कोण्डागांव
मंदिर परिसर के नीचे सीढिय़ों पास लिंगेश्वरी माई के छतर का दर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
फरसगांव/केशकाल, 16 सितंबर। फरसगांव ब्लॉक से 10 किमी दूर स्थित ग्राम आलोर झाटीबन में शिव और शक्ति का संगम लिंगेश्वरी देवी (लिंगई माता) लिंग स्वरूपा विराजमान हैं। वर्षों से मान्यता है कि नि:संतान दंपत्ति संतान की कामना लिए हुए देवी का दर्शन करने आते हैं।
इस वर्ष भी बुधवार को समिति के सदस्यों व पुजारी के द्वारा लिंगेश्वरी माई का पट खोला गया । पट खोलने के बाद 5 सदस्यों के द्वारा गुफा में प्रवेश किया गया। इस बार पद चिन्ह में शेर का निशान मिला जिसके बाद विधिवत लिंगेश्वरी माई का पूजा अर्चना किया गया ।
माई के धाम पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु, नहीं मिला माता के दर्शन का अवसर
लिंगेश्वरी माई के समिति सदस्यों द्वारा यह बताया गया था कि माता के दर्शन के लिए कई राज्यों से लोग हजारों की संख्या में पहुंचते हैं, इस बार फिर से कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे दिया है जिसे देखते हुए इस वर्ष पूर्ण रूप से श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक लगाया गया था। फिर भी सुबह से सैकड़ों लोग दर्शन करने पहुंच गए । पुलिस बल ने उन सभी लोगों को मंदिर के द्वार पर ही रोक दिए जिसके बाद कुछ भक्तों के द्वारा बार-बार विनती करने के पश्चात समिति के सदस्यों ने निर्णय लिया और माता लिंगेश्वरी माई का प्रतीकात्मक रूप को मंदिर की सीढिय़ां पर ले जाया गया। जिसके बाद दर्शन करने वाले और मन्नत लेकर पहुंचे लोग दर्शन बाद पुजारी से प्रसाद ग्रहण किये ।
संतान प्राप्ति की कामना को लेकर मन्नत मांगने माता के दरबार में आते हैं श्रद्धालु
नरहरपुर निवासी कमलेश सिन्हा ने बताया कि शादी का 5 साल हो गए हैं लेकिन अब तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी मित्रों से मिली जानकारी के बाद अपनी पत्नी के साथ 2018 में पहली बार आया था जिसके बाद फिर 2019 में आया तो माता रानी की कृपा से पुत्र रत्न की प्राप्त हुई जिसके बाद आज फिर दर्शन करने पहुंचे । कई श्रद्धालुओं का कहना है कि कोरोना के चलते लगातार दूसरी बार लिंगेश्वरी माई के दर्शन करने नहीं मिला है इस बार भी समिति के सदस्यों द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है इसी के चलते हम लोग माता के परिकात्मक रूप का ही दर्शन हुआ। जो लोग दर्शन करने नहीं पहुंच पाए वे सब भी इस न्यूज़ के माध्यम से दर्शन कर अपनी मनोकामना मांग पूरी कर सकते हैं। साथ ही फरस गांव एसडीओपी मणिशंकर चंद्रा ने बताया कि कोरोना के चलते श्रद्धालुओं को माता का दर्शन करने नहीं दिया गया इसलिए चौक चौराहों में पुलिस की व्यवस्था किए हैं और लगातार सुरक्षा को लेने चारों तरफ सिपाही तैनात है । प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी कांग्रेसी नेता रवि घोष के द्वारा स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का व्यवस्था की गई ।