खेल
नयी दिल्ली, 19 मई। प्रतिष्ठित थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतकर इतिहास रखने वाली भारतीय टीम में चार खिलाड़ी इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) के थे।
देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी और अपने खिलाड़ियों को बधाई दी।
भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने 15 मई को इतिहास रचते हुए फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को एकतरफा मुकाबले में 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीता।
आईओसी ने बयान में कहा, ‘‘थॉमस कप के 2022 सत्र में भारत की चुनौती की अगुआई इंडियन आयल के प्रमुख बैडमिंटन सितारों ने की। इंडियन आयल के चार खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा थे। दिग्गज खिलाड़ी और विश्व चैंपियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन, थाईलैंड ओपन 2019 सुपर 500 चैंपियनशिप की विजेता सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की युगल जोड़ी तथा उभरते हुए युगल खिलाड़ी एमआर अर्जुन जो 2020 एशिया टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे।’’
टीम के कोच की भूमिका इंडियन आयल के एक अन्य स्टार और 2001 आल इंग्लैंड विजेता पुलेला गोपीचंद निभा रहे थे।
इंडियन आयल स्पोर्ट्स का हिस्सा रहे प्रियांशु राजावत और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला भी भारतीय टीम का हिस्सा थे।
आईओसी चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, ‘‘इंडियन आयल के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया और यह पूरे इंडियन आयल परिवार के लिए बेहद गर्व की बात है।’’ (भाषा)
नवी मुंबई, 19 मई। कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के मुख्य कोच ब्रैंडन मैकुलम ने कहा कि युवा बल्लेबाज रिंकू सिंह मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सत्र में उनकी खोज रहे हैं और फ्रेंचाइजी आगामी वर्षों में उनके खेल का ध्यान रखेगी।
रिंकू ने बुधवार को यहां लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी से टीम को लगभग जीत के करीब पहुंचा दिया था जिससे मैकुलम ने उनकी प्रशंसा के पुल बांधे।
इंग्लैंड के अगले टेस्ट कोच की जिम्मेदारी संभालने के लिये तैयार मैकुलम ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘निश्चित रूप से वह (रिंकू) सत्र की हमारी खोज रहा है। रिंकू ऐसा खिलाड़ी है जिस पर केकेआर आगामी कुछ वर्षों में ध्यान लगायेगी, इसमें कोई शक नहीं है और हम उसे वास्तव में आगे बढ़ते हुए देखेंगे। ’’
रिंकू ने महज 15 गेंद में 40 रन बनाकर अपने अंतिम लीग मैच में टीम को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ जीत के करीब पहुंचा दिया। वह इवान लुईस के शानदार कैच लपकने के कारण 20वें ओवर की पांचवीं गेंद पर आउट हुए।
रिंकू ने राजस्थान रायल्स के खिलाफ भी नाबाद 42 रन की मैच विजयी पारी खेली थी। (भाषा)
-अभिजीत श्रीवास्तव
70 गेंदों पर 140 रनों की नाबाद पारी खेलने और 20 ओवरों में 210 रनों का पहाड़ खड़ा करने और पहले विकेट के लिए आईपीएल के इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी निभाने के बाद अगर वही खिलाड़ी मैच के आखिरी पलों में ये सोच रहा हो कि मैच तो हाथ से गया. तभी मैदान में एक असंभव सा कैच पकड़ा जाए. बल्लेबाज़, गेंदबाज़, फील्डिंग कप्तान, दर्शक के साथ-साथ वो ख़ुद हैरान हो जाए. फिर आखिरी गेंद पर जब तीन रन बनाने हों तो बल्लेबाज़ बोल्ड आउट हो जाए और इस तरह एक हाई स्कोर बहुत ही रोमांचक मैच का फ़ैसला केवल दो रन से हो. तो सोचिए मैच रोमांच के किस हद तक गया होगा.
मैच के बाद ख़ुद क्विंटन डीकॉक ने वो बताया जो उन्होंने इसके अंतिम ओवर में महसूस किया, "मैंने सोचा था कि स्टोइनिस इसे आसानी से बचा लेंगे. लेकिन तीसरी गेंद के बाद लगा कि मैच हमारे लिए ख़त्म हो चुका है."
बुधवार को आईपीएल में कोलकाता और लखनऊ के मुक़ाबले में ठीक ऐसा ही हुआ. पहले लखनऊ के ओपनर्स क्विंटन डीकॉक और कप्तान केएल राहुल ने आईपीएल के इतिहास में पहले विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी नाबाद 210 रन बनाए. फिर कोलकाता के शुरुआती दो विकेट केवल 9 रन पर गिरने के बावजूद कप्तान श्रेयस अय्यर, नीतीश राणा, सुनील नरेन और रिंकू सिंह ने अपनी अविस्मरणीय तूफ़ानी पारियों की बदौलत टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया.
पहले बैटिंग और फिर बॉलिंग के पहले चार ओवरों तक लखनऊ के हावी रहने के बाद कोलकाता की टीम ने ज़ोरदार वापसी की और मैच को आखिरी ओवर और अंतिम गेंद तक ले गए.
स्टोइनिस मैच में इससे पहले केवल एक ओवर डाले थे. मैच के उस 14वें ओवर में उन्होंने केवल पांच रन देकर कप्तान श्रेयस अय्यर का विकेट लिया था.
लेकिन जब 20वां ओवर डालने के लिए स्टोइनिस बुलाए गए तो सामने रिंकू सिंह थे. पहली गेंद पर रिंकू ने डीप कवर पर चौका जड़ा. दूसरी गेंद स्टोइनिस ने शॉर्ट लेंथ डाली. इसे रिंकू सिंह ने डीप मिड विकेट पर बाउंड्री के बाहर छक्के के लिए भेजा.
मैच की तीसरी गेंद स्टोइनिस ने ऑफ़ स्टंप से बहुत बाहर फुल लेंथ डाली. इस पर भी रिंकू सिंह ने लॉन्ग ऑफ़ के ऊपर से छक्का मारा जो साइट स्क्रीन से जा टकराई. अगली गेंद पर रिंकू ने दो रन लिए.
अब दो गेंदों पर केवल तीन रन बनाने थे.
ये वही पल था जब विकेट के पीछे खड़े 140 रन बनाने वाले क्विंटन डीकॉक सोच रहे थे कि मैच तो हाथ से गया.
पहली चार गेंदों पर 18 रन बना चुके बाएं हाथ के बल्लेबाज़ रिंकू सिंह को पांचवी गेंद स्टोइनिस ने ऑफ़ स्टंप के बाहर फुल लेंथ गेंद डाली. गेंद रिंकू के बल्ले के निचले हिस्से से लग कर कवर के क्षेत्र में ऊपर गई. वेस्टइंडीज़ के इविन लुईस डीप बैकवर्ड से क़रीब 30 गज दौड़ कर कवर क्षेत्र में पहुंचे और फिसलते हुए बाएं हाथ से हैरान कर देने वाला कैच लपक लिए.
इसके साथ ही पहली चार गेंदों पर 4, 6, 6, 2 का स्कोर बना चुके रिंकू सिंह 15 गेंदों पर 40 रन बना कर आउट हो गए और आखिरी गेंद पर यॉर्कर डाल कर स्टोइनिस ने उमेश यादव को बोल्ड किया और यह बेहद रोमांचक मैच जीत कर लखनऊ प्लेऑफ़ में पहुंच गया तो कोलकाता टूर्नामेंट से बाहर हो गया.
मैच के बाद इस रोमांचक मुक़ाबले के बारे में लखनऊ के कप्तान केएल राहुल ने कहा, "बहुत कम मुक़ाबले अंतिम गेंद तक गए हैं. हां अंतिम ओवरों तक ज़रूर गए हैं लेकिन इतना क़रीबी फ़ैसला नहीं हुआ है.
उन्होंने स्टोइनिस की तारीफ़ की और कहा हमें लग ही रहा था कि केकेआर की टीम ज़ोरदार मुक़ाबला करेगी. हम ये जान रहे थे कि मैच किसी भी वक़्त करवट ले सकता है."
राहुल ने लुईस के असंभव से दिखने वाले कैच के बारे में कहा, "लुईस का वो कैच... हाथ में जा कर चिपक गया. वे पेट की समस्या से जूझ रहे हैं. मैच में उन्हें बैटिंग का मौका नहीं मिला लेकिन आप यही तो अपने खिलाड़ी से देखना चाहते हैं."
क्विंटन डीकॉक का प्रदर्शन और रिकॉर्ड की झड़ी
अब बात क्विंटन डीकॉक के उस पारी की जिसे कप्तान राहुल ने पिच के दूसरे छोर से देखा और कहा, "यह वो सबसे अच्छी पारी थी जिसे मैंने पिच के दूसरे छोर से देखा."
राहुल बोले, "पूरे सीजन में डीकॉक की बल्लेबाज़ी शानदार रही है. आज के मैच में ये देख कर अच्छा लगा कि क्विनी (क्विंटन डीकॉक) ने कैसे अंत तक बल्लेबाज़ी की."
डीकॉक 70 गेंदों पर 140 रन बनाकर नॉट आउट रहे. ये क्विंटन डीकॉक की टी20 और आईपीएल की सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी है. उन्होंने अपनी पारी के दौरान 10 चौके और 10 छक्के लगाए. ये आईपीएल 2022 में किसी एक बल्लेबाज़ का एक पारी में लगाया गया सबसे अधिक छक्कों का रिकॉर्ड है.
इतना ही नहीं ये आईपीएल के इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी है. सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी का रिकॉर्ड क्रिस गेल (नाबाद 175 रन) के नाम है वहीं अपने नाबाद 158 रनों की पारी के साथ ब्रेंडन मैकुलम नंबर दो पर हैं.
क्विंटन डीकॉक और केएल राहुल आईपीएल इतिहास के वो पहले सलामी बल्लेबाज़ हैं जो 20 ओवर तक नॉट आउट रहे. ईएसपीएन क्रिकइन्फो के मुताबिक टी20 क्रिकेट के इतिहास में वो केवल चौथे ऐसे सलामी बल्लेबाज़ हैं जो अंत तक आउट नहीं हुए.
इन दोनों ने पहले विकेट की साझेदारी की रिकॉर्ड भी तोड़ा जो पहले डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरेस्टो के नाम था. उन दोनों ने हैदराबाद के लिए खेलते हुए 2019 में बैंगलोर के ख़िलाफ़ पहले विकेट के लिए 185 रनों की साझेदारी निभाई थी.
वहीं आईपीएल में किसी भी विकेट की साझेदारी के मामले में ये तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है. आईपीएल के इतिहास की दो सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के नाम है. इन दोनों ने सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड 2016 में गुजरात लायंस के ख़िलाफ़ दूसरे विकेट के लिए 229 रन जोड़कर बनाए थे तो 2015 में मुंबई के ख़िलाफ़ दूसरे विकेट के लिए ही नाबाद 215 रनों की साझेदारी का रिकॉर्ड भी इन ही दोनों के नाम है.
डीकॉक के साथ दूसरे छोर पर खड़े कप्तान केएल राहुल ने अर्धशतक जमाया और इस आईपीएल में उनके रनों का आंकड़ा 500 (कुल 537 रन) को पार कर गया. राहुल ने लगातार तीसरे आईपीएल में 500 से अधिक रन बनाए हैं. क्विंटन डीकॉक ने भी इस आईपीएल में 500 रन के आंकड़े को पार किया.
चार ओवर, 16 डॉट बॉल, 20 रन देकर तीन विकेट
जब मैच में 418 रन बने हों और लगभग सभी गेंदबाज़ 10 से अधिक की औसत से रन दे रहे हों तो एक गेंदबाज़ का अपने चार ओवरों में केवल 20 रन (पहले तीन में केवल आठ रन) देकर तीन विकेट लेना कितना कमाल का प्रदर्शन है, इस पर कोई दो राय नहीं होनी चाहिए.
मोहसिन ख़ान के इस प्रदर्शन पर उनके कप्तान केएल राहुल ने भी उनकी खूब तारीफ़ की.
राहुल बोले, "मोहसिन जब से खेल रहे हैं, असाधारण प्रदर्शन कर रहे हैं. वो अपनी खूबियों का बहुत चतुराई से इस्तेमाल करते हैं. कब धीमी गेंद डालनी है और कब तेज़, ये वो बखूबी जानते हैं. मुझे पूरा यक़ीन है कि वो जल्द ही टीम इंडिया की जर्सी पहनेंगे. क्योंकि वहां हमेशा से एक बाएं के गेंदबाज़ की तलाश रही है."
मोहसिन ख़ान ने अपनी गेंदबाज़ी से एक बार फिर लखनऊ को शानदार शुरुआत दी. पहले ही ओवर में उन्होंने वेंकटेश अय्यर को आउट करके उन्हें दबाव में ला दिया और दूसरे ओवर में डेब्यू कर रहे अभिजीत तोमर का विकेट लेकर कोलकाता को बैकफुट पर धकेल दिया.
फिर जब कोलकाता के कप्तान श्रेयर अय्यर और सैम बिलिंग ने ताबड़तोड़ रन बनाने शुरू किए तब केएल राहुल ने एक बार फ़िर मोहसिन को 13वां ओवर डालने बुलाया.
मोहसिन ने इस ओवर में अपनी काबलियत का एक और नमूना दिखाया. मैच में 151 किलोमीटर की रफ़्तार से गेंद डाल चुके मोहसिन ने इस ओवर में अपनी धीमी गेंद से श्रेयस अय्यर और सैम बिलिंग को रन नहीं बनाने दिए. वो ये ओवर 12-124 किलोमीटर की रफ़्तार से डाल रहे थे. तब 200 के स्ट्राइक रेट से खेल रहे श्रेयस अय्यर ने इस ओवर की तीन गेंदों का सामना किया और केवल एक रन बना सके, वहीं बिलिंग ने भी इतनी ही गेंदों पर केवल एक रन बनाए. यानी इस ओवर में दो रन ही बने.
कोलकाता के रन गति पर इस ओवर ने ऐसा अंकुश डाला कि मार्कस स्टोइनिस के अगले ओवर में रन गति को बढ़ाने की फिराक में श्रेयस अय्यर अपना विकेट गंवा बैठे.
फिर नाकाम रही कोलकाता की सलामी जोड़ी
इस टूर्नामेंट में कोलकाता नाइट राइडर्स के सलामी बल्लेबाज़ों के लगातार नाकाम होने की कहानी इस मैच में भी अलग नहीं थी. कोलकाता ने इस मैच से पहले आईपीएल में पांच ओपनिंग जोड़ी आजमाई. लेकिन केवल वेंकटेश अय्यर और अजिंक्य रहाणे की जोड़ी ही टीम को अर्धशतकीय साझेदारी की शुरुआत देने में कामयाब हो सकी. फ़िर अजिंक्य रहाणे चोटिल हो गए तो एक बार फिर कोलकाता की टीम अभिजीत तोमर और वेंकटेश अय्यर की नई जोड़ी के साथ उतरी लेकिन इस मैच में भी कहानी कुछ अलग नहीं रही.
वेंकटेश अय्यर पहली ओवर में ही बिना खाता खोले आउट हो गए तो डेब्यू कर रहे अभिजीत तोमर भी केवल 4 रन ही बना सके. 9 रन तक दो विकेट गिर चुके थे.
कोलकाता के हीरो
लेकिन नीतीश राणा और कप्तान श्रेयस अय्यर अगल इरादे के साथ मैदान में उतरे थे. राणा ने जहां 22 गेंदों पर 42 रन बनाकर कोलकाता के जवाबी हमले की नींव रखी.
वहीं कप्तान श्रेयस अय्यर जब तक पिच पर थे तो लग रहा था कि कोलकाता मैच को आसानी से जीत जाएगा क्योंकि पहले उन्होंने राणा के साथ 27 गेंदों पर 56 रन जोड़े फिर सैम बिलिंग के साथ 44 गेंदों पर 60 रन बनाए.
अंत में रिंकू सिंह ने आखिरी ओवर में क़रीब-क़रीब जीत दिला ही दी थी. तो इन सभी प्रदर्शनों बीच सुनील नरेन के ऑलराउंड प्रदर्शन की तारीफ़ भी करनी होगी. जब वो गेंदबाज़ी कर रहे थे तो कोलकाता की तरफ़ से सबसे अच्छी इकोनॉमी उनकी ही रही. अपने चार ओवर में केवल 6.75 की इकोनॉमी से केवल 27 रन दिए और जब रिंकू सिंह के साथ पिच पर थे तो केवल सात गेंदों पर 21 रन बना कर नाबाद रहे.
अब आईपीएल के प्लेऑफ़ में दो टीमें गुजरात और लखनऊ पहुंच चुकी हैं. आज यानी गुरुवार का दिन बैंगलोर के लिए अहम है. उसे प्लेऑफ़ में पहुंचने के लिए आज होने वाले मुक़ाबले में गुजरात को हराना ही होगा.
ऐसे ही नहीं कहा जाता कि एक ग़लती आपकी सारी मेहनत पर पानी फेरने के लिए काफ़ी होती है.
ये बात जीवन के हर पहलू में जितना सच है उतना ही खेल के मैदान में भी. मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेले गए मुक़ाबले के दौरान भी यह स्पष्ट हुआ.
दरअसल जीत के लिए 194 रनों का पीछा करने उतरी मुंबई इंडियंस की टीम को आख़िरी 18 गेंदों पर 45 रन बनाने थे. टीम की सारी उम्मीद 12 गेंदों पर 22 रन बनाकर खेल रहे टिम डेविड पर टिकी थी और उनके साथ युवा क्रिकेटर रमनदीप सिंह मौजूद थे.
दूसरी ओर सनराइजर्स के कप्तान केन विलियम्सन ने गेंद बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ टी नटराजन को सौंपी. पहली गेंद वाइड थी और इसके बाद नटराजन ने जो गेंद फेंकी उसे टिम डेविड ने छक्का जड़ दिया. फिर वाइड और अगली गेंद पर कोई रन नहीं. यानी दो गेंदों पर आठ रन बन चुके थे.
इसके बाद टिम डेविड ने वो किया जिसके चलते उन्हें उदीयमान सितारा माना जा रहा है. नटराजन यॉर्कर डालने में चूके और उस गेंद को फुल टॉस बनाते हुए टिम डेविड ने ओवर का दूसरा छक्का जड़ा.
अगली गेंद को स्क्वायर लेग बाउंड्री पर टिम डेविड ने छक्का लगाया. इसके बाद आया लगातार तीसरा छक्का और ओवर का कुल चौथा छक्का. ये छक्का स्टेडियम में 114 मीटर की दूरी तक गया. इस सीज़न का दूसरा सबसे बड़ा छक्का.
तीन लगातार छक्कों के साथ टिम डेविड ने पांच गेंदों पर टीम के लिए 26 रन जोड़ लिए थे. अब टीम को 13 गेंदों पर 19 रन की ज़रूरत थी. टिम डेविड 17 गेंदों पर 46 रन बनाकर खेल रहे थे और मैच की मुंबई की झोली में जाता दिख रहा था.
लगातार तीन छक्के लगाने के बाद टिम डेविड से वो चूक हुई, जिसकी ज़रूरत नहीं थी. उन्होंने अपने पास स्ट्राइक रखने की कोशिश में सीधा खेलने के बाद भी दौड़ पड़े. गेंद नटराजन से बहुत दूर नहीं थी. रमनदीप सिंह ने टिम डेविड को रोकने की कोशिश भी की लेकिन डेविड नहीं माने.
एक ओवर में चार छक्के खाने के बाद भी नटराजन का फोकस पूरी तरह बना हुआ था और उन्होंने पलक झपकते ही गेंद को उठाया और हाथ को स्टंप के पास लेकर गिल्लियां बिखेर दीं. डेविड रन आउट हो गए. और यही रन आउट मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ.
टिम डेविड के पास इसके बाद भी 12 गेंदों पर 19 रन बनाने का मौका मिलता. लेकिन स्ट्राइक अपने पास रखने की ज़िद के चलते वे रन आउट हुए.
मैच का टर्निंग प्वाइंट
दूसरी ओर, नटराजन ने यह दिखाया कि अपनी से कोशिश लगातार करते रहने चाहिए. एक ओवर में चार छक्के खाने के बाद भी उन्हें मौका मिला और उस मौके को भुनाते हुए उन्होंने मैच की बाज़ी पलट दी.
नटराजन ने जिस तरह से डेविड को रन आउट किया वो मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. लेकिन इसके बाद एक बड़ा कारनामा उनके टीम के साथ भुवनेश्वर कुमार ने कर दिखाया.
भुवनेश्वर कुमार मुंबई की पारी का 19वां ओवर फेंकने आए, जब मुंबई के सामने 12 गेंदों पर 19 रन बनाने की चुनौती थी. भुवनेश्वर ने छह गेंदों पर कोई रन नहीं दिया और एक विकेट भी झटका.
विकेट मेडन ओवर फेंक कर उन्होंने अपनी टीम का पलड़ा बेहद मज़बूत कर दिया. इस दौरान उन्होंने यॉर्कर फेंकने के लिए मशूहर जसप्रीत बुमराह का यॉर्कर गेंदों से ख़ूब इम्तिहान भी लिया.
मैच के बाद भुवनेश्वन कुमार ने कहा, "19वें ओवर में मैं यॉर्कर डालने की कोशिश कर रहा था क्योंकि अगर मैं मिस भी करता तो भी उस पर बाउंड्री लगने के चांस कम थे. अगर उस ओवर में बाउंड्री लग जाती तो हमारी टीम पर दबाव बढ़ जाता, इसलिए मैंने केवल बाउंड्री डालने की कोशिश की."
आख़िरी ओवर में मुंबई इंडियंस को 19 रन बनाने थे, मैच में तीन विकेट झटकने वाले रमनदीप सिंह ने कोशिश ज़रूर की और आख़िरी तीन गेंदों में उन्होंने चौका और छक्का भी लगाया लेकिन दो डॉट गेंदों के चलते उनकी टीम लक्ष्य से तीन रन पीछे रह गयी.
इस लिहाज से देखें तो टिम डेविड का रन आउट होना और भुवनेश्वर कुमार का मेडन विकेट का ओवर, दोनों सनराइजर्स की जीत के लिए अहम साबित हुए.
युवाओं ने दिखाया दम
मैच के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, "टिम डेविड के दुर्भाग्यपूर्ण रन आउट होने तक मैच हमारी तरफ़ ही था. बाद में दो ओवर में 19 रन भी हासिल किया जा सकता था लेकिन हम नहीं कर सके. सनराइजर्स की टीम ने आख़िरी समय तक मैच को हाथ से निकलने नहीं दिया."
वैसे दोनों टीमों के बीच एक ज़ोरदार मुक़ाबला देखने को मिला और दोनों टीमों की ओर से कुछ युवा खिलाड़ियों ने भविष्य के लिए उम्मीदें दिखायी हैं.
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सनराइजर्स हैदराबाद ने युवा खिलाड़ियों को मौका दिया और कप्तान विलियम्सन ओपनिंग करने नहीं आए. अभिषेक शर्मा नहीं जमे लेकिन प्रियम गर्ग और राहुल त्रिपाठी ने ऐसा दम दिखाया कि आख़िर में विलियम्सन को सात गेंद खेलने के लिए क्रीज़ पर आना पड़ा.
अपना डेब्यू मैच खेल रहे प्रियम गर्ग ने 26 गेंदों पर चार चौके और दो छक्के की मदद 42 रन ठोके और राहुल त्रिपाठी के साथ एक शानदार साझेदारी की.
राहुल त्रिपाठी ने 44 गेंदों पर नौ चौके और तीन छक्के की मदद से 76 रन बनाए. राहुल त्रिपाठी इस अंदाज़ में खेल रहे थे कि जसप्रीत बुमराह जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज़ की लगातार तीन गेंदों को उन्होंने बाउंड्री के पार भेजा, दो चौके और एक छक्के के लिए.
प्रियम गर्ग के बाद निकोलस पूरन ने 22 गेंदों पर दो चौके और तीन छक्के की मदद से 38 रन बनाए. मुंबई की ओर से रमनदीप सिंह ने तीन ओवरों में 20 रन देकर तीन विकेट लिए और हैदराबाद की पारी को 200 से पहले रोकने में अहम भूमिका निभायी.
जीत के लिए 194 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरे रोहित शर्मा और ईशान किशन ने मुंबई इंडियंस को शानदार शुरुआत दी. दोनों ने पहले 10 ओवरों में 89 रन जोड़े.
वाशिंगटन सुंदर ने रोहित शर्मा को 48 रनों पर पवेलियन भेजकर पहली कामयाबी दिलाई, अगले ही ओवर में उमरान मलिक ने ईशान किशन को 43 रनों पर पवेलियन भेज दिया.
उमरान की रफ़्तार
14 ओवरों में मुंबई के दो विकेट पर 123 रन थे. तिलक वर्मा और डेनिएल शम्स ने आते ही रन बटोरने शुरू कर दिए थे.
लेकिन हैदराबाद के स्पीड स्टार उमरान मलिक के इरादे कुछ और ही थे. 15वें ओवर की पहली ही गेंद पर उन्होंने अपनी तेज़ गति से तिलक वर्मा को छकाया, वर्मा उनकी गेंद को हवा में खेल गए और विलियम्सन ने एक आसान सा कैच लपक लिया.
मुंबई की टीम इस झटके से उबरती उससे पहले ही ओवर की आख़िरी गेंद पर फिर अपनी तेज़ रफ़्तार से उमरान ने डेनियल शम्स को चलता किया. शम्स का लगभग अविश्वसनीय सा कैच मिडविकेट पर प्रियम गर्ग ने लपका. उमरान को कप्तान ने इसके बाद गेंद ने थमाई लेकिन तीन ओवरों में 23 रन पर तीन विकेट झटक कर वे अपना काम पूरा कर चुके थे.
टिम डेविड ने आते ही नटराजन की लगातार दो गेंदों पर दो चौके जमाए और फिर एक ओवर में चार छक्के भी आए, लेकिन नटराजन ने जिस तरह से हिसाब चुकाया, उसे टिम डेविड लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे.
इस जीत के बाद तकनीकी तौर पर हैदराबाद के प्लेऑफ़ में पहुंचने की उम्मीद बाक़ी है.
सनराइजर्स हैदराबाद के 13 मैचों में अब 12 अंक हैं, ऐसे में आख़िरी मैच में जीत हासिल करके हैदराबाद 14 अंक तक पहुंच सकती है. हालांकि इसके लिए उसे दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर काफ़ी हद तक निर्भर रहना होगा.
वहीं दूसरी ओर हार के बाद इस सीज़न मुंबई इंडियंस के सबसे पिछले पायदान पर बने रहने की संभावना बढ़ गयी है. (bbc.com)
दिल्ली कैपिटल्स और पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ मुक़ाबला दोनों टीमों के लिए बेहद अहम था, जीत हासिल करने पर प्ले ऑफ़ में पहुंचने का दावा मज़बूत होना था.
लिहाजा दोनों टीमों का इरादा यहां ज़ोरदार प्रदर्शन करने का था. दोनों टीमें अपनी अपनी रणनीति को लेकर कितनी तैयारी के साथ उतरी हैं, इसकी झलक मैच के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर देखने को मिली.
पंजाब के कप्तान ने नए गेंद से गेंदबाज़ी की कमान, इस सीज़न में ज़ोरदार छक्के लगाने वाले बल्लेबाज़ और स्पिनर लियम लिविंगस्टोन को थमा दी.
उनको गेंदबाज़ी करते आते देख, नान स्ट्राइकर एंड पर खड़े डेविड वॉर्नर ने स्ट्राइक बदलने का फ़ैसला किया. पहले दाएं हाथ के सरफ़राज़ ख़ान स्ट्राइक पर थे. दाएं हाथ के बल्लेबाज़ की जगह बाएं हाथ के बल्लेबाज़ वॉर्नर को देखकर फ़ील्ड में भी बदलाव करना पड़ा.
लेकिन खेल का रोमांच यही है कि पहली ही गेंद पर डेविन वॉर्नर को अंदाज़ा नहीं रहा है कि गेंद धीमी आने वाली है और वे बैकवर्ड प्वाइंट पर कैच थमा गए. कुछ सेकेंड पहले लिए अपने फ़ैसले पर उन्हें अफ़सोस ज़रूर हुआ होगा.
धोनी ने किसे डेथ ओवर का बेहतरीन गेंदबाज़ बताया और बांधे तारीफ़ों के पुल
लेकिन सरफ़राज़ ख़ान के साथ मिचेल मार्श ने दिल्ली की पारी को संभालना जारी रखा. दूसरे ओवर में किगासो रबाडा जैसे तेज़ गेंदबाज़ की लगातार दो गेंदों पर छक्के जड़कर मार्श ने दिखाया कि वे पूरे फॉर्म में हैं.
इसके बाद बारी सरफ़राज़ की थी, अगले ओवर में सरफ़राज़ ने लगातार तीन गेंदों पर एक छक्का और दो चौके जमा दिए. सरफ़राज़ ख़ान 16 गेंद पर 32 रन बनाने के बाद अर्शदीप सिंह की गेंद पर आउट हुए. राहुल चाहर ने उनका बेहतरीन कैच लपका.
मिचेल मार्श की शानदार बल्लेबाज़ी
एक छोर पर दिल्ली के विकेट गिरने लगे थे लेकिन दूसरी छोर पर मिचेल मार्श जमे रहे. वॉर्नर के बाद लिविंगस्टोन ने ऋषभ पंत को अपना दूसरा शिकार बनाया. दिल्ली के कप्तान पंत महज सात रन बना सके.
इसके बाद लिविंगस्टोन ने रोमन पावेल को भी टिकने नहीं दिया. बल्लेबाज़ी से ख़ासी चर्चा बटोर चुके लिविंगस्टोर ने चार ओवरों में 27 रन देकर तीन विकेट चटकाए.
लेकिन मिचेल मार्श ने बल्लेबाज़ी के लिए मुश्किल पिच पर 48 गेंदों पर 63 रन बटोर कर दिल्ली के स्कोर को 150 के पार पहुंचा दिया. मार्श ने अपनी पारी में तीन छक्के और चार चौके जमाए.
मार्श ने स्पिन और तेज़, दोनों आक्रमण के सामने बेहतरीन खेल दिखाया. यही वजह रही है कि वे पूरे मैच के सबसे बड़े स्कोर साबित हुए.
IPL: रसेल ने बताया केकेआर की जीत के लिए वो क्या करते हैं?
अर्शदीप सिंह और किगासो रबाडा के अंतिम दो ओवर में दिल्ली की टीम महज 10 रन जोड़ सकी.
पंजाब के सामने जीत के लिए 159 रनों की चुनौती थी. फ़ॉर्म में चल रहे जॉनी बैरिस्टो और शिखर धवन ने पंजाब को तेज़ शुरुआत देने की कोशिश की. इसी कोशिश में जॉनी बैरिस्टो 15 गेंद पर 28 रन बनाकर आउट हुए.
छठे ओवर की पहली तीन गेंदों पर पंजाब के बल्लेबाज़ों ने दो चौके जमाए. 5.3 ओवरों में पंजाब का स्कोर एक विकेट पर 53 रन था और पंजाब की स्थिति बेहद मज़बूत दिख रही थी.
पंजाब की हार तय करने वाला स्पैल
ओवर की चौथी गेंद पर शार्दुल ठाकुर ने भानुका राजपक्षे को पवेलियन भेज दिया. पांचवीं गेंद पर लिविंगस्टोन ने एक रन लिया और छठी पर गेंद ठाकुर ने शिखर धवन का क़ीमती विकेट झटक लिया.
अगला ओवर फेंकने आए अक्षर पटेल ने तीसरी गेंद पर कप्तान मयंक अग्रवाल को क्लीन बोल्ड कर दिया. महज छह गेंद के भीतर पंजाब ने अपने तीन अहम विकेट गंवा दिए. यहीं से मैच का रुख़ बदलना शुरू हुआ.
हालांकि लिविंगस्टोन की मौजूदगी को देखते हुए पंजाब टीम की उम्मीदें बनी हुई थीं लेकिन अगले ही ओवर में कुलदीप यादव की स्पिन गेंद पर बुरी तरह चकमा खा गए लिविंगस्टोन और विकेट के पीछे पंत ने उन्हें स्टंप करने में कोई चूक नहीं की.
कुलदीप यादव ने इसके बाद हरप्रीत बरार को क्लीन बोल्ड किया. एक विकेट पर 53 रन से पंजाब का स्कोर 67 रन पर छह विकेट हो गया. यानी महज 14 रन के भीतर टीम के पांच अहम विकेट गिरे और इसके बाद पंजाब की टीम वापसी नहीं कर सकी.
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हालांकि युवा बल्लेबाज़ जितेश शर्मा ने संघर्ष पूरा दिखाया और एक समय ऐसा लगने लगा था कि वे टीम को जीत दिला सकते हैं. लेकिन शार्दुल ठाकुर की गेंद पर डेविड वॉर्नर ने एक बेहतरीन कैच लपक कर उनकी पारी पर विराम लगा दिया.
चौथे स्थान पर पहुंची दिल्ली
शर्मा ने 34 गेंदों पर दो छक्के और तीन चौकों की मदद से 44 रन बनाए. उनके आउट होने के बाद पंजाब की रही सही उम्मीदें भी ख़त्म हो गयीं. शार्दुल ठाकुर ने चार ओवरों में 36 रन देकर चार विकेट चटकाए और उन्हें मैन ऑफ़ द मैच आंका गया.
वहीं हार के बाद पंजाब के कप्तान मयंक अग्रवाल ने कहा भी, "पांच ओवर से लेकर दस ओवर के बीच हमारे कई विकेट गिरे और हम ये मैच हार गए."
इस जीत के बाद दिल्ली कैपिटल्स की टीम अंक तालिका में 14 अंकों के साथ चौथे स्थान पर आ गयी है. बैंगलोर के भी 14 अंक हैं. ऐसे में प्ले ऑफ़ की चौथी टीम बनने की होड़ में दोनों टीमें शामिल हैं.
कोलकाता और पंजाब की टीमें भी 12-12 अंकों के साथ इसी स्थान के लिए अभी भी होड़ में हैं.
20 अंकों के साथ गुजरात टाइटंस प्ले ऑफ़ में प्रवेश कर चुकी है. जबकि राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जाइंट्स 16-16 अंकों के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे पायदान पर बने हुए हैं.
दिल्ली कैपिटल्स का आख़िरी मुक़ाबला 21 मई को मुंबई इंडियंस के साथ होना है, जबकि अंतिम लीग मुक़ाबले के रूप में 22 मई को पंजाब किंग्स की टक्कर सनराइज़र्स हैदराबाद से होगी. (bbc.com)
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और अपनी तेज़ गति की गेंदबाज़ी के कारण रावलपिंडी एक्सप्रेस कहे जाने वाले शोएब अख़्तर ने भारत के नए तेज़ गेंदबाज़ उमरान मलिक की गति को लेकर अपनी राय रखी है. इस साल आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) के लिए खेल रहे उमरान मलिक अपनी गति को लेकर चर्चा में हैं. कई पूर्व क्रिकेटरों ने उन्हें भारतीय टीम में जगह देने की वकालत की है. अब शोएब अख़्तर ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में कहा है कि रिकॉर्ड तो टूटना ही चाहिए. उन्होंने कहा- मुझे ख़ुशी होगी अगर वे मेरा रिकॉर्ड तोड़ देंगे. लेकिन रिकॉर्ड तोड़ते-तोड़ते अपनी हड्डियाँ न तुड़वा बैठें. बस मेरी यही दुआ होगी कि वे फ़िट रहे और घायल न हों. शोएब अख़्तर ने कहा कि उमरान का एक्शन बहुत बढ़िया है. वो ऐसा कर सकते हैं. ये बीसीसीआई को सोचना है कि वो उनका कैसे इस्तेमाल करते हैं.
जम्मू के रहने वाले उमरान मलिक इस आईपीएल की खोज माने जा रहे हैं. उन्होंने इस आईपीएल में 157 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंकी है और कई बार 150 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार पार की है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज़ गेंद फेंकने का रिकॉर्ड शोएब अख़्तर के नाम है.
उन्होंने 2003 क्रिकेट विश्व कप में 161.3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंकी थी. दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के शॉन टेट हैं, जिनके नाम 161.1 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है. जबकि तीसरे नंबर पर हैं ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली. ब्रेट ली के नाम 160.8 किमी प्रति घंटे की गति से गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है. (bbc.com)
वि. कुमार
साल 1979 के उस शाम जब प्रकाश पादुकोण ने डेनमार्क के स्वेंद प्री से मात खाई तोभारतीय कैंप में दुख के साथ-साथ असीम गर्व की अनुभूति भी हुई. दरअसल प्रकाश पादुकोण की कप्तानी में भारतीय टीम ने बैटमिंटन के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट थॉमस कप के सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र पूरा किया था.
मलेशिया जैसी मज़बूत टीमों को हराकर भारतीय टीम सेमीफ़ाइनल में पंहुची थी जहां उन्हें एक उंची रैंक वाली टीम से हार मिली थी. भारतीय बैडमिंटन के लिए ये अबतक का सबसे गौरवशाली दिन था. 43 साल बाद भारतीय टीम एक बार फिर इतिहास बनाने की कगार पर थी. स्टेज वही थॉमस कप था, लेकिन इस बार एक पायदान ऊपर भारतीय टीम फ़ाइनल में शिरकत कर रही थी.
सेमीफ़ाइल में टीम इंडिया ने डेनमार्क को ही हराया था और दशकों पुराना इंतकाम पूरा हो गया था. लेकिन ये उससे भी बड़ी ट्रॉफ़ी जीतने की घड़ी थी और जैसे ही किदांबी श्रीकांत का स्मैश जॉनाथन क्रिस्टी के बांए ओर गिरा पूरा भारतीय कैंप 'भारत माता की जय' की बोल के साथ श्रीकांत को बधाई देने दौड़ पड़ा.
थॉमस कप को पुरुषों की बैडमिंटन का विश्व टीम चैंपियनशिप भी कहा जाता है. ये चैंपियनशिप सत्तर साल से भी अधिक वर्षों से चली आ रही है. भारत ने इंडोनेशिया को हराया था जो दशकों से विश्व की नंबर एक बैटमिंटन टीम मानी जाती रही है.
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इस जीत को आप इस तरह समझ सकते हैं कि मानो भारतीय फ़ुटबॉल टीम ने वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में ब्राज़ील को 3-0 से मात देकर ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा किया हो. या फिर डेविस कप के फ़ाइनल में भारत ने रोजर फ़ेडेरर वाली स्विट्ज़रलैंड को 3-0 से हराया दिया हो.
जीत की लहर बैंकॉक की इंम्पैक्ट एरिना से होते हुए हैदराबाद-दिल्ली-मुंबई की गलियों से गुज़रते हुए ट्विटर की ट्रेंड में शामिल हो गई. ज़ाहिर है, इलॉन मस्क को एक और केस स्टडी मिल गई होगी किस तरह ट्विटर पर इंसानी जज़्बात और दुर्दम जिजीविषा की कहानियां ट्रेंड होती हैं.
भारतीय टीम को पीएम मोदी से लेकर विराट कोहली तक ने बधाई संदेश भेजे और करोड़ों कैश प्राइज़ की घोषणाएं भी शुरु हो गई. 14-बार की थॉमस कप चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर इस युवा भारतीय टीम ने इतिहास में नाम लिखवा दिया था. इस ट्रॉफ़ी को जीतने वाला भारत छठा चैंपियन देश बना.
लेकिन 43 साल का ये सफ़र आसान नहीं रहा था. ज़रा नज़र डालते हैं उन चैंपियन खिलाड़ियों पर जिन्होंने भारत को ये अभूतपूर्वजीत दिलाई.
अल्मोड़ा में जन्में लक्ष्य सेन विजेता भारतीय टीम के सबसेयुवा मेम्बर थे. पूरे हफ़्ते उनका सामना उंची रैंक वाले खिलाड़ियों से होती रही और उनके मैच काफ़ी कठिन रहे. फ़ाइनल से पहले वो 3 मैच लगातार हार चुके थे और फ़ाइनल का पहला मैच भी उन्हें ही खेलना था. उनके सामने थे ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता एंथोनी गिन्टिंग.लक्ष्य ने पहला सेट 21-7 से गंवा दिया. लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास नहीं खोया और अगले दो सेटों में गिन्टिंग को हराकर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी.
पूर्व विश्व जूनियर नंबर वन लक्ष्य पिछले डेढ़ दशक में भारतीय बैडमिंटन की बढ़तीसाख की एक अहम कड़ी हैं. 2021 के सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने ब्रोंज़ जीता था और इसी साल ऑल इंग्लैंड में उन्हें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था.
सात्विक साईराज रानकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी टेनिस की भूपति-पेस जोड़ी के जैसी सफलता पाने के क़ाबिल है.जहां सात्विक दमदार स्मैश और पावर-गेम में भरोसा रखते हैं वहीं उत्साह और जोश से भरपूर चिराग पूरा कोर्ट कवर करने में सक्षम हैं और कभी हार ना मानने वाला जिगर रखते हैं.इन दोनों खिलाड़ियों ने इससे पहले इंडियन ओपन में डबल्स का खिताब जीता था. पिछले कुछ समय से ये जोड़ी मैच को करीब लाकर 20-18 के लीड पर भी हार जा रही थी.लेकिन फ़ाइनल के दिन उन्होंने पहला सेट हारकर भी वापसी की. मोहम्मद अहसान और केविन संजया की जानी-मानी जोड़ी के ख़िलाफ़ भारतीय पेयर ने 18-21, 23-21 , 21-19 से जीत हासिल की. इस जीत ने भारतीय टीम को अहम 2-0 की बढ़त दिला दी.
एच एस प्रणॉय
केरल के प्रणॉय को फ़ाइनलमें खेलने की बारी ही नहीं आई लेकिन भारत की इस जीत में उन्होंने शायद सबसे अहम रोल अदा किया. उन्होंने क्वार्टरफ़ाइनलऔर सेमीफ़ाइनल में क़रीबी मुक़ाबलों में भारत को जीत दिलाई.क्वार्टर-फ़ाइनल में उनका सामना मलेशिया के लियोंग जुन हाओ से था. प्रणॉय ने 21-13,21-8 से हाओ को हराया और भारत को कड़े मुक़ाबले में 3-2 से जीत दिलाई.
वहीं सेमीफ़ाइनल में भी भारत और डेनमार्क का स्कोर 2-2 की बराबरी पर था और आख़िरी मैच प्रणॉय को खेलना था. इस मैच में भी प्रणॉय ने शेरदिल प्रदर्शन दिखाया. वर्ल्ड नंबर 13 गेमके के विरुद्ध खेलते हुए प्रणॉय बीच कोर्ट में फिसल गए और एड़ी में चोट खा बैठे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मेडिकल टाइम आउट के बाद 13-21, 21-9, 21-12 से भारत को जीत दिला दी.
2018 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले प्रणॉय के लिए ये दो मैच उनकेजीवन के दो सर्वश्रेष्ठ मैच रहे.
फ़ाइनल में भारत ने 2-0 की बढ़त लेकर इंडोनेशिया को सकते मे ला दिया था. किदांबी श्रीकांत तीसरा मैच खेलरहे थे. श्रीकांत ने जोनाथन क्रिस्टी को अपना क्लास दिखाया और उन्हें 21-15, 23-21से हरा दिया और थॉमस कप भारत के नाम किया. भारतीय पुरुषों में मौजूदा दौर के सबसे सफल खिलाड़ी श्रीकांत वर्ल्ड चैंपियनशिप के अलावा कॉमनवेल्थ और एशियन चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीत चुके हैं.
अर्जुन अवार्ड विजेता श्रीकांत के लिए भी थॉमस कम जीतना उनकी सबसेबड़ी उपलब्धि है.
जिन गुरुओं ने रास्ता दिखाया
भारतीय बैडमिंटन की एक अच्छी परंपरा ये रही है कि सई सफल खिलाड़ी बाद में कोच की भूमिका में भी नज़र आएहैं. जिस खेल ने उन्हें सब कुछ दिया, वो उस खेल को कुछ वापस लौटाना चाहते हैं. चाहे वो प्रकाश पादुकोण हो, विमल कुमार या पी गोपीचंद - इन्होंनें बैडमिंटन अकादमी के ज़रिए कई युवाप्रतिभाओं को निखारा है. जहां किदांबी श्रीकांत, प्रणॉय और सात्विक गोपीचंद की अकादमी से हैं तो वहीं लक्ष्य सेन की कोचिंग पादुकोण अकादमी में हुई है. इन दोनों ने इनके अलावा दर्जनों भारतीय खिलाड़ियों की कोचिंग की है जिसकी वजह से बैडमिंटन में भारत काबेंच-स्ट्रेंथ विश्व -स्तर का हो गया है.
बैडमिंटन में भारत को व्यक्तिगत सफलता मिलती रही है. नंदू नाटेकर, प्रकाश पादुकोण,गोपीचंद, साइना नेहवाल, ज्वाला गुट्टा, पीवी सिंधु और मौजूदा टीम के सदस्यों ने अलग-अलग समय पर भारतीय तिरंगे को बुलंद किया है. विश्व की प्रतिस्पर्धाओं मेंभारतीय खिलाड़ियों को गंभीरता से लिये जाने लगा है, लेकिन ये पहली बार है जब भारत ने किसी टीम इवेंट में एक बड़ी सफलता हासिल की है. भारतीय बैडमिंटन के स्वर्णिम काल का आगाज़ हो गया है. (bbc.com)
-अभिजीत श्रीवास्तव
ऐसा शायद ही होता है कि महेंद्र सिंह धोनी की जुबान से किसी एक गेंदबाज़ की इतनी तारीफ़ें सुनने को मिलती हैं लेकिन गुजरात के ख़िलाफ़ मैच हारने के बाद जब ऐसा ही देखने को मिला तो उन सुनने वालों को ज़्यादा आश्चर्य भी नहीं हुआ होगा जिन्होंने इस मुक़ाबले को देखा.
ये गेंदबाज़ आईपीएल में डेब्यू कर रहा था.
मैच के दौरान धोनी ने जब उन्हें गेंद थमाई तो उनका ऐक्शन देख कर लोगों को लसिथ मलिंगा की याद ज़रूर आई होगी. इस गेंदबाज़ का ऐक्शन बिल्कुल मलिंगा से मेल खा रहा था.
धोनी मथीशा पथिराना की बात कर रहे थे जिन्होंने अपनी बॉलिंग ऐक्शन और आईपीएल करियर की पहली ही गेंद पर शुभमन गिल का विकेट लेकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. इतना ही नहीं पथिराना ने गुजरात के कप्तान हार्दिक पंड्या का विकेट भी लिया.
मैच के बाद धोनी बोले, "ये आखिरी ओवरों के ज़ोरदार गेंदबाज़ हैं. बहुत हद तक मलिंगा से मेल खाते हैं. उनके ऐक्शन के साथ ग़लतियों की गुंजाइश बहुत कम है. स्लिंग ऐक्शन (मलिंगा का ऐक्शन याद कीजिए) की वजह से उन्हें उछाल ज़्यादा नहीं मिलेगा और गेंद सीधी बल्ले पर नहीं आएगी."
धोनी ने बताया कि उनकी गेंदों को हिट करना क्यों मुश्किल होगा.
वे बोले, "इस ऐक्शन की वजह से बल्लेबाज़ आसानी से उनकी गेंद नहीं पढ़ सकेंगे. और उनके पास गेंद को धीमी डालने की कला भी है. तो आपको उन्हें बहुत सावधानी से लगातार देखते रहना होगा. इसका मतलब है कि आपको कुछ अतिरिक्त सेकेंड उनकी गेंद देखने में लगाना होगा और वे तेज़ गति से गेंद डालते हैं तो उनकी गेंदों को लगातार हिट करना बहुत मुश्किल होगा."
धोनी ने मुंबई के ख़िलाफ़ मैच हारने के बाद कहा था कि अगले सीज़न में चेन्नई सुपरकिंग्स में दो और नए तेज़ गेंदबाज़ आ रहे हैं, साथ ही कुछ और तेज़ गेंदबाज़ भी होंगे.
चेन्नई सुपर किंग्स का इस टूर्नामेंट में प्रदर्शन ख़राब रहा है. पिछले साल की चैंपियन इस बार प्लेऑफ़ से पहले ही बाहर है और 9वें पायदान पर खड़ी है.
चेन्नई के पास नए खिलाड़ियों की कमी की बात लगातार होती रही है. तो धोनी भी पिछले कुछ मैचों से ये बोलते आ रहे हैं कि नए खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है, और रविवार के मैच में ये दिखा भी जब टीम में नारायण जगदीशन, प्रशांत सोलंकी और मथीशा पथिराना को मौका दिया गया.
पथिराना ने जहां अपने 3.1 ओवरों में 24 रन देकर दो विकेट लिए वहीं जगदीशन ने 33 गेंदों पर नाबाद 39 रनों की पारी खेली तो प्रशांत सोलंकी ने अपनी लेगब्रेक स्पिन गेंदबाज़ी से बल्लेबाज़ों को रन नहीं बनाने दिए. सोलंकी ने अपने चार ओवरों में केवल 18 रन ही बनने दिए.
मैच के बाद टीम में नए खिलाड़ियों को मौका देने पर धोनी बोले, "हम लोगों को मौका देने की कोशिश कर रहे हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि अच्छी अंतिम एकादश बने और आने वाले मैच में भी ऐसा ही करने की कोशिश रहेगी."
दिन के पहले मैच में पॉइंट टेबल के लीडर गुजरात टाइटंस ने आसानी से चेन्नई सुपर किंग्स को सात विकेट से हरा दिया और टूर्नामेंट में अपनी 10वीं जीत दर्ज की.
चेन्नई ने चार बदलाव किए और नए खिलाड़ियों को मौका दिया. लेकिन टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फ़ैसला सही नहीं रहा क्योंकि उसके पांच ही खिलाड़ी आउट हुए लेकिन पिच पर रहने के बावजूद रन नहीं बना सके.
हालांकि उसके अनुभवी ऋतुराज गायकवाड़ ने अर्धशतक जड़ा और 53 रन बनाए लेकिन इसके लिए भी उन्होंने 49 गेंदें लीं. ये भी तब जब मोइन अली ने एक छोटी लेकिन तेज़ पारी खेली और रन रेट को पॉवरप्ले के दौरान अच्छी गति दे रखी थी.
चेन्नई की बल्लेबाज़ी के दौरान कुछ ऐसे मौके देखे गए जब दो रन दौड़ कर लिए जा सकते थे लेकिन बल्लेबाज़ों ने सिर्फ़ एक रन लेना ही बेहतर समझा.
इसकी वजह गर्मी को मान सकते हैं क्योंकि टॉस जीतने के बाद बैटिंग लेते हुए धोनी ने भी कहा था कि बल्लेबाज़ी का फ़ैसला गर्मी में धूप से खिलाड़ियों को बचाने के लिए लिया गया है.
गर्मी के बावजूद गुजरात के गेंदबाज़ों ने पहले गेंदबाज़ी की, अपना पसीना बहाते रहे और चेन्नई के खिलाड़ियों के रन बनाने पर अंकुश लगाने में कामयाब रहे.
शमी-साहा बने गेमचेंजर
गुजरात की ओर से गेंदबाज़ी की बागडोर मोहम्मद शमी ने संभाली. उनकी शुरुआती गेंदें ऋतुराज गायकवाड़ और डेवो कॉनवे के लिए खेलना आसान नहीं थे. पहली ओवर में अपनी गेंद से कॉनवे को बीट कर चुके कॉनवे ने दूसरी ओवर की पहली ही गेंद पर कॉनवे को आउट कर चेन्नई की राह को मुश्किल बना दिया.
इसके बाद जब ऋतुराज गायकवाड़ और नारायण जगदीशन की साझेदारी जमने लगी तो उसे तोड़ने की कोशिश में शमी को गेंद थमाई गई. मैच के चौदहवें ओवर में शमी ने विकेट तो नहीं लिया लेकिन इन दोनों बल्लेबाज़ों की रन गति पर अंकुश ज़रूर लगाया.
इसके बाद शमी ने मैच का आखिरी ओवर डाला और सामने थे महेंद्र सिंह धोनी. शमी ने यहां भी कमाल की गेंदबाज़ी की.
शमी ने पहले धोनी का विकेट लिया और फिर कोई बाउंड्री नहीं बनने दिया और उनके इस आखिरी ओवर में केवल छह रन ही बने.
मैच के बाद शमी ने बताया कि आखिर वो ऐसा क्या कर रहे थे कि चेन्नई के बल्लेबाज़ रन नहीं बना पा रहे थे. वे बोले, "दोपहर के मैच में गेंद को सही लेंथ पर लगातार डालने की ज़रूरत होती है. लेंथ बॉल पर रन बनाना आसान नहीं होता. हमने अपनी योजना के मुताबिक काम किया और यह कामयाब भी रहा."
मैच में दो विकेटों के साथ ही शमी अब पर्पल कैप (सबसे अधिक विकेट लेने) की रेस में 11वें से चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं. शमी के आईपीएल 2022 में अब तक 18 विकेटें हैं.
चेन्नई के 133 रन के जवाब में जब गुजरात ने अपनी पारी शुरू की तो रिद्धिमान साहा ने एक छोर संभाल लिया और अंत तक आउट हुए बग़ैर 57 गेंदों पर 67 रन बनाए.
मैच में दो कैच और बल्ले से मैच जिताउ पारी खेलने के लिए साहा 'मैन ऑफ़ द मैच' चुने गए.
मैच के बाद साहा बोले कि "हम एक टीम की तरह खेल रहे हैं और सभी इसमें बराबर योगदान दे रहे हैं."
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए राजस्थान की पारी में बटलर का विकेट जल्दी गिर गया. लेकिन उसके बाद राजस्थान की टीम का जो भी खिलाड़ी बल्ला लेकर निकला उसने रन बनाए. राजस्थान की इस पारी में केवल बटलर (02 रन) ही ऐसे खिलाड़ी रहे जिसने ईकाई अंक में रन बनाए.
यहां यशस्वी जायसवाल की तारीफ़ करनी होगी. बटलर के आउट होने के बाद वे एक छोर से लगातार तेज़ गति से रन बना रहे थे.
क्रिकेट बुक की हर शॉट आजमा रहे थे और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ के शॉट्स देख कर एक वक़्त तो युवराज सिंह याद आ गए.
29 गेंदों में 41 रनों की पारी में 20 वर्षीय यशस्वी जायसवाल ने छह चौके और एक छक्का लगाया.
वहीं अंतिम ओवरों में ट्रेंट बोल्ट ने 9 गेंदों पर नाबाद 17 रन बनाए. बोल्ट ने साथ ही बेहद किफायती गेंदबाज़ी भी की और दो विकेट भी लिए.
फिर गेंद से लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर लखनऊ पर ऐसा दबाव बनाया जिससे वो उबर ही नहीं सका. अपने चार ओवरों में बोल्ट ने केवल 18 रन दिए.
32 वर्षीय कीवी तेज़ गेंदबाज़ ट्रेंट बोल्ट को उनके ऑलराउड प्रदर्शन के लिए 'मैन ऑफ़ द मैच' चुना गया.
मैच के बाद संजू सैमसन ने कहा, "हमारे पास अच्छा बैटिंग ऑर्डर है. क्वालिटी प्लेयर्स हैं और वो अपना काम बखूबी कर रहे हैं."
दीपक हुडा को मिली तारीफ़
लखनऊ मैच तो नहीं जीत सका लेकिन उसके मध्यक्रम के बल्लेबाज़ दीपक हुडा के अर्धशतक बनाया और साथ ही दिग्गज़ क्रिकेटरों की प्रशंसा बटोरी.
मैच के दौरान कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने उनकी तारीफ़ करते हुए कहा, "बीते कुछ वर्षों में उनमें अपनी क्रिकेट को लेकर आत्मविश्वास बढ़ा है. वे पूरा प्रयास करते हैं. मैच के हर सेकेंड अपना योगदान देने का प्रयास करते हैं."
अपनी अर्धशतकीय पारी के दौरान हुडा ऑरेज कैप की रेस में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए 406 रनों के साथ चौथे पायदान पर आ गए हैं.
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर मौजूद अपने कप्तान केएल राहुल से वो इस रेस में केवल 63 रन पीछे हैं तो तीसरे स्थान पर डेविड वॉर्नर से महज 21 रनों का फासला है.
2015 से आईपीएल में खेल रहे दीपक हुडा का प्रदर्शन 2020 के आखिरी मैच से पहले तक औसत ही था. लेकिन 2020 के आखिरी मैच में चेन्नई के ख़िलाफ़ उन्होंने जब 30 गेंदों पर 62 रनों की नाबाद पारी खेली उसके बाद से वो नज़रों में आने लगे.
फिर साल 2021 के आईपीएल के पहले मैच में ही उन्होंने शुरुआत अर्धशतक से की. राजस्थान के ख़िलाफ़ 28 गेंदों पर 64 रन बनाए.
ये सिलसिला इस साल भी जारी रहा और पहले मैच में गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ उन्होंने अर्धशतक बनाया.
अब तक इस टूर्नामेंट में चार अर्धशतकों की मदद से 406 रन बना चुके हैं.
लखनऊ को नंबर दो से हटाया, अब राजस्थान नंबर दो पर
इस जीत के साथ ही पॉइंट टेबल में भी राजस्थान ने लखनऊ को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है. हालांकि दोनों टीमों के एक समान 16 अंक हैं लेकिन नेट रन रेट के आधार पर लखनऊ अब तीसरे पायदान पर खिसक गया है.
इस मैच से पहले लखनऊ पॉइंट टेबल में नंबर-2 पर था और राजस्थान नंबर तीन पर. तो पॉइंट टेबल के लिहाज से दोनों के लिए यह मैच अहम था. जहां लखनऊ को जीत के साथ प्लेऑफ़ का टिकट मिलता वहीं राजस्थान के लिए दो अहम अंक के साथ लखनऊ की बराबरी का मौका.
राजस्थान और लखनऊ के बीच मैच के दौरान कैमरामैन ने चांद की तस्वीर ली. अमेरिकी स्पेस एजेंसी के मुताबिक15-16 मई 2022 को इस वर्ष का पहला चंद्र गहण है. इस चंद्र ग्रहण के दौरान दुनिया के कई हिस्सों में ब्लड मून दिखाई देगा. बताया गया है कि चंद्र ग्रहण के दौरान कई बार चांद पूरी तरह लाल भी दिखाई देगा. इसे ब्लड मून कहते हैं. हालांकि भारत में के लोग ब्लड मून नहीं देख पाएंगे. लेकिन कुछ हिस्सों में, ज़्यादातर पूर्वी भारत के लोग केवल आंशिक चंद्र ग्रहण के अंतिम क्षणों को देख सकेंगे.
प्लेऑफ़ मैं कौन कौन सी टीमों के पहुंचने की संभावना?
16 मई, 2022 (सोमवार): पंजाब किंग्स vs दिल्ली कैपिटल्स
17 मई, 2022 (मंगलवार): मुंबई इंडियंस vs सनराइज़र्स हैदराबाद
18 मई, 2022 (बुधवार): कोलकाता नाइट राइडर्स vs लखनऊ सुपरजायंट्स
19 मई, 2022 (गुरुवार): रॉयल चैलेंज़र्स बैंगलोर vs गुजरात टाइटंस
20 मई, 2022 (शुक्रवार): चेन्नई सुपरकिंग्स vs राजस्थान रॉयल्स
21 मई, 2022 (शनिवार) मुंबई इंडियंस vs दिल्ली कैपिटल्स
22 मई, 2022 (रविवार): पंजाब किंग्स vs सनराइज़र्स हैदराबाद
प्लेऑफ़ से पहले अब केवल सात मैच खेले जाने हैं. पंजाब और दिल्ली के बीच सोमवार को होने वाले मुक़ाबले में जो टीम जीतेगी, प्लेऑफ़ में पहुंचने की उसकी संभावना बढ़ जाएगी. अगर इनमें से कोई एक टीम आगे होने वाले दोनों मैच जीत गई तो उसका प्लेऑफ़ में पहुंचना लगभग तय हो जाएगा. हालांकि गुरुवार को बैंगलोर ने अगर गुजरात को हरा दिया तो उसके भी 16 अंक हो जाएंगे. लेकिन नेट रन रेट के आधार पर वह पिछड़ सकती है.
ठीक इसी तरह अगर दिल्ली और पंजाब ने अपने एक-एक मैच जीते लेकिन बैंगलोर ने गुजरात को हरा दिया तो उसके 16 अंक हो जाएंगे और अंकों के आधार पर वो अगले दौर में पहुंच सकती है. (bbc.com)
किदाम्बी श्रीकांत की अगुआई वाली भारतीय पुरुष टीम ने पहली बार थॉमस कप जीतकर इतिहास रच दिया.
भारतीय दल ने पहली बार फ़ाइनल में स्थान बनाने के साथ कप पर भारत का नाम दर्ज करा दिया.
भारतीय टीम ने फाइनल में सबसे ज़्यादा 14 बार खिताब जीतने वाले इंडोनेशिया को पहले तीन मैचों में हराकर ख़िताब जीत लिया.
भारतीय खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने तीसरे मुक़ाबले के दूसरे गेम में 22-21 के स्कोर पर जब दाहिनी तरफ स्मैश लगाया तो स्टेडियम ही नहीं दुनिया भर में भारतीय बैडमिंटन प्रेमी में खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
श्रीकांत के विजयी अंक लेते ही भारतीय खिलाड़ी और कोच सहित उसका पूरे स्टाफ ने कोर्ट में दौड़कर इस टाई के हीरो किदाम्बी श्रीकांत को घेर लिया. (bbc.com)
ऋतुराज गायकवाड़ के अर्धशतक और टूर्नामेंट में पहला मैच खेल रहे तमिलनाडु के बल्लेबाज़ नारायण जगदीशन के महत्वपूर्ण नाबाद 39 रनों की बदौलत चेन्नई सुपर किंग्स ने गुजरात टाइटंस के सामने जीत के लिए 132 रनों का लक्ष्य रखा है.
चेन्नई की शुरुआत अच्छी नहीं रही. सलामी बल्लेबाज़ डेवोन कॉनवे केवल 5 रन बनाकर तीसरे ओवर में आउट हो गए.
इसके बाद मोइन अली और ऋतुराज गायकवाड़ ने अर्धशतकीय साझेदारी निभाई. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 39 गेंदों पर 57 रन जोड़े.
65 रन के स्कोर पर मोइन अली 21 रन बना कर आउट हुए. मैच के 16वें ओवर में आउट होने से पहले ऋतुराज गायकवाड़ ने अपना अर्धशतक पूरा किया.
तीसरे विकेट के लिए जगदीशन और गायकवाड़ ने 48 रनों की साझेदारी की.
वहीं मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने 10 गेंदों पर 7 रन बनाए.
चेन्नई ने 20 ओवरों में पांच विकेट पर 131 रन बनाए.
गुजरात की ओर से मोहम्मद शमी ने दो जबकि राशिद ख़ान, अल्ज़ारी जोसेफ और रविश्रीनिवासन साई किशोर ने एक-एक विकेट लिए.
शमी ने न केवल धोनी और कॉनवे को आउट किया बल्कि अपने चार ओवरों में 4.75 की इकोनॉमी से केवल 19 रन दिए.
चेन्नई ने इस मैच में चार बदलाव किए हैं.
उथप्पा, ब्रैवो, तीक्षणा और रायडू को टीम में शामिल नहीं किया गया है, उनकी जगह जगदीशन, प्रशांत सोलंकी, सैंटनर और मथीशा पाथीराना को अंतिम एकादश में मौका दिया गया है.
वहीं गुजरात ने अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया है. (bbc.com)
हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैच में आंद्रे रसेल फिर गेम चेंजर बने. बड़ी जीत मिली तो केकेआर का नेट रन रेट भी बेहतर हुआ.
इस पारी को बनाने, संवारने और उसे मुक़ाम तक पहुंचाने के आर्किटेक्ट रहे सैम बिलिंग और आंद्रे रसेल.
कोलकाता की बल्लेबाज़ी के दौरान दोनों ने छठे विकेट के लिए 44 गेंदों पर 63 रन जोड़े और टीम का स्कोर 157 पर ले गए. बिलिंग ने 34 रन बनाए तो रसेल ने 28 गेंदों पर नाबाद 49 रन बनाए.
आखिरी ओवर में रसेल ने तीन छक्के लगाए जिससे कोलकाता का स्कोर 177 पर पहुंच गया.
रसेल ने इस आईपीएल में अब तक 330 रन बनाए हैं और 17 विकेटें भी ली हैं.
प्लेऑफ़ के लिहाज़ से कोलकाता को मिली इस महत्वपूर्ण जीत में आंद्रे रसेल का बड़ा योगदान रहा. रसेल जब भी पिच पर आते हैं, केकेआर के लिए बड़ा योगदान देते हैं. (bbc.com)
केएल राहुल ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2013 में अपने ही शहर की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से की थी. हालांकि अगले ही साल वो सनराइज़र्स हैदराबाद चले गए. वहां दो साल रहने के बावजूद राहुल कुछ ख़ास नहीं कर पाए.
जब वो वापस फिर से 2016 में बैंगलोर में लौटे तब उन्होंने दिखाया कि वो भविष्य के स्टार भी बन सकते हैं. उस सीज़न में राहुल अपनी टीम के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले टॉप तीन खिलाड़ियों में शुमार थे. इसके बावजूद 2018 सीज़न के लिए बैंगलोर ने उन्हें रिटेन नहीं किया.
इस बात के कयास लगाए गए थे कि कप्तान कोहली को राहुल की बल्लेबाज़ी शैली टी20 की मार-धाड़ वाली शैली के अनुरूप नहीं जंची. इस बात का ज़िक्र ख़ुद कोहली ने इस साल एक पॉडकास्ट में किया.
कोहली ने माना कि राहुल ने अपनी बल्लेबाज़ी में ज़बरदस्त तरीके का बदलाव लाया है, जिसकी उम्मीद शुरुआत में उन्हें नहीं दिखी थी. (bbc.com)
-विमल कुमार
केएल राहुल ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2013 में अपने ही शहर की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से की थी. हालांकि अगले ही साल वो सनराइज़र्स हैदराबाद चले गए. वहां दो साल रहने के बावजूद राहुल कुछ ख़ास नहीं कर पाए.
जब वो वापस फिर से 2016 में बैंगलोर में लौटे तब उन्होंने दिखाया कि वो भविष्य के स्टार भी बन सकते हैं. उस सीज़न में राहुल अपनी टीम के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले टॉप तीन खिलाड़ियों में शुमार थे. इसके बावजूद 2018 सीज़न के लिए बैंगलोर ने उन्हें रिटेन नहीं किया.
इस बात के कयास लगाए गए थे कि कप्तान कोहली को राहुल की बल्लेबाज़ी शैली टी20 की मार-धाड़ वाली शैली के अनुरूप नहीं जंची. इस बात का ज़िक्र ख़ुद कोहली ने इस साल एक पॉडकास्ट में किया.
कोहली ने माना कि राहुल ने अपनी बल्लेबाज़ी में ज़बरदस्त तरीके का बदलाव लाया है, जिसकी उम्मीद शुरुआत में उन्हें नहीं दिखी थी.
2018 के बाद से अलग अंदाज़ में हैं राहुल
लेकिन, 2018 में जब से राहुल ने पंजाब के लिए खेलना शुरू किया तो उसके बाद से ही वो एक अलग ही अंदाज़ में दिखने लगे हैं. अगले 4 साल तक राहुल ने हर बार अपनी टीम के लिए 500 से ज़्यादा रन बनाए. ऐसा कमाल एक दौर में सिर्फ़ सुरेश रैना ही अपने पराक्रम के दौर में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए कर पाए थे.
जिस राहुल ने आईपीएल के छठे साल से ही खेलना शुरू किया, वो आज इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले टॉप 15 खिलाड़ियों में शामिल हो चुके हैं. इस साल भी राहुल से ज़्यादा रन सिर्फ़ इंग्लैंड और राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर ने बनाए हैं.
अगर राहुल हर सीज़न-500 रन वाला फॉर्म अगले साल भी बरकरार रखने में कामयाब होते हैं, तो जल्द ही वो गौतम गंभीर, अंबाती रायडू, शेन वॉटसन और अंजिक्य रहाणे को पछाड़ते हुए सर्वकालिक टॉप 10 में भी शामिल हो सकते हैं.
सिर्फ एक दशक तक आईपीएल में खेलने के बाद टॉप 10 की फ़ेहरिस्त में शामिल होना, किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए किसी सपने के सच होने से कम नहीं हो सकता.
लेकिन, राहुल के सपने छोटे नहीं हैं. जिस खिलाड़ी के पिता ने उनका नाम ही एक महान खिलाड़ी (द्रविड़) के सम्मान में रख दिया, तो समझ सकते हैं कि कैसे उम्मीदों के दबाव से निपटना इस बल्लेबाज़ को ख़ूब आता है.
टीम इंडिया के भविष्य के कप्तान
राहुल से उम्मीद की जा रही है कि वो भविष्य में टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट के कप्तान होंगे. इसलिए इस साल के शुरुआत में जब कोहली साउथ अफ्रीका के लिए दूसरे टेस्ट मैच में कप्तानी नहीं कर पाए तो अचानक ही ये ज़िम्मेदारी केएल राहुल को मिली.
राहुल ने उस मैच में अपनी कप्तानी से हालांकि सबको बहुत ज़्यादा प्रभावित तो नहीं किया, लेकिन लखनऊ सुपरजाएंट्स के मालिक संजीव गोयनका और टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर को राहुल की लीडरशीप योग्यता पर भरोसा था. यही वजह है कि उन्हें कप्तानी दी गयी और गुजरात टाइटंस के बाद प्लेऑफ़ के लिए क्वालिफाई करने वाली लखनऊ दूसरी टीम बन गयी.
अब भला ये किसने सोचा होगा कि पंजाब के लिए दो साल तक कप्तान के तौर पर जूझने वाले राहुल अचानक ही पहले सीज़न में ही लखनऊ को प्लेऑफ में ले जाएंगे और अब तो ये मुमकिन है कि वो चैंपियनशिप भी दिला दें.
लेकिन, ये सब यूं ही नहीं हुआ. राहुल को जब कप्तानी मिली तो इस साल की नीलामी में उनकी क्रिकेट सोच देखने को मिली. राहुल हर हाल में क्विंटन डि कॉक को विकेटकीपर बल्लेबाज़ के तौर पर शामिल करना चाहते थे और किया भी. इसका फायदा उन्हें इस सीज़न में मिला.
ऐसा माना जाता है कि राहुल ने टीम मैनेजमेंट से गुज़ारिश की थी कि चयन के दौरान ज़ोर ऑलराउंडर पर रहे. भारतीय या विदेशी कोई भी चलेगा. राहुल को ऑलराउंडर के अतीत की साख की परवाह भी नहीं थी, वरना एक साथ क्रुणाल पंड्या, दीपक हुडा, कृष्णप्पा गौतम और जेसन होल्डर को कोई टीम शामिल नहीं करती.
इतना ही नहीं राहुल ने मेंटोर गंभीर और कोच एंडी फ्लावर को ये कहने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई कि उन्हें भारतीय पिचों के लिए भी एक्सप्रेस तेज़ गेंदबाज़ चाहिए. इसलिए आवेश ख़ान, दुश्मंत चमीरा और मार्क वुड पर टीम ने मुंहबोली क़ीमत लगाई. इंग्लैंड के वुड अनफिट होने के चलते इस साल नहीं खेल पाए, लेकिन ख़ान और चमीरा को लेग स्पिनर रवि बिश्नोई का साथ मिलने से टीम की समस्या हल हुई है.
कप्तान राहुल के साथ साथ सुपरजाएंट्स की कामयाबी की एक अहम वजह कोचिंग स्टाफ़ में विजय दहिया और ज़िंबाब्वे के पूर्व कप्तान और इंग्लैंड के पूर्व कोच फ्लावर का होना भी अहम रहा है. ये दोनों लो-प्रोफ़ाइल कोच हैं और पर्दे के पीछे बख़ूबी ढंग से काम करते हुए कप्तान और टीम का भार कम करते हैं.
दहिया जो दो दशक से भी ज़्यादा समय तक गंभीर के साथ जुड़े रहे हैं और जो कोलकाता नाइट राइडर्स जैसी चैंपियन टीम का दो बार हिस्सा रहे हैं, उन्होंने भी काफ़ी होमवर्क किया है. आयूष बदोनी और मोहसिन ख़ान जैसे युवाओं को खोजने में और टीम में लाकर निखारने में दहिया ने अहम किरदार निभाया है.
बावजूद इसके अगर ये टीम फ़ाइनल में नहीं पहुंचती है और ट्रॉफी नहीं जीत पाती है, तो राहुल को निजी तौर पर काफ़ी मायूसी हो सकती है. क्योंकि मालिक गोयनका ने तो 2017 में पुणे सुपरजाएंट्स को आईपीएल ट्रॉफ़ी को लगभग जीतते देख लिया था. राहुल और लखनऊ के लिए चुनौतियों का दौर अब शुरू होता है.
फ़िलहाल सबसे कामयाब 10 बल्लेबाज़ों में तो राहुल, क्विंटन डि कॉक और हुडा हैं. हालांकि टॉप 10 के बाद की जो फ़ेहरिस्त शुरू होती है, वहां से टॉप 45 तक लखनऊ का कोई बल्लेबाज़ नहीं है.
ये साफ़ दिखाता है कि इन तीनों के अलावा बाक़ी बल्लेबाज़ों ने निराश ही किया है और टूर्नामेंट के बिज़नेस एंड में मार्कस स्टॉनिस, मनीष पांडे और युवा बदोनी से उम्मीदें बढ़ेंगी.
बल्लेबाज़ी के मुकाबले गेंदबाज़ों ने एक यूनिट के तौर पर ज़्यादा बेहतर खेल दिखाया है. इसलिए 2022 के टॉप 40 गेंदबाज़ों की सूची में से आधे दर्जन लखनऊ के हैं.
चलते-चलते आख़िर में एक बात और राहुल के बारे में. इस बार भी कुछ मैचों में राहुल के स्ट्राइक रेट को लेकर सवाल उठे हैं, लेकिन आंकड़े ये बताते हैं कि लखनऊ के लिए सबसे ज़्यादा छक्के कप्तान ने ही लगाए हैं.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने कुछ ही हफ्ते पहले कहा था कि राहुल जिस तरीके से परिपक्व हुए हैं, ये बात उनकी उम्र को झुठलाती है. पीटरसन का ये भी कहना था मौजूदा समय में वो राहुल को दुनिया के टॉप 3 बल्लेबाज़ों में मानते हैं.
ये बिल्कुल आसान नहीं होता कि आप जिस भी टीम के लिए खेलें, उसी टीम के लिए 500 से ज़्यादा रन बना डालें. राहुल अपने ऊपर न तो नई टीम, न नीलामी की राशि और न ही किसी तरह के दबाव का असर होने देते हैं.
इस बात ने उन्हें और उनकी टीम को फ़िलहाल आईपीएल में कामयाबी दिलाई है. यदि वो ऐसा ही प्रदर्शन जारी रखते हैं तो फ्रैंचाइज़ी की ये सफलता वो टीम इंडिया के लिए भी दोहरा सकते हैं. (bbc.com)
नवी मुंबई, 12 मई। रविचंद्रन अश्विन इंडियन प्रीमियर लीग के वर्तमान सत्र में अपनी गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में भी कमाल दिखा रहे हैं जिसका श्रेय उन्होंने सत्र की शुरुआत में बल्लेबाजी के कड़े अभ्यास को दिया क्योंकि राजस्थान रॉयल्स ने इस ऑफ स्पिनर को पहले ही बता दिया था कि उन्हें शीर्ष क्रम में भेजा जा सकता है।
अश्विन ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ बुधवार को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 38 गेंदों पर 50 रन की पारी खेली, हालांकि उनकी टीम को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा।
अश्विन ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘सत्र से पहले ही मुझे बता दिया गया था कि बल्लेबाज के रूप में मुझे ऊपरी क्रम में भेजा जाएगा। हमने कुछ अभ्यास मैच भी खेले थे जिनमें मैंने पारी की शुरुआत की थी।’’
इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘‘मैंने अपनी बल्लेबाजी पर काफी मेहनत की और इसलिए यह देखकर अच्छा लग रहा है कि मुझे उसका फायदा मिल रहा है।’’
आईपीएल से पहले किये गये अभ्यास के बारे में अश्विन ने कहा, ‘‘मैं सत्र के शुरू होने से पहले ही बल्लेबाजी में अच्छी लय में था। मैंने बल्लेबाजी पर थोड़ा मेहनत की, अपनी तकनीक में थोड़ा बदलाव किया। अर्धशतकीय पारी खेलकर अच्छा लग रहा है लेकिन यह टीम को जीत नहीं दिला पाया।’’
रॉयल्स के अभी 12 मैचों में 14 अंक हैं और वह तीसरे स्थान पर है जबकि दिल्ली इतने ही मैचों में 12 अंक लेकर पांचवें स्थान पर है।
दिल्ली की जीत में मिशेल मार्श ने अहम भूमिका निभायी। मार्श ने पहले तीन ओवर में 25 रन देकर दो विकेट लिये और बाद में 89 रन की धमाकेदार पारी खेली। उनके अलावा डेविड वार्नर ने 52 रन बनाये।
मार्श ने कहा, ‘पावरप्ले में गेंद स्विंग कर रही थी, इसलिए जब से मैंने टी20 क्रिकेट खेलना शुरू किया है तब से मेरे लिये यह सबसे मुश्किल पावरप्ले था।’’
उन्होंने आस्ट्रेलिया के अपने साथी वार्नर की भी प्रशंसा की।
मार्श ने कहा, ‘‘मुझे डेवी (वार्नर) के साथ बल्लेबाजी करना अच्छा लगता है। हमने काफी अच्छी साझेदारियां की हैं।’’ (भाषा)
-अभिजीत श्रीवास्तव
क्रिकेट दिलचस्प खेल है. मैदान पर गाहे बगाहे ऐसी चीज़ें हो जाती हैं, जिनसे न केवल वहाँ खेल रहे खिलाड़ियों, उसे देख रहे दर्शकों, लाखों चाहने वाले और इसके दिग्गजों के भी होश उड़ जाते हैं और फिर छिड़ती है एक बहस.
कुछ ऐसा ही हुआ जब दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच बुधवार को आईपीएल का मुक़ाबला खेला गया.
वैसे तो मैच कमोबेश एकतरफ़ा ही रहा. राजस्थान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 160 रन बनाए जिसे दिल्ली ने आसानी से आठ विकेट और 11 गेंद रहते जीत लिया. लेकिन मैदान में एक ऐसी घटना भी हुई, जिसने एक बार फिर क्रिकेट के नियमों में बदलाव की ज़रूरत की ओर इशारा किया.
ये वाक़या है दिल्ली की बल्लेबाज़ी के वक़्त मैच के 9वें ओवर के दौरान का. यह ओवर (सबसे अधिक विकेट लेने वाले को मिलने वाले) पर्पल कैप की रेस में सबसे आगे चल रहे युजवेंद्र चहल डाल रहे थे.
यह चहल का पहला ही ओवर था. राजस्थान के कप्तान ने आठवें ओवर तक अपने इस चैंपियन को गेंद नहीं दी थी.
9वें ओवर में चहल की गेंद पर वॉर्नर ने छक्का जड़ा, फिर लॉन्ग ऑफ़ पर ऊंची शॉट खेली जो जॉस बटलर के कुछ आगे गिरी. वॉर्नर कैच आउट होने से बचे.
इसी ओवर की आखिरी गेंद पर वॉर्नर चकमा खा गए. गेंद स्टंप्स से टकरा कर पीछे गई, लाइट भी जली लेकिन बेल्स नहीं गिरे.
कमेंटेटर्स ने कहा कि ये तो बोल्ड हैं, लेकिन बेल्स नहीं गिरीं तो क्रिकेट के नियमों के मुताबिक़ वॉर्नर आउट नहीं दिए गए.
उठे सवाल
टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर चुके क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने ट्वीट किया, "क्या बेल्स के गिरने का इंतज़ार करना चाहिए या गेंद जब स्ट्ंप्स पर लगी है तो आउट दिया जाना चाहिए, चाहे बेल्स गिरे हों या नहीं?"
इरफ़ान ने दो सवाल रखे.
"पहला विकल्पः बेल्स का विकेट से गिरना ज़रूरी है."
"दूसरा विकल्पः गेंद स्टंप्स से टकराई है. इसका मतलब बल्लेबाज़ आउट है."
इरफ़ान के उठाए इस सवाल पर कई जवाब मिले. उनमें से अधिकतर का ये कहना था कि "बेल्स नहीं गिरे और बल्लेबाज़ आउट नहीं दिए गए. अगर ये गेंद बल्लेबाज़ के पैड पर लगती और एलबीडब्ल्यू का अपील किया जाता तो क्या वे आउट नहीं दिए जाते?
या फिर मान लीजिए कि अंपायर उसे एलबीडब्ल्यू आउट नहीं देते और फील्डिंग कर रहे कप्तान उसे रिव्यू के लिए कहते... तो क्या बॉल ट्रैकिंग में ये दिखता नहीं कि गेंद विकेट पर लग रही है?
ऐसी परिस्थिति में जब बल्लेबाज़ (यहाँ वॉर्नर) को आउट दिया जाता, तो विकेट की लाइटें जल उठने के बावजूद वॉर्नर आउट क्यों नहीं दिए गए.
वहीं एक यूज़र ने लिखा, यही वजह है कि हम लाइट बेल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. यानी, अगर गेंद विकेट से जा लगी है तो यह अंपायर को तो दिखेगा. तो उसे (बल्लेबाज़) को आउट दिया जाना चाहिए था.
तो एक यूज़र ने ये भी लिखा कि अगर विकेट से लगी गेंद पर आउट दिया जाना चाहिए तो क्या बेल्स केवल विकेट की शोभा बढ़ाने के लिए ही हैं?
गेंद विकेट पर लगने के बाद भी वॉर्नर के नॉट आउट रहने पर जहाँ एक तरफ़ सोशल मीडिया का बाज़ार गरम था तो चर्चा ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक को लेकर भी हुई.
दरअसल, बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर आईपीएल में ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक के प्रदर्शन को लेकर चर्चा चल रही है.
बुधवार को दिल्ली की बल्लेबाज़ी के दौरान मिशेल मार्श के आउट होने पर कप्तान ऋषभ पंत क्रीज़ पर आए और केवल 4 गेंदों पर दो छक्के समेत 13 रन बना दिए. इस दौरान पंत ने टी20 में अपने 4,000 रन भी पूरे किए.
पंत की इस पारी के बाद एक बार फिर सोशल मीडिया पर उनकी और डीके की चर्चा शुरू हो गई.
दरअसल, बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर आईपीएल-15 में दिनेश कार्तिक की जबरदस्त बल्लेबाज़ी और ऋषभ पंत के सामान्य प्रदर्शन की चर्चा हो रही है.
सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा है कि इस साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में पंत की जगह दिनेश कार्तिक को मौक़ा दिया जाना चाहिए.
इस आईपीएल में दिनेश कार्तिक आख़िरी ओवरों में तेज़ खेलने की भूमिका में हैं और इसे बख़ूबी निभा भी रहे हैं.
कार्तिक ने अब तक 12 मैचों में 68.50 की औसत से 274 रन बनाए हैं तो 200 का उनका स्ट्राइक रेट (इस आईपीएल में 100 रन से अधिक बना चुके) किसी भी बल्लेबाज़ की तुलना में अधिक है.
वहीं पंत ने 12 मैचों में 32.67 की औसत से 188 रन बनाए हैं और 156.38 के स्ट्राइक रेट से खेल रहे हैं.
इस आईपीएल में कार्तिक ने 34 गेंदों पर नाबाद 66 रन, 14 गेंदों पर नाबाद 32 रन, 14 गेंदों पर 34 रन, दो गेंदों पर सात रन तो 8 गेंदों पर नाबाद 30 रन जैसी अहम पारियां खेली हैं.
मार्श-वॉर्नर की रिकॉर्ड साझेदारी
दिल्ली ने जब अपनी बल्लेबाज़ी शुरू की तो उसका पहला विकेट शून्य पर गिर गया. लेकिन यहाँ से वो साझेदारी शुरू हुई जिसने दिल्ली को आसान जीत दिला दी.
एक छोर से डेविड वॉर्नर तो दूसरे छोर से मिशेल मार्श पिच पर डट गए.
दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 144 रन की साझेदारी हुई, जो इस आईपीएल में दिल्ली के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का नया रिकॉर्ड है.
यह वॉर्नर का सीज़न में पांचवा अर्धशतक है तो मिशेल मार्श के लिए पहली फ़िफ़्टी. मार्श 62 गेंदों पर 89 रन बनाकर आउट हुए.
एक यूज़र ने लिखा, "मिशेल मार्श आने वाले टी20 वर्ल्ड कप में बहुत ख़तरनाक हो सकते हैं. उनके बैटिंग स्टाइल ऑस्ट्रेलियाई पिचों के लिए उपयुक्त हैं. वे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत दिख रहे हैं."
क्रिकेटर वसीम जाफ़र ने लिखा, "फ़र्क नहीं पड़ता है कि आप शुरुआत (13 गेंद पर 5 रन) कैसे करते हैं, फ़र्क इससे पड़ता है कि आप अंत (62 गेंदों पर 89 रन) कैसे करते हैं. बढ़िया खेले मिशेल मार्श."
अश्विन का यह आईपीएल में पहला अर्धशतक है. ख़ास बात यह है कि अश्विन तीसरे नंबर पर भेजे गए थे और उन्होंने अपना किरदार बखूबी निभाया.
दिल्ली की जीत पर टर्बनेटर हरभजन सिंह ने भी दिल्ली को बधाई दी और जीत की गति को बरकरार रखने को कहा.
मुंबई टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है आखिरी पायदान पर चल रही है तो चेन्नई भी एक स्थान ऊपर 9वें पर है.
आलम ये है कि मुंबई इंडियंस टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं तो चेन्नई के लिए प्लेऑफ़ की संभावना अभी बनी हुई है लेकिन उसके लिए उसे अपने सभी मैच जीतने होंगे, जिसमें मुंबई के ख़िलाफ़ खेला जाने वाला ये मैच भी शामिल है. (bbc.com)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 10 मई। छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित अंडर-23 प्लेड क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब महासमुंद ने अपने नाम किया है। जानकारी अनुसार फाइनल मैच में महासमुंद की टीम ने कोरबा का मात दी है।
मालूम हो कि महासमुंद जिला क्रिकेट संघ ने भिलाई में हुए तीन दिवसीय फाइनल मैच में कोरबा जिला क्रिकेट को एकतरफा मुकाबले में हराते हुए ये जीत हासिल की। महासमुंद जिला क्रिकेट संघ की तरफ से फाइनल मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अविनाश राय ने 243 रन की बड़ी पारी खेली। गेंदबाजी में महासमुंद की ओर से अनुराग साहू ने 4 विकेट और प्रशांत सिंह ने 3 विकेट हासिल कर महासमुंद को आसान जीत दिलाई।
मालूम हो कि इससे पहले महासमुंद ने दंतेवाड़ा, कांकेर, सरगुजा जिला क्रिकेट संघ को हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। इस प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर महासमुंद जिला क्रिकेट संघ के अविनाश राय रहे। उन्होंने पूरी प्रतियोगिता के 4 मैच में 522 रन बनाए। वहीं प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर महासमुंद के कप्तान अनुराग साहू रहे। अनुराग ने 4 मैच में 442 रन बनाए। सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में महासमुंद के प्रशांत सिंह दूसरे स्थान पर रहे और उन्होंने प्रतियोगिता में कुल 22 विकेट हासिल की। इस जीत के साथ महासमुंद ने छत्तीसगढ़ स्टेट संघ द्वारा आयोजित एलिड प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है। महासमुंद जिला क्रिकेट संघ की अंडर-23 टीम की इस जीत पर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष शशांक मोघे, सचिव विनोद शर्मा, कोषाध्यक्ष सलीम क़ुरैशी, चयनकर्ता राजेश शर्मा, आनंद कामदार और तुषार चौहान, एनआईएस क्रिकेट कोच शबाब कुरैशी और तृपेश साहू ने हर्ष जताया है।
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया और पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी के बीच ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है. हाल ही में भारतीय मीडिया के साथ इंटरव्यू में दानिश कनेरिया ने शाहिद अफ़रीदी पर आरोप लगाया था कि हिंदू होने के कारण उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था. दानिश कनेरिया ने ये भी आरोप लगाया कि अफ़रीदी ने उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डाला. लेकिन अफ़रीदी ने दानिश कनेरिया के आरोपों को ख़ारिज किया और कहा कि दानिश कनेरिया ने स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में देश को अपमानित किया और इसी के कारण उनका क्रिकेट करियर भी ख़त्म हो गया.
स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में कनेरिया पर गंभीर आरोप लगे थे. शाहिद अफ़ीरीदी ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और पैसा बनाने के लिए कनेरिया उन पर आरोप लगा रहे हैं. अफ़रीदी ने ये भी कहा था कि दानिश कनेरिया हमारे दुश्मन देश को इंटरव्यू दे रहे हैं, जिसकी वजह से धार्मिक भावनाएँ भड़क सकती हैं. अब दानिश कनेरिया ने अफ़रीदी की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है. कनेरिया ने कहा- भारत हमारा दुश्मन नहीं है. हमारे दुश्मन वो हैं, जो धर्म के नाम पर लोगों को भड़काते हैं. अगर आप भारत को दुश्मन मानते हैं, तो फिर किसी भारतीय मीडिया चैनल पर कभी मत जाइए. (bbc.com)
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज़ युवराज सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि 2007 में वे कप्तान बनने वाले थे, लेकिन बीसीसीआई के कुछ अधिकारी उन्हें कप्तान बनने देना नहीं चाहते थे. उन्होंने आगे कहा कि शायद इसी वजह से वे टीम के कप्तान नहीं बन पाए.
न्यूज़18 समूह की नई लॉन्च हुई स्पोर्ट्स वेबसाइट 'स्पोर्ट्स18' के लिए पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर से हुई बातचीत में उन्होंने यह बात कही.
इस इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया, 'जब मुझे कप्तान बनना था तभी ग्रेग चैपल वाली घटना घटी. उस समय पूरा माहौल चैपल या सचिन में बंट गया था. मैं शायद अकेला खिलाड़ी था, जिसने सचिन का समर्थन किया था. बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों को शायद ये पसंद नहीं आया होगा.''
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मुझे नहीं पता कि ये कितना सच है. सहवाग सीनियर थे लेकिन इंग्लैंड दौरे पर वे टीम में नहीं थे. मैं वनडे टीम का उप कप्तान था जबकि राहुल द्रविड़ कप्तान. द्रविड़ के हटने के बाद कप्तान मुझे बनना था, लेकिन माही को कप्तान बना दिया गया.'
और क्या कहा युवी ने
युवराज सिंह ने आगे कहा, 'कुछ समय बाद मैंने सोचा कि माही कप्तानी में वाक़ई बहुत बढ़िया हैं. वो शायद वनडे में टीम का नेतृत्व करने वाले सबसे सही इंसान थे. उसके बाद मैं बहुत चोटिल रहने लगा. यदि मैं कप्तान बन भी जाता तो टीम से बाहर जाना पड़ता. चोटों का मेरे शरीर पर असर रहने लगा.'
उनके अनुसार, 'जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है. उन्हें कप्तान न बनने का कोई अफ़सोस नहीं है. यह बहुत बड़ा सम्मान होता है. लेकिन मैं हमेशा अपने टीम मेट का साथ दूंगा. यदि उनके चरित्र के बारे में कुछ बुरा कहा जाए तो मैं अपने टीम मेट के लिए खड़ा हो जाउंगा.'
मालूम हो कि 2007 के वनडे विश्वकप में टीम की क़रारी हार के बाद तब के कप्तान राहुल द्रविड़ ने अपना पद छोड़ दिया था. उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी ने टीम की कमान संभाली थी. समय के साथ धोनी रिकॉर्ड के लिहाज़ से भारतीय क्रिकेट के सफल कप्तानों में शामिल हुए.
ग्रेग चैपल 2005 से 2007 के बीच टीम इंडिया के कोच थे. उसी दौरान चैपल का सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर सहित कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ विवाद हुआ. बाद में सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि चैपल जिस तरह से टीम को संभाल रहे थे, उससे टीम के सीनियर खिलाड़ी असहमत थे. (bbc.com)
(अमनप्रीत सिंह)
नयी दिल्ली, 6 मई। हांगजो एशियाई खेलों के स्थगित होने से बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल जैसे खिलाड़ियों को फिर मौका मिलेगा लेकिन टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और तीरंदाज तरूणदीप राय के हाथों से संभवत: बहु खेलों वाली प्रतियोगिता में भारत का आखिरी बार प्रतिनिधित्व करने का मौका निकल गया है।
खेलों के स्थगित होने का व्यक्तिगत खिलाड़ियों और टीम पर अलग अलग असर पड़ेगा।
व्यक्तिगत खिलाड़ियों की बात करें तो दुनिया की शीर्ष 15 खिलाड़ियों की सूची से बाहर साइना ने राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों के राष्ट्रीय चयन ट्रायल में हिस्सा नहीं लिया था क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के बीच अपने शरीर पर और अधिक मुकाबलों का बोझ नहीं डालना चाहती थी।
राष्ट्रमंडल खेलों और नई तारीखों पर होने वाले एशियाई खेलों के बीच अंतर बढ़ने से साइना को अब भारतीय टीम में जगह बनाने और एशियाई खेलों में पदक जीतने का एक और मौका मिल सकता है बशर्ते राष्ट्रीय महासंघ खेलों के समीप आने पर उनकी फॉर्म पर विचार करे।
पैंतीस साल की सानिया पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि 2022 उनका अंतिम सत्र होगा। भारत की सबसे सफल टेनिस खिलाड़ी सानिया को अब आकलन करना होगा कि क्या वह अपने करियर को कुछ महीने और खींचना चाहती हैं या नहीं।
इसी तरह तीन बार के ओलंपियन और 2010 ग्वांझू एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता राय ने एशियाई खेलों के बाद सितंबर में संन्यास की योजना बनाई थी लेकिन वह भी अब भ्रम की स्थिति में हैं।
राय ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह मेरे लिए बड़ा झटका है। मैं 38 बरस का हो चुका हूं और इस साल एशियाई खेलों के बाद संन्यास लेने की योजना बना रहा था। यह मेरी तैयारियों को बड़ा झटका है। मुझे लग रहा था कि पिछले साल ओलंपिक की निराशा के बाद मैं दोबारा अपने करियर में शीर्ष पर पहुंच रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हाल में अंताल्या में पहली बार विश्व कप में मिश्रित स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता (रिद्धि फोर के साथ मिलकर)। सब कुछ योजना के अनुसार हो रहा था और अब मुझे फिर योजना पर विचार करना होगा। मुझे अपने कोच और परिवार के साथ सलाह मशविरा करके फैसला करना होगा।’’
ट्रैक एवं फील्ड में सीमा पूनिया (चक्का फेंक में कांस्य पदक), मनजीत सिंह (800 मीटर में स्वर्ण पदक), जिनसन जॉनसन (1500 मीटर में स्वर्ण पदक) और एमआर पूवम्मा (चार गुणा 400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक) ने 2018 जकार्ता खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया।
इनमें से सीमा 38 जबकि मनजीत 32 साल के हैं। जॉनसन और पूवम्मा 31 साल के हैं। जॉनसन अगर फिट होते हैं तो हांगजो खेलों में खेल सकते हैं लेकिन अगर खेलों का आयोजन 2023 में होता है तो बढ़ती उम्र के कारण सीमा और पूवम्मा के लिए मुश्किल होगी।
एथलेटिक्स ने एशियाई खेलों में हमेशा भारत को काफी पदक दिलाए हैं। भारत ने अपने कुल 672 पदक में से 254 एथलेटिक्स में जीते हैं।
जकार्ता एशियाई खेलों में भारत के 70 पदक में से 20 पदक (आठ स्वर्ण, नौ रजत और तीन कांस्य) एथलेटिक्स में आए थे।
कुल मिलाकर व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं की तैयारी प्रभावित होंगी क्योंकि सभी ने बड़ी प्रतियोगिताओं के समीप अपना शीर्ष स्तर हासिल करने के अनुसार ट्रेनिंग और टूर्नामेंट का कार्यक्रम तय किया है।
एशियाई खेलों के स्थगित होने से हालांकि कुछ राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की दुविधा खत्म होगी क्योंकि वे एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के बीच कम समय होने के कारण दोनों में अलग टीम भेजने की योजना बना रहे थे।
हॉकी इंडिया अब दोनों प्रतियोगिताओं में अपनी शीर्ष टीम उतार सकता है जिससे पदक की संभावना बढ़ेगी। हॉकी इंडिया ने इससे पहले बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी दूसरे दर्जे की टीम जबकि हांगजो में शीर्ष टीम भेजने का फैसला किया था क्योंकि यह 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों की क्वालीफाइंग प्रतियोगिता भी है। हॉकी टीम के अलावा एकल टेनिस खिलाड़ी भी हांगजो में स्वर्ण पदक के साथ ओलंपिक में जगह बना सकते हैं।
हॉकी टीम को एशियाई खेलों के स्थगित होने से तैयारी का अधिक मौका होगा। भारत की पुरुष हॉकी टीम ने एशियाई खेलों में पिछली बार स्वर्ण पदक 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में जीता था जबकि महिला टीम ने 1982 में पिछली बार यह उपलब्धि हासिल की थी।
ट्रैक एवं फील्ड के खिलाड़ियों के लिए भी एशियाई खेलों का स्थगित होना राहत की खबर है क्योंकि उन्हें व्यस्त कार्यक्रम के बीच एक टूर्नामेंट कम खेलना होगा।
खिलाड़ियों का ध्यान अब अमेरिका के युगेन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप (15 से 24 जुलाई) और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से आठ अगस्त) पर रहेगा।
इसी तरह डेविस कप खिलाड़ी भी राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि अब एशियाई खेलों की तारीख नॉर्वे के खिलाफ उसकी सरजमीं पर होने वाले टेनिस मुकाबले (16-17 सितंबर या 17-18 सितंबर) के साथ नहीं टकराएगी और अखिल भारतीय टेनिस संघ दोनों प्रतियोगिताओं में अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम उतार सकता है।
एशियाई खेलों के स्थगित होने का हालांकि वित्तीय असर होगा क्योंकि भारत सरकार ने खिलाड़ियों की तैयारी पर अपनी योजनाओं के जरिए काफी खर्चा किया है। अब सरकारी अधिकारियों को एनएसएफ अधिकारियों के साथ बैठकर चर्चा करनी होगी कि राष्ट्रीय शिविर में विस्तार करने की जरूरत है या नहीं और क्या खिलाड़ियों के लिए विदेशी ट्रेनिंग सह प्रतियोगिता दौरों की जरूरत है।
सरकार के इस तरह के आग्रह से इनकार करने की संभावना नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर इससे अधिक बोझ पड़ेगा। (भाषा)
मैड्रिड, 6 मई। चैंपियन्स लीग सेमीफाइनल में रीयाल मैड्रिड की मैनचेस्टर सिटी के खिलाफ संघर्षपूर्ण जीत का गवाह बनने के एक दिन बाद राफेल नडाल को टेनिस कोर्ट पर अपनी पसंदीदा फुटबॉल टीम की तरह जुझारूपन दिखाना पड़ा।
रीयाल मैड्रिड ने जहां अंतिम क्षणों में दो गोल करके मैच को अतिरिक्त समय तक खींचा और फिर जीत दर्ज की, नडाल ने भी मैड्रिड ओपन टेनिस टूर्नामेंट में डेविड गोफिन के खिलाफ चार मैच प्वाइंट बचाकर जीत हासिल की और क्वार्टर फाइनल में जगह बनायी।
विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज नडाल ने तीन घंटे से अधिक समय तक चले मैच में गोफिन को 6-3, 5-7, 7-6 (9) से हराया। उनका अगला मुकाबला हमवतन स्पेनिश कार्लोस अलकारेज से होगा जिन्होंने कैमरन नोरी को 6-4, 6-7 (4), 6-3 से हराकर अपना 19वां जन्मदिन मनाया।
यह नडाल के करियर की 1,050वीं जीत है। इससे पहले एंडी मर्रे ने पेट में परेशानी के कारण नोवाक जोकोविच के खिलाफ मैच से नाम वापस ले लिया।
जोकोविच इस तरह से कोर्ट पर उतरे बिना ही क्वार्टर फाइनल में पहुंच गये जहां उनका सामना 12वीं वरीयता प्राप्त ह्यूबर्ट हर्काज से होगा, जिन्होंने क्वालीफायर दुसान लाजोविच को 7-5, 6-3 से पराजित किया।
सर्बिया ओपन के फाइनल में जोकोविच को हराने वाले आंद्रे रुबलेव ने डेनियल इवांस को 7-6 (7), 7-5 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
रुबलेव का अगला मुकाबला चौथी वरीयता प्राप्त स्टेफनोस सिटसिपास से होगा, जिन्होंने ग्रेगोर दिमित्रोव पर 6-3, 6-4 से आसान जीत दर्ज की।
गत चैंपियन अलेक्सांद्र ज्वेरेव ने क्वालीफायर लोरेंजो मुसेट्टी के बायीं जांघ में चोट के कारण हटने से अगले दौर में प्रवेश किया। जब मुसेट्टी ने हटने का फैसला किया तब ज्वेरेव 6-3, 1-0 से आगे चल रहे थे।
महिला वर्ग के सेमीफाइनल में आठवीं वरीयता प्राप्त ओन्स जबूर ने क्वालीफायर एकातेरिना अलेक्जेंड्रोवा को केवल एक घंटे में 6-2, 6-3 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
खिताबी मुकाबले में वह 12वीं वरीयता प्राप्त अमेरिकी जेसिका पेगुला से भिड़ेंगी, जिन्होंने जिल टेकमैन को 6-3, 6-4 से पराजित किया। (एपी)
मुंबई, 6 मई। आईपीएल-15 में अब तक बल्लेबाजी क्रम में विभिन्न नंबरों पर खेलने वाले रोवमैन पॉवेल ने कप्तान ऋषभ पंत से उन पर पांचवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में भरोसा दिखाने के लिये कहा था और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स की जीत के दौरान उन्होंने अपने पसंदीदा स्थान पर उतरकर धमाकेदार पारी खेली।
पॉवेल ने गुरुवार को यहां 35 गेंदों में नाबाद 67 रन बनाये तथा डेविड वार्नर (नाबाद 92) के साथ शतकीय साझेदारी की जिससे दिल्ली ने यह मैच 21 रन से जीता।
पॉवेल ने मैच के बाद मेजबान प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘मैंने उनसे (पंत) कहा कि पांचवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में मुझ पर भरोसा रखें। मुझे शुरुआत करने का मौका दें। पहली 15-20 गेंदों को समझने दें। मैं इसी तरह से बल्लेबाजी करना चाहता हूं। पहली 20 गेंदों के बाद मैं उसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करूंगा।’’
उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आईपीएल में खेलने से पहले मुझे पता था कि मैं अच्छी फॉर्म में हूं। मैं जानता था कि मैंने कड़ी मेहनत की है।’’
इस 28 वर्षीय ऑलराउंडर ने इंडियन प्रीमियर लीग में छठे नंबर के बल्लेबाज के रूप में शुरुआत की। इसके बाद वह दो मैचों में पांचवें नंबर पर उतरे लेकिन फिर से उन्हें छठे नंबर पर भेज दिया गया। जब उन्हें आठवें नंबर पर भेजा गया तो वह काफी निराश थे।
पॉवेल ने कहा, ‘‘आईपीएल के शुरू में मेरे लिये थोड़ा मुश्किल था लेकिन मुझे खुद पर विश्वास था। मैंने ऋषभ के साथ बातचीत की। उन्हें बताया कि मैं आठवें नंबर पर उतरने से थोड़ा निराश था।’’
सनराइजर्स के खिलाफ पॉवेल ने आखिरी ओवर में लंबे शॉट खेले जिससे वार्नर को शतक पूरा करने का मौका नहीं मिला।
पॉवेल ने अंतिम ओवर को लेकर वार्नर से बातचीत के बारे में कहा, ‘‘ओवर के शुरू में मैंने उनसे कहा कि क्या आप चाहते हो कि मैं एक रन लूं जिससे आप शतक पूरा कर सको। उन्होंने कहा, सुनो क्रिकेट ऐसा नहीं खेला जाता है। आपको अधिक से अधिक लंबे शॉट खेलने का प्रयास करना चाहिए और मैंने ऐसा किया।’’ (भाषा)
मैड्रिड, 5 मई। रियाल मैड्रिड ने बुधवार को यहां मैनचेस्टर सिटी को सेमीफाइनल के दूसरे चरण में 3-1 से हराकर कुल 6-5 के स्कोर से चैम्पियंस लीग के फाइनल में प्रवेश किया जहां 28 मई को उसका सामना लिवरपूल से होगा।
मैनचेस्टर सिटी ने सेमीफाइनल के दूसरे चरण में 13 बार की यूरोपीय चैम्पियन पर 1-0 की बढ़त बनायी हुई थी।
पर रियाल मैड्रिड ने शानदार वापसी की जिसमें स्थानापन्न रोड्रिगो ने अंत में दो मिनट में दो गोल कर दिये और मैनचेस्टर यूनाईटेड को 3-1 से शिकस्त दी।
रियाल मैड्रिड की इस सत्र में पिछली वापसी के नायक रहे करीम बेंजेमा ने अतिरिक्त समय में पेनल्टी किक को निर्णायक गोल में तब्दील किया। पहले सेमीफाइनल में रियाल मैड्रिड को 3-4 से हार का सामना करना पड़ा था जिससे बेंजेमा के निर्णायक गोल से टीम 6-5 से जीत दर्ज करने में सफल रही और 28 मई को पेरिस में लिवरपूल से भिड़ेगी।
मैड्रिड ने 2018 के फाइनल में भी लिवरपूल को हराया था जिससे स्पेनिश क्लब ने रिकॉर्ड 13वां खिताब अपनी झोली में डाला था।
वहीं मैनेचस्टर सिटी की पहली चैम्पियंस ट्राफी हासिल करने की उम्मीद भी टूट गयी। पेप गुआर्डियोला की टीम पिछले साल फाइनल में चेल्सी से हार गयी थी।
उसके लिये मैच में एकमात्र गोल रियाद मेहरेज ने 73वें मिनट में करके बढ़त दिला दी थी।
लेकिन ब्राजीली फॉरवर्ड रोड्रिगो ने 90वें और अगले मिनट में दो गोल कर रियाल मैड्रिड को आगे कर दिया।
इसके बाद बेंजेमा ने 95वें मिनट में पेनल्टी किक को गोल में बदलकर अपनी टीम को जीत दिलायी। यह बेंजेमा का इस सत्र का 15वां चैम्पियंस लीग गोल था और नॉकआउट चरण में यह उनका 10वां गोल था। (एपी)
पुणे, 3 मई। चेन्नई सुपर किंग्स को अपनी कमजोर गेंदबाजी में और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को अपनी लचर बल्लेबाजी में सुधार करना होगा जब खराब फॉर्म से जूझ रही दो दिग्गज टीमें आईपीएल के महत्वपूर्ण मुकाबले में बुधवार को आमने सामने होंगी ।
क्रिकेट में दो मजबूत और फॉर्म में चल रही टीमों का मुकाबला रोचक रहता है लेकिन जब ऐसे दो दिग्गज सामने हैं जिनकी कमजोर कड़ियां जगजाहिर है तो मुकाबला और दिलचस्प रहेगा ।
अब तक दस मैचों में आरसीबी के लिये छह ही अर्धशतक बन सके हैं जिनमें से दो कप्तान फाफ डु प्लेसी ने बनाये हैं ।इससे साबित होता है कि उसकी बल्लेबाजी किस स्तर की रही है ।
वहीं चेन्नई ने अभी तक नौ मैच खेले हैं और उसके किसी भी गेंदबाज की किफायत दर 7.50 प्रति ओवर से कम नहीं रही है । महेश तीक्षणा ने 7 . 54 की औसत से गेंदबाजी की है जबकि ड्वेन ब्रावो और मुकेश चौधरी का औसत क्रमश: 8.73 और 9.82 रहा है ।
पिछले मैच में विराट कोहली के अर्धशतक के बाद यह मैच और रोमांचक होगा । वहीं महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई की कमान फिर संभालने के बाद जीत दर्ज की है तो यह भी देखना होगा कि क्या वह जीत की लय कायम रख पाते हैं ।
खराब फॉर्म से जूझ रहे रविंद्र जडेजा के कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी को फिर कमान सौंपी गई जिसके बाद सीएसके ने सनराइजर्स हैदराबाद को हराया । हैदराबाद के नौ मैचों में छह अंक है ।
आरसीबी के नौ मैचों में दस अंक है और वह पांचवें स्थान पर है हालांकि उसे लगातार तीन मैचों में पराजय झेलनी पड़ी ।
आरसीबी ने सत्र का न्यूनतम स्कोर 68 रन अपने नाम किया और एक अन्य मैच में 145 रन के आसान लक्ष्य का पीछा नहीं कर सके ।
गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में कोहली ने 53 गेंद में 58 रन बनाये लेकिन उनकी टीम 170 रन ही बना सकी जो बल्लेबाजों की मददगार पिच पर कम स्कोर था ।
कोहली ने दस मैचों में 186 और डु प्लेसी ने नौ मैचों में 278 रन बनाये हैं । दोनों हालांकि अपने चिर परिचित फॉर्म में नहीं है । कोहली ने 58 रन बनाने में करीब नौ ओवर लिये जिससे उनकी टीम बड़ा स्कोर बनाने से चूक गई ।
दिनेश कार्तिक (दस मैचों में 218 रन) और ग्लेन मैक्सवेल (सात मैचों में 157 रन) को और प्रयास करने होंगे । अब उनका सामना कमजोर गेंदबाजी आक्रमण से है । चेन्नई के चौधरी या सिमरजीत सिंह के पास अनुभव नहीं है तो अनुभवी जडेजा बहुत खराब दौर से जूझ रहे हैं ।
टीमें :
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर: विराट कोहली, ग्लेन मैक्सवेल, मोहम्मद सिराज, फाफ डुप्लेसी, हर्षल पटेल, वानिंदु हसरंगा, दिनेश कार्तिक, जोश हेजलवुड, शाहबाज अहमद, अनुज रावत, आकाश दीप, महिपाल लोमरोर, फिन एलन, शेरफेन रदरफोर्ड, जेसन बेहरेनडॉर्फ, सुयश प्रभुदेसाई, चामा मिलिंद, अनीश्वर गौतम, कर्ण शर्मा, डेविड विली, रजत पाटीदार, सिद्धार्थ कौल।
चेन्नई सुपर किंग्स:
महेंद्र सिंह धोनी, रविंद्र जडेजा (कप्तान), मोइन अली, रुतुराज गायकवाड़, ड्वेन ब्रावो, दीपक चाहर, अंबाती रायडू, रॉबिन उथप्पा, मिशेल सेंटनर, क्रिस जॉर्डन, एडम मिल्ने, डेवोन कॉनवे, शिवम दुबे , ड्वेन प्रिटोरियस, महेश तीक्ष्णा, राजवर्धन हैंगरगेकर, तुषार देशपांडे, केएम आसिफ, सी हरि निशांत, एन जगदीसन, सुब्रंशु सेनापति, के भगत वर्मा, प्रशांत सोलंकी, सिमरजीत सिंह, मुकेश चौधरी।
मैच भारतीय समयानुसार शाम साढ़े सात बजे से शुरू होगा। (भाषा)
आईपीएल 15 में चेन्नई सुपर किंग्स का सामना हैदराबाद से हो रहा है. इस मैच में चेन्नई के सलामी बल्लेबाज़ रुतुराज गायकवाड़ ने एक बार फिर से फॉर्म में वापसी के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने इस मैच में 99 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने सचिन तेंदुलकर के एक बड़े रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है.
सचिन के इस रिकॉर्ड की बराबरी
उन्होंने आईपीएल करियर में 1000 रन पूरे कर लिए हैं. उन्होंने 31वीं पारी में इस उपलब्धि को हासिल किया. इसके साथ वो सचिन के साथ सबसे जल्दी 1000 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बन गए हैं. गायकवाड़ ने CSK के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना (34 पारियों), देवदत्त पडिक्कल (35), ऋषभ पंत (35), गौतम गंभीर (36), रोहित शर्मा, एमएस धोनी और अजिंक्य रहाणे (37) को पीछे छोड़ दिया है.
शतक से चुके गायकवाड़
हैदराबाद के खिलाफ मुकाबले में गायकवाड़ शतक बनाने से चूक गए. उन्होंने इस मैच में 57 गेंदों में 99 रन की पारी खेली. इस दौरान 6 चौके और 6 छक्के लगाए. ये उनका इस सीजन में दूसरा अर्धशतक है.
चेन्नई ने खड़ा किया मजबूत स्कोर
गायकवाड़ (99) और डेवोन कॉनवे (नाबाद 85) की विस्फोटक बल्लेबाजी के कारण महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले जा रहे आईपीएल 2022 के 46वें मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके)ने सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) को 203 रनों का विशाल लक्ष्य दिया. चेन्नई ने 20 ओवरों में 2 विकेट खोकर 202 रन बनाए. टीम की ओर से गायकवाड़ और कॉनवे ने 107 गेंदों में 182 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की.
(एजेंसी)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 मई। टारगेट बाल नेशनल प्रतियोगिता फेडरेशन कप खेलने गई छग की गल्र्स टीम ने प्रथम राउंड में तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश तीनों टीमों को हराकर सेमीफाईनल में जगह बनाई। जिसमें रिंकी सिंग (शुटर), साक्षी (डायमंड) प्रज्ञा मिश्रा, रिमझिम मिश्रा, सुलेखा टोप्पो, खुशबु, (सरगुजा), योगिता यादव राजनांदगांव के प्रयास से ही सेमीफाइनल राउंड में पहुंच पाए। सेमीफाईनल मैच तामिलनाडु सेे हुआ। तामिलनाडु को 13-1 से हराकर टीम फाईनल राउंड में पहुंची। फाईनल राउंड मैच उत्तरप्रदेश के साथ खेला गया जो कि 5-6 के अंतर से छत्तीसगढ़ की टीम दूसरे स्थान पर रही, परन्तु फाईनल मैच के अंतिम समय तक छत्तीसगढ़ की गल्र्स टीम ताबड़तोड़ मैच जीतने भरसक प्रयास करती रही। इस प्रकार सिल्वर मैडल जीतकर दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफल रही।
उक्त जानकारी देते टारगेट बाल छग राज्य के जनरल सेक्रेटरी सुनील नागदौने ने बताया कि मथुरा में आयोजित नेशनल टूर्नामेंट में सबसे बड़ी खासियत यह रही कि सेमीफाइनल राउंड पहुंचने के पहले तक तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश तीनों टीमों को अपनेे विरूद्ध एक भी गोल नहीं करने दिया गया। सरगुजा जिले के टारगेटबाल के सेक्रेटरी राजेश प्रताप सिंह का फेडरेशन मैच के लिए छत्तीसगढ़ की गल्र्स टीम को क्वालीफाई कराने महत्वपूर्ण योगदान रहा। टीम के साथ छग राज्य के जनरल सेक्रेटरी सुनील नागदौने उपस्थित थे। समापन में खिलाडिय़ों को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक कुमार द्वारा सम्मानित किया गया।