बीजापुर
पूर्व विधायक ने की जांच की मांग, दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 20 जनवरी। बीजापुर जिले के तहसील में जनपद पंचायत भोपालपटनम के ग्राम पंचायत अटुकपल्ली में पूर्व विधायक एवं अविभाजित म.प्र उपनेता राजाराम तोड़ेम ने सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं मनरेगा के इंजीनियर पर बिना कार्य किये नवीन तालाबों की राशि आहरण कर लाखों की हेराफेरी करने का आरोप लगाया।
ग्राम पंचायत के किसी भी मजदूर से इन तालाबों में न मजदूरी कराया गया और न ही किसी मजदूर को मनेरगा के तहत काम मिला, किन्तु बिना कार्य किये ही लाखों रुपयों का आहरण कर लिया गया है। वस्तुस्थिति जानने के लिए अटुकपल्ली के आश्रित गांव कोंडामासम में मीडिया पहुंची तो पता चला कि पुराने तालाब को ही लीपापोती कर नया बना दिया।
इस संबंध में जनपद सीईओ विजय नारायण तिवारी ने कहा कि कलेक्टर ने जांच करने को कहा है। जांच में दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। अगर गलत हुआ है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
राजाराम तोड़ेम ने विज्ञप्ति जारी करते हुए जिले के जनपद पंचायत भोपालपटनम के क्षेत्र में आने वाले अटुकपल्ली में तालाबों के निर्माण में लाखों के भ्रष्टाचार और हेराफेरी का आरोप लगाया है। ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम कोंडामासम में नवीन निर्माणाधीन तालाब जो कि वर्ष 2020 प्रशासकीय स्वीकृति 17 लाख 15 हजार 231 रू.हुआ, बिना नवीन तालाब निर्माण किये ही इस राशि से 12 लाख 71 हजार 944 रू. आहरण किया गया।
तोड़ेम ने कहा है कि अटुकपल्ली में नवीन तालाब के लिए 19 लाख 39 हजार 642 रू. स्वीकृति मिली थी, जिसमें बिना तालाब बनाए 17 लाख 88 हजार 660 रु.आहरण किया गया। नरोनापल्ली में भी नवीन तालाब के लिए वर्ष 2020 19 लाख 20 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी। इस राशि में भी बिना तालाब निर्माण किये 8 लाख 79 हजार 654 रुपये की राशि का आहरण किया गया।
यह सभी नवीन तालाबों का निर्माण कार्य मनरेगा के तहत स्वीकृत हुए थे। ग्राम पंचायत के किसी भी मजदूर से इन तालाबों में न मजदूरी कराया गया और न ही किसी मजदूर को मनेरगा के तहत काम मिला, किन्तु बिना कार्य किये ही लाखों रुपयों का आहरण कर लिया गया है।
तोड़ेम ने ग्राम पंचायत के सरपंच कुरसम विनोदा, सचिव रवि दुर्गम, रोजगार सहायक वासम नरेंद्र एवं तकनीकी सहायक अम्बाला समैया को तत्काल पद से हटाकर निष्पक्ष जाँच की मांग शासन- प्रशासन से की है।
निर्माणाधीन तालाबों की निष्पक्षता से जांच हो, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। तालाब मूल्यांकन करने वाले सब इंजीनियर या तकनीकी सहायक पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि उक्त तालाब का निर्माण तत्कालीन सचिव के द्वारा वर्ष 2015-16 लगभग में बनाया गया। ग्रामीणों ने कहा कि 20 से 25 मजदूरों ने 15 दिन काम किया और पुराने तालाब को ही लीपापोती की है। इस तालाब में पानी का नामोनिशान नहीं, ग्राम में सिंचाई का कोई साधन न होने के कारण किसान परेशान हैं। तालाब भी ऐसे जगह बनाया गया, जहाँ पानी को दरार युक्त पत्थरों की मौजूदगी में जल को सोख लेता है। प्रधानमंत्री सडक़ के ठेकेदार ने यहाँ से मुरुम खोदकर सडक़ निर्माण में उपयोग किया।