राजनांदगांव

दो साल का कार्यकाल पूरा होते ही एमआईसी में दुलारी को एंट्री, सुनीता बाहर
20-Jan-2022 12:08 PM
दो साल का कार्यकाल पूरा होते ही एमआईसी में दुलारी को एंट्री, सुनीता बाहर

फेरबदल से निगम की राजनीति में कोहराम मचने के आसार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 जनवरी।
महापौर हेमा देशमुख ने दो साल का कार्यकाल के पूरा होने के बाद एमआईसी में नए सदस्य के रूप में दुलारी साहू को एंट्री दी है। दुलारी साहू लखोली क्षेत्र से कांग्रेस की पार्षद है। वह बाजार विभाग की सभापति सुनिता फडऩवीस की जगह  लेंगी। बुधवार देर शाम को एकाएक महापौर ने फडऩवीस को हटाकर दुलारी को एमआईसी सदस्य मनोनीत किया।

महापौर ने फडऩवीस को किस वजह से टीम से बाहर किया है, यह साफ नहीं है। अंदरखाने चर्चा है कि सुनिता फडऩवीस और महापौर के बीच संबंध अच्छे नहीं है। राजनीतिक रूप से दोनों एक-दूसरे को प्रतिद्वंदी मानते हैं। सियासी हल्के में सुनिता फडऩवीस की नाराजगी की वजह यह है कि निगम की सियासत में उन्हें कमतर आंका गया है। जिसके चलते दोनों के बीच आपसी वार्ता और मेल-मुलाकात भी कम रही है। इधर एक अहम फैसला करते महापौर ने एमआईसी का पुनर्गठन करते हुए दुलारी साहू को बाजार विभाग का जिम्मा दिया है। दुलारी दो बार की निर्वाचित पार्षद है। महापौर हेमा देशमुख के साथ दुलारी के राजनीतिक रिश्ते काफी अच्छे हैं। महापौर ने 10 सदस्यों में से एकमात्र सुनिता फडऩवीस को ही टीम से बाहर किया है।

मिली जानकारी के मुताबिक सुनिता फडऩवीस इस फैसले से काफी आहत हैं। उनका इस मामले को लेकर अभी तक प्रतिक्रिया सामने नहीं आया है, लेकिन यह तय है कि कांग्रेस की सियासत में यह मसला कोहराम मचा सकता है। उधर फडऩवीस को हटाए जाने की एक और वजह में दुकान आबंटन में खुलकर महापौर के खिलाफ खड़ा होना भी है। कमला कॉलेज चौक के दुकानों के आबंटन की प्रक्रिया को लेकर भी श्रीमती फडऩवीस काफी मुखर थी। माना जा रहा है कि उन्हें इस विरोध के चलते एमआईसी से बाहर किया गया है।


चेयरमेन बनकर काम करना पसंद था, चेहरामेन नहीं-सुनिता
एमआईसी से हटाए जाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में ‘छत्तीसगढ़’ से बातचीत में श्रीमती फडऩवीस ने कहा कि चेयरमेन बनकर काम करना उनकी पहली पसंद थी। चेहरामेन के तौर पर वह कभी भी काम करने के पक्ष में नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि भाजपा राज में हुए घोटाले और भ्रष्टाचार की फाईल अब भी धूल खा रही है। उन्होंने कहा कि महापौर का यह विशेषाधिकार है कि वह अपनी टीम में किसे रखे और किसे न रखे, लेकिन यह भी सच है कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत दुकानों से मिलने वाली आय बंद पड़ी है, जिससे लाखों रुपए के राजस्व से निगम को हाथा धोना पड़ रहा है। श्रीमती फडऩवीस ने कहा कि वह पद के लिए काम नहीं करेंगी, लेकिन जनहित से जुड़े मुद्दों पर वह मुखर रहेंगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री, नगरीय निकाय मंत्री, प्रभारी मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से  शिकायत करेंगी। श्रीमती फडऩवीस ने कहा कि कांग्रेस की गरीबों के उद्धार की नीति के तहत वह काम कर रही थी। आगे भी वह गरीबों के साथ खड़ी होकर संघर्ष करेंगी।

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