हुआ है। हालांकि वैक्सीन के चलते संक्रमण से ज्यादा खतरा नहीं होने का दावा किया जा रहा है। राजनंादगांव जिले में बेकाबू हो चुके कोरोना ने लोगों को घर पर दुबकने के लिए मजबूर कर दिया है। बताया जा रहा है कि दूसरी में अप्रत्याशित मौतों ने इंसान को पूरी तरह से तोडक़र रख दिया है।
इधर जिले में बीते मार्च माह तक कोरोना से 213 लोगों ने अपनी जान कोरोना से गंवाई थी। वहीं अप्रैल माह के 22 दिनों तक यह आंकड़ा 364 तक पहुंच गया है। अप्रैल माह के 10 से 14 अप्रैल के बीच कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 10 से पार था। वहीं अप्रैल माह के शेष दिनों को मिलाकर 151 लोगों ने कोरोना से जंग हारकर अपनी जान गंवाई है। अप्रैल माह में ही जिलेभर से 18 हजार 773 लोग संक्रमित हुए थे। जिसमें शहर से 6 हजार 141 और ग्रामीण क्षेत्र से 12 हजार 146 लोग शामिल थे। इधर कोरोना की दूसरी लहर से ग्रामीण इलाकों के मरीज अधिक सामने आ रहे हैं। वहीं अप्रैल माह के 22 दिनों में कोरोना संक्रमित मृतकों का आंकड़ा भी अधिक रहा।
भरपेट चारा-पानी देकर युवा नेता कमल सोनी कर रहे सेवा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। लॉकडाउन में मवेशियों की सुध लेकर भाजपा से जुड़े युवा नेता कमल सोनी अपने परिवार के साथ न सिर्फ जानवरों को भरपेट चारा खिला रहे हैं, बल्कि प्यास बुझाने के लिए सीमेंट निर्मित टंकियां भी रखी है। कोरोनाकाल में मवेशियों की हालत बेहद खराब है। गली-मोहल्लों में न सिर्फ मवेशी बल्कि दूसरे लावारिश जानवरों को खानपान के संकट से गुजरना पड़ रहा है। इसी कड़ी में युवा नेता कमल सोनी ने दया-करूणा का भाव लेकर मवेशियों को चारा उपलब्ध कराया है। वहीं हर रोज वह भोजन के साथ मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए डटे हुए हैं। अपने घर के बाहर उन्होंने सीमेंट से निर्मित टंकियां स्थापित की है। इस दौरान वहां से गुजरने वाले मवेशी आसानी से प्यास बुझाते हैं। मवेशियों के अलावा लावारिश कुत्तों को भी भरपेट भोजन दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सोनी परिवार पूरी सिद्दत से मवेशियों की सुध ले रहा है, ताकि जानवरों के सामने कोई परेशानी खड़ी न हो।
रॉकेट लॉचर जैसा हथियार बरामद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के दूरस्थ नक्सलग्रस्त एक पुलिस चौकी में बीती रात नक्सली फायरिंग कर भाग खड़े हुए। बताया जा रहा है कि गट्टा पुलिस चौकी में रात करीब 12 बजे करीब आधा दर्जन नक्सलियों के एक दल ने आउटपोस्ट में गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों के जवाबी कार्रवाई के सामने नक्सली टिक नहीं पाए और भाग गए।
घटना के संबंध में गढ़चिरौली डीआईजी संदीप पाटिल ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि आउटपोस्ट में फायरिंग की गई। वहीं नक्सलियों ने रॉकेट लॉचर जैसे हथियार से हमला करने की भी नाकाम कोशिश की है। हथियार को जब्त कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि आउटपोस्ट में गोलीबारी के दौरान रॉकेट लॉचर जैसा एक हथियार नक्सलियों ने प्रयुक्त किया। हालांकि हमला नाकाम रहा। पुलिस ने मौके से नीले रंग का रॉकेट लॉचरनुमा हथियार जब्त किया है।
बताया जा रहा है कि नक्सली अपने वजूद को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि नक्सली गढ़चिरौली में आमने-सामने लड़ाई करने की स्थिति में नहीं है। गढ़चिरौली पुलिस यूजीवीएल शस्त्र से लैस है। लिहाजा नक्सली सामने से हमला करने की स्थिति में नहीं है। अब नक्सली फोर्स पर दबाव बनाने के इरादे से मानसिक युद्ध छेडऩे की फिराक में है, इसलिए नक्सली रॉकेट लॉचरनुमा हथियारों से वार करने का एक प्रोपोगेंडा कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों के स्माल एक्शन टीम इस वारदात के पीछे है। डीआईजी पाटिल ने समूचे जिले में स्माल एक्शन की गतिविधियों पर नजर रखने के अलावा सभी थानों और पुलिस चौकी को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।
कोरोना के संबंध में समीक्षा बैठक
राजनांदगांव, 22 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा ने बुधवार को दिग्विजय स्टेडियम स्थित डिस्ट्रिक वार रूम में कोविड-19 के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से दवाइयों की उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि सभी अस्पताल में आवश्यक दवाईयां उपलब्ध होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि गांवों में मृत्यु दर बढ़ रही है। इसके लिए एक्टिव सर्विलेंस टीम बनाएं और मानिटरिंग करें। उद्योगों में श्रमिक भी कोराना पॉजिटिव हो रहे हैं। ऐसे स्थानों पर छापामार कार्रवाई करें। यह सुनिश्चित करें कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के साथ उसका परिवार भी घर से बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि ऐसे कोरोना पॉजिटिव मरीज जिन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं होती, वे घूम रहे हंै। उनको होम आईसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में जाना चाहिए। कलेक्टर वर्मा ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाएं। अभी ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता ठीक है, लेकिन तकनीकी दिक्कतों को दूर करें। उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर में होने वाली मृत्यु तथा वहां से डिस्चार्ज लोगों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें। उन्होंने संस्कारधानी कोविड केयर सेंटर सोमनी की भी जानकारी ली।
गलत होने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा ने नागरिकों से अपील करते कहा कि सैम्पल टेस्टिंग के समय अपना सही पता एवं मोबाइल नंबर की जानकारियां प्रदान करें, ताकि कोरोना संक्रमण को बढऩे से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सैम्पल देते समय गलत पता एवं मोबाइल नंबर देने के कारण संक्रमित व्यक्ति को न तो उपचार मिल पाता है और न ही वह होम आईसोलेशन में रहता है। जिसकी वजह से वह स्वयं संक्रमित होता ही है, दूसरों को भी संक्रमित करता है।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि सैम्पल टेस्ंिटग के दौरान गलत पता एवं मोबाइल नंबर देने से कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का कार्य प्रभावित होता है। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। इसमें कोविड-19 पॉजिटिव मरीज से संपर्क स्थापित कर मरीज एवं उनके संपर्क में आने वाले उनके परिजनों एवं अन्य संभावित संक्रमित लोगों के स्वास्थ्य के संबंध में समस्त जानकारियां एकत्र की जाती है। इसके माध्यम से होम आइसोलेशन के मरीजों के स्वास्थ्य संकेतकों, दवाइयों इत्यादि की जानकारी ली जाती है तथा आवश्यकता पडऩे पर हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने के लिए एम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन यह देखा जा रहा है कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के दौरान सैम्पल देते समय कुछ लोगों द्वारा अपना गलत पता, मोबाइल नंबर दिया जा रहा है। जिससे कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करने में स्वास्थ्य विभाग की टीम को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्वयं मरीज को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने एवं अनावश्यक विलंब होने से मृत्यु होने की भी संभावना बनी रहती है। इनका यह कृत्य मोहल्ले एवं क्षेत्र में संक्रमण में होने वाली वृद्धि का भी कारक है।
कलेक्टर ने नागरिकों से अपील करते कहा कि सैम्पल टेस्टिंग के समय अपना सही पता एवं मोबाइल नंबर की जानकारियां प्रदान करें। गलत जानकारियां प्रदान करने वाले लोगों के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 22 अप्रैल। कोविड केयर सेंटर में भर्ती किए गए नगर की दो स्वस्थ व निगेटिव महिलाओं को मंगलवार की आधी रात कोविड सेंटर से डिस्चार्ज किया गया। दोनों ही महिलाएं कोविड सेंटर में सोमवार दोपहर से एडमिट थी।
मिली जानकारी के अनुसार वैश्विक महामारी के दूसरे दौर में मेरेगांव स्थित शासकीय कन्या शिक्षा परिसर छात्रावास को कोविड सेंटर बनाया गया है। तीन अप्रैल से यह सेंटर प्रारंभ हुआ है। यहां आए दिन लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। सात अप्रैल को कोविड सेंटर में ब्लॉक के खोर्राटोला निवासी 61 वर्षीय सुकलाल खरे की मौत हो गई थी, वहीं 14 अप्रैल को नगर के 42 वर्षीय शिक्षक हीरामन वर्मा की मृत्यु हो गई थी। दोनों मृतकों के परिजनों ने सेंटर में लापरवाही का आरोप लगाते कहा था कि यहां मरीजों का जीवन रक्षा नहीं हो रहा है, बल्कि उन्हें मारा जा रहा है।
इधर सोमवार को नगर की दो स्वस्थ महिलाओं को कोविड सेंटर में भर्ती कर दिए जाने की लापरवाही उजागर हुई। इस मामले में स्थानीय विधायक छन्नी साहू के हस्तक्षेप के बाद दोनों महिलाओं को मंगलवार की आधी रात सेंटर से डिस्चार्ज किया गया। महिलाओं ने बताया कि वे सेंटर में 32 घंटे से अधिक समय व्यतीत किया।
बीएमओ डॉ. आरआर ध्रुर्वे ने कहा कि कोविड केयर सेंटर में भर्ती दो महिलाओं को मंगलवार की रात केयर सेंटर से छुट्टी दे दी गई है और उन्हें उनके घर छोड़ दिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अप्रैल। महापौर हेमा देशमुख ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक डॉ. रमन सिंह द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार करते कहा कि डॉ. सिंह यदि इस कोरोना संकट की घड़ी में सचमुच आम जनता के हितैषी हैं तो राजधानी में बैठकर वर्चुअल बैठक लेकर कोरी बयानबाजी करने के बजाय अपने कर्मवीर होने का परिचय दें और राजनांदगांव के विधायक होने के नाते यहां स्वयं मौजूद रहकर पीडि़तों की सेवा करें।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि लोगों के बीच नकारात्मक सोच फैलाना, फिजूल बातें कर लोगों को बरगलाना भाजपा नेताओं की आदत और संस्कृति रही है। डॉ. रमन वैसे भी पलायनवादी नेता के रूप में जाने जाते हैं। हमेशा मैदान छोडऩा उनकी आदत में शुमार है। अपने गृह ग्राम को छोडक़र पहले डोंगरगांव से चुनाव लड़े, फिर राजनांदगांव से और अब वे राजनांदगांव के विधायक हैं तो रायपुर मेें रहकर बैठे बिठाए अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। यही हाल उनके सुपत्र और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह का भी रहा। वे सांसद राजनांदगांव के लिए चुने गए, किंतु उनका निवास रायपुर में ही रहा। ऐसे नेताओं को यह कहना शोभा नहीं देता कि वे आम जनता के हर दुख में उनके साथ हैं।
श्रीमती देशमुख ने कहा कि वर्चुअल बैठक कर आम जनता के बीच नकारात्मक बातें फैलाने वाले डॉ. रमन सर्वप्रथम प्रधानमंत्री मोदी को प्रवचन सुनाएं। देश को आज दलगत राजनीति से ऊपर कार्य करना चाहिए तो यहां के पूर्व मुख्यमंत्री खुद नकारात्मक सोच से घिरे हुए हैं। उन्हें मालूम ही नहीं है कि भारत देश में कोरोना आया है तो मोदी के नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के कारण।
आज तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है तो मोदी के कारण। उन्हें देश में दवाई, इंजेक्शन की हॉस्पिटल की कमी नजर नहीं आती। जबकि छत्तीसगढ़ टीकाकरण में देश में सातवे नंबर पर है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपना 80 फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैं साधुवाद देती हूं कि हमेशा जब भी कोई आपदा आई, तब उन्होंने जनता के बीच आपदा राशि के लिए कोई कमी नहीं की। डॉ. सिंह के इस बयान पर कि प्रभारी मंत्री कभी राजनांदगांव में झांकने तक नहीं आए, पर पलटवार करते सवाल किया कि क्या आपने कभी प्रभारी मंत्री के कोविड पाजिटिव आने पर उनका हालचाल पूछा? नहीं, फिर आप किस मुंह से संवेदनहीनता का आरोप लगा रहे हैं? आप यदि सचमुच प्रदेश की जनता के हितैषी हैं और प्रदेश को कोरोना मुक्त कराना चाहते हैं तो केन्द्र में भाजपा की सरकार है, ऐसे में प्रदेश में जो भी कमी आ रही है और जो जरूरतें हैं, उसकी भरपाई के लिए आप क्यों प्रयास नहीं करते? आप केंद्र में बैठी मोदी सरकार से छत्तीसगढ़ के लिए विशेष पैकेज की मांग करें, ताकि आपदा के समय दवाई, इंजेक्शन और बिस्तर व हॉस्पिटल की कोई कमी न हो। राज्य सरकार अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अप्रैल। जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत ने छुरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत बूचाटोला एवं कल्लूबंजारी के क्वॉरंटीन सेंटर का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान क्वॉरंटीन सेंटर में ठहरे हुए व्यक्तियों से चर्चा की। जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके तहत जिले में संक्रमण के प्रभाव को रोकने ग्राम पंचायतों में क्वॉरंटीन सेंटर की स्थापना की गई है। उन्होंने संबंधितों को क्वॉरंटीन सेंटर में सुचारू रूप से व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत ने ग्राम पंचायत बूचाटोला एवं कल्लूबंजारी में टीकाकरण 100 प्रतिशत पाए जाने पर सरपंच एवं सचिव की प्रशंसा की। इस दौरान जनपद पंचायत सीईओ छुरिया प्रतीक प्रधान, सरपंच, सचिव, नोडल अधिकारी, रोजगार सहायक एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अप्रैल। नेशनल हाईवे भाजपा कार्यालय के पास आज सुबह तेज रफ्तार एक ट्रक पहले से खड़ी एक कंटेनर को टक्कर मारते एक बिजली के खंभे से जा टकराई। इस घटना में ट्रक ड्राईवर के पैरों में चोंटे आई हैं। बताया जा रहा है कि घटना से ट्रक के सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर से आ रही एक ट्रक गुरुवार सुबह करीब 6 बजे भाजपा कार्यालय के सामने नेशनल हाईवे में खड़ी एक ट्रेलर से जा टकराई। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि ट्रक बिजली के खंभे से जा टकराई। बताया जा रहा है कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि सामने खड़ी कंटेनर करीब 30 मीटर तक आगे चली गई और ट्रक का ड्राईवर अपना नियंत्रण खोते बिजली के खंभे में जा टकराया। बताया गया कि घटना के बाद ट्रक ड्राईवर को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 अप्रैल। कलेक्टर टीके वर्मा ने कहा कि कोरोना की रफ्तार बढ़ रही है। कोरोना के गाईड लाइन का पालन करते कार्य करना है। सभी सुरक्षित रहें इसके लिए सबको सजग करने की जरूरत है।
लॉकडाउन के दौरान राशन, फल एवं सब्जी की व्यवस्था की गई है। शीघ्र ही शासकीय भुगतान, मजदूरी भुगतान, बैंकों से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बैंकर्स इस बात का ध्यान रखेंगे कि बीमा की राशि किसानों को मिलने वाली है, इसलिए बैंक में भीड़ न हो। अपरिहार्य कार्यों के लिए राशि का आहरण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में लगातार निरीक्षण करते रहें। उक्त बातें उन्होंने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक के दौरान कही।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि वैक्सीनेशन लोगों की जिंदगी बचाने के लिए बहुत जरूरी है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप से गांव भी प्रभावित हो रहे हैं। गांव में भी मृत्यु दर बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए टीम बनाकर स्वास्थ्य विभाग का अमला भेजें।
जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत ने जिले में वैक्सीनेशन की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बीएमओ से कहा कि 50 गांवों में शिविर लगाकर टीकाकरण किया जाना है। प्रतिदिन 4 गांव में शिविर लगाना है। कंटेनमेंट जोन में भी टीकाकरण का कार्य जारी रहेगा। बैठक में अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, नगर निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, एसडीएम मुकेश रावटे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कान्फ्रेस के जरिए सभी एसडीएम, जनपद सीईओ, सीएमओ एवं बीएमओ जुड़े रहे।