राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अक्टूबर। बर्फानी सेवाश्रम समिति ने कोरोना वायरस को देखते 7 अक्टूबर से प्रारंभ हुए क्वांर नवरात्रि पर्व को सादगी से मनाने का निर्णय लिया था। वहीं अब महाष्टमी हवन व ज्योति कलश विसर्जन भी आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा किया जाएगा। श्रद्धालुओं से घर पर ही पूजा पाठ करने की अपेक्षा की है।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर से प्रारंभ हो गई है। शारदीय नवरात्र के अवसर पर सिद्धपीठ में पूजा-अर्चना व ज्योति कलश प्रज्जवलन सदस्यों व आचार्यों द्वारा किया गया है । यहां 1797 ज्योति कलश प्रज्जवलित है। 10 अक्टूबर को पंचमी के अवसर पर विशालकाय मां पाताल भैरवी, मां काली, गणेश जी महाराज, मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या, पातालेश्वर महादेव, शिव शंकर भोले भंडारी द्वादश ज्योतिर्लिंग, हनुमान जी महाराज, भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया।
संस्था के अध्यक्ष राजेश मारू, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महेन्द्र लूनिया, महंत गोविंद दास, कुलबीर छाबड़ा, सूरज जोशी, कमलेश सिमनकर, आलोक जोशी, संतोष खंडेलवाल, बलविंदर सिंह भाटिया, मनीष परमार, संजय खंडेलवाल, दामोदर अग्रवाल, लीलाधर सिंह एवं अन्य सदस्यों ने निर्णय लिया कि महाष्टमी हवन13 अक्टूबर व ज्योति कलश विसर्जन 14 अक्टूबर पर मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ के सदस्यों द्वारा महाअष्टमी हवन एवं ज्योति कलश विसर्जन किया जाएगा। इस आयोजन में श्रद्धालुओं की सहभागिता कोरोना गाईड लाइन के तहत होगी। संस्था ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते दुर्गा नवमीं में होने वाले कुंवारी कन्या भोजन व सार्वजनिक भंडारा प्रसादी कार्यकम को स्थगित कर दिया है।
शरद पूर्णिमा पर नहीं बंटेगी जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसाद
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में पिछले 22 वर्षों से आयोजित किए जाने वाले शरद पूर्णिमा महोत्सव पर इस बार 20 अक्टूबर को श्वांस दमा व अस्था पीडि़तों को जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा। इसके लिए कोई भी पीडि़ततजन मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ न पहुंचे।