राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 21 सितंबर। लगातार बारिश होने के कारण इलाके में बनाए गए प्रधानमंत्री सडक़ दम तोड़ रहे हैं। घनघोर जंगल में बना गातापार जंगल इलाके की सडक़ों की हालात खस्ता होते जा रहा है।
गातापार से पहले टेमरी गांव से करेलागढ़ जाने वाले प्रधानमंत्री सडक़ में करेलागढ़ से पहले ही प्रधानमंत्री सडक़ निर्माण के दौरान सडक़ के साथ बनाए गए एक पुलिया ही धंस गई है। पुलिया के ऊपर गड्ढा हो गया है। सडक़ के बीच में पुलिया में हुई गड्ढे के कारण पुल में बड़ा छेद हो गया है। इससे करेलागढं के लिए आवाजाही बंद हो गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया के नीचे से चल रही बारिश के पानी की मोटी धार के बाद पुलिया के ऊपर बनाया गया सडक़ का हिस्सा टूटकर पुलिया में ही गिर गया है । गड्ढे के कारण चार पहिया वाहनों की आवाजाही पिछले कुछ दिनों से बंद पड़ा है।
ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत प्रशासन को भी की गई है, लेकिन फिलहाल इसे ठीक करने की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है। नक्सल क्षेत्र में बसे करेलागढ़ ब्लॉक मुख्यालय से जोडऩे यह एकमात्र मार्ग है। लंबे समय से कच्चे रास्तों से आवागमन कर वहां के लोग अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। कुछ साल पहले ही पक्की सडक़ की सौगात मिली थी, लेकिन अब यह सडक़ दम तोड़ चुका है। करेलागढ़ के लोग विभिन्न कार्यों के लिए गातापार जंगल?, पाडादाह सहित खैरागढ़ ब्लॉक मुख्यालय आने जाने के लिए इसी एक मात्र सडक़ का उपयोग कर पाते हैं।
करेलागढ़ के निवासियों को स्वास्थ्य ,बैंक कार्य सहित अन्य शासकीय कार्यों के लिए ब्लॉक मुख्यालय तक आने जाने का एक मात्र इसी सडक़ का सहारा है । सडक़ में बनी पुलिया में बड़ा गड्ढा होने के कारण पिछले कई दिनों से चार पहिया वाहन गांव तक नहीं पहुंच पा रहा है ऐसे में करेलागढ़ वासियों की मुसीबत बढ़ गई है । इसके चलते लोगों को दो पहिया वाहन या पैदल आना जाना पड़ता है। इलाज की सुविधा के लिए एंबुलेंस सहित अन्य वाहन भी करेलागढ़ के घर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं । ग्रामीणों ने सडक़ मरम्मत की कार्रवाई त्वरित रूप से किए जाने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से पक्की सडक़ की बाट जोह रहे करेलागढ़ को कुछ साल पहले ही प्रधानमंत्री सडक़ के रूप में पक्की सडक़ की सौगात मिली थी। सडक़ निर्माण से करेला गढ़ के लिए आवाजाही सामान्य हो गई थी, लेकिन इस बारिश में सडक़ और पुलिया निर्माण की पोल खुल गई है।
पुलिया से सडक़ निर्माण में आनन-फानन में कार्य होने का आरोप लगाते ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के दौरान ठेकेदार ने स्थानीय मटेरियल का ही उपयोग कर सडक़ का निर्माण कर दिया, जिसका निर्माण के दौरान कई बार ग्रामीणों ने विरोध और प्रशासन से शिकायत भी की लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। पुलिया में हुए गड्ढे की जानकारी देने के बाद भी विभागीय अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं।